जोमैटो ने अपने नए सीईओ और सीओओ चुने

अरोड़ा ने पिछले साल सहसंस्थापक के रूप में पदोन्नत होने से पहले जोमैटो के स्वामित्व वाले त्वरित वाणिज्य मंच ब्लिंकइट में संचालन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद पर थे।
जोमैटो ने अपने नए सीईओ और सीओओ चुने(IANS)

जोमैटो ने अपने नए सीईओ और सीओओ चुने

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फूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी कारोबार

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न्यूजग्राम हिंदी: ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) ने वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजे रहने के बाद शीर्ष प्रबंधन में बदलाव किया है। जोमैटो ने बीएसई को सूचित किया कि उसने राकेश रंजन (Rakesh Ranjan) को अपने फूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी कारोबार का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और रिंशुल चंद्रा (Rishul Chandra) को इस कारोबार का मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) नियुक्त किया है।

ऋषि अरोड़ा (Rishi Arora) को कंपनी की सहायक इकाई हाइपरप्योर का सीईओ बनाया गया है।

रंजन पहले जोमैटो में नए कारोबार के बिजनेस हेड थे और चंद्रा कंपनी में उत्पाद के उपाध्यक्ष थे।

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अरोड़ा ने पिछले साल सहसंस्थापक के रूप में पदोन्नत होने से पहले जोमैटो के स्वामित्व वाले त्वरित वाणिज्य मंच ब्लिंकइट में संचालन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद पर थे।

कंपनी ने बीएसई को बताया, राकेश, रिंशुल और ऋषि विभिन्न भूमिकाओं में पांच साल से अधिक समय से जोमैटो/ब्लिंकिट के साथ हैं। हमारा मानना है कि सक्षम लोगों को कमान सौंपने के लिए समय-समय पर नेतृत्व में बदलाव व्यवसाय के लिए नए दृष्टिकोण लाता है ताकि यह तेजी से विकसित हो सके।

इस तरह के नेतृत्व परिवर्तन लोगों के विकास के लिए भी बहुत अच्छे हैं, और हमें विश्वास है कि हमारी मानव संसाधन की रणनीति हमें अब से दशकों तक भी सफलता के लिए स्थापित करेगी।

जोमैटो ने कहा कि लाभ अनुपात में सुधार के मामले में अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है। वह कम समय में अब तक के परिणामों से प्रसन्न है।

<div class="paragraphs"><p>ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो</p></div>

ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो

Wikimedia Commons

जोमैटो ने वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में एक निश्चित न्यूनतम मूल्य से कम के ऑर्डर के लिए डिलीवरी शुल्क लेना शुरू किया है। इसके कारण रेस्टोरेंट्स में हाइपरप्योर से ऑर्डर करने को लेकर कुछ मंथन भी हुआ।

कंपनी ने अपने शेयरधारकों को पत्र में कहा, चौथी तिमाही में यूनीक रेस्टोरेंट की संख्या घटकर 42 हजार रह गई जबकि तीसरी तिमाही में यह संख्या 44 हजार थी। इसके बावजूद, कारोबार से होने वाले लाभ का अनुपात बेहतर हुआ है।

--आईएएनएस/PT

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