
उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रैक्टिस "डार्क पैटर्न" के समान हैं जो खरीदारों का शोषण करती हैं और निष्पक्ष व्यापार सिद्धांतों के खिलाफ हैं।
केंद्रीय मंत्री की ओर से यह बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (X) पर एक यूजर्स की पोस्ट के जवाब में दिया गया है, जिसमें ई-कॉमर्स प्लेयर फ्लिपकार्ट की ओर से ऑफर हेंडलिंग फीस, पेमेंट हेंडलिंग फीस और प्रोटेक्ट प्रॉमिस जैसी कई फीस बसूलने का जिक्र किया गया था।
जोशी ने कहा कि उपभोक्ता मामलों के विभाग को सीओडी शुल्क के खिलाफ शिकायतें पहले ही मिल चुकी हैं और उन्होंने विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
उन्होंने आगे कहा, "प्लेटफॉर्म की बारीकी से जांच की जा रही है और उपभोक्ता अधिकारों के किसी भी उल्लंघन पर भारत के बढ़ते ई-कॉमर्स क्षेत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और निष्पक्ष व्यवहार बनाए रखने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
विभाग न केवल अनुचित शुल्कों की निगरानी कर रहा है, बल्कि इस बात पर भी नजर रख रहा है कि ये कंपनियां वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का लाभ उपभोक्ताओं तक कैसे पहुंचाती हैं।
इससे पहले उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के माध्यम से अब तक जीएसटी से संबंधित 3,981 प्रश्नों और शिकायतों का समाधान किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "सीसीपीए शिकायतों पर कड़ी नजर रख रहा है और पारदर्शिता सुनिश्चित कर रहा है, साथ ही, उपभोक्ताओं को गलत सूचनाओं से बचा रहा है। यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि जीएसटी सुधारों का लाभ वास्तव में हर भारतीय तक पहुंचे।"
उन्होंने कहा कि जहां भी कर लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच रहे हैं, वहां जीएसटी अधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं।
(BA)