बजट सरकार का वार्षिक वित्तीय विवरण होता है जो अगले वर्ष के लिए देश का राजकोषीय रोडमैप तैयार करता है। यह नीति आयोग (NITI Aayog) के परामर्श से वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किया जाता है।
बजट बनाने की प्रक्रिया अगस्त-सितंबर से ही शुरू हो जाती है। अगला वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल) होने से पहले इसे दोनों सदनों यानि लोक सभा (Lok Sabha) और राज्य सभा (Rajya Sabha) से पारित करने की आवश्यकता होती है।
भारत सरकार द्वारा इस साल भी बजट कागज रहित रूप से पेश किया जायेगा। दरअसल, कोविड (Covid) महामारी के दौरान से ही भारत सरकार ने बजट एप के ज़रिये जारी करना शुरू कर दिया है।
अब आपको बताते है की बजट तैयार करने की पूरी प्रक्रिया क्या होती है।
सबसे पहले वित्त मंत्रालय द्वारा सभी दूसरे मंत्रालयों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, और स्वायत्त निकायों से आने वाले वित्तीय वर्ष के अनुमान बताने के लिए एक पत्र लिखा जाता है। इसके साथ ही सभी अपने पिछले वित्तीय वर्ष के राजस्व और व्यय की भी जानकारी साझा करते है।
सभी के अनुरोध प्राप्त करने के बाद सरकार के शीर्ष अधिकारियों द्वारा इसकी जांच की जाती है। इसपर मंत्रालयों और व्यय विभाग के बीच व्यापक विचार-विमर्श किया जाता है। अनुमोदन के बाद, डेटा को वित्त मंत्रालय को भेजा जाता है।
सभी सिफारिशों पर गहन विचार-विमर्श के बाद वित्त मंत्रालय उन्हें राजस्व आवंटित करता है।
वित्त मंत्री विभिन्न हितधारकों के साथ उनकी मांगे और सुझाव जानने के लिए बजट पूर्व बैठक भी करते है। इन हितधारकों में राज्यों के प्रतिनिधि, कृषि विशेषज्ञ, बैंकर, अर्थशास्त्री, (economist) और ट्रेड यूनियन (Trade Union) शामिल है।
बजट पूर्व विचार विमर्श होने के बाद प्रधानमंत्री के साथ चर्चा कर के वित्त मंत्री द्वारा सभी मांगो पर अंतिम फैसला लिया जाता है।
हर साल, सरकार बजट पेश होने के कुछ दिन पहले पारंपरिक हलवा समारोह आयोजित करती है। यह समारोह बजट दस्तावेज़ों की छपाई को चिन्हित करता है।
परंपरा के एक हिस्से के रूप में, हलवा को एक बड़ी कढ़ाई में तैयार किया जाता है और वित्त मंत्रालय में पूरे कर्मचारियों को परोसा जाता है।
इस आयोजन का महत्व यह है कि मिठाई परोसे जाने के बाद, बड़ी संख्या में अधिकारी और सहायक कर्मचारी, जो सीधे तौर पर बजट बनाने से जुड़े होते हैं, उन्हें बजट पेश होने तक अपने परिवारों से अलग मंत्रालय में रहना पड़ता है।
बजट 2023 (Budget 2023) कठिन दौर के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था के लिए रास्ता दिखाएगा जब उन्नत अर्थव्यवस्थाएं मंदी से जूझ रही होंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के पांचवें बजट में आम आदमी के लिए ऐसे समय में रियायतें देने की उम्मीद है जब महंगाई ने उनकी जेब पर भारी बोझ डाल दिया है। इनकम टैक्स (Income tax) के मोर्चे पर सुस्ती के बाद डिस्पोजेबल इनकम (disposable income) बढ़ाने के उपाय हो सकते हैं।
Ritu Singh