वैश्विक जीडीपी में तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता भारत

मध्यम अवधि के लिए नागेश्वरन ने ऊर्जा सुरक्षा के महत्व और जीवाश्म ईंधन से दूर एक प्रबंधित परिवर्तन की जरूरत पर बल दिया।
वैश्विक जीडीपी में तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता भारत (IANS)
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न्यूजग्राम हिंदी: मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन (Dr. V. Anant Nageshwaran) ने गुरुवार को कहा कि भारत इस साल वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद/Gross Domestic Product (जीडीपी) में तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता होगा। फिक्की (FICCI) द्वारा आयोजित इंटरैक्टिव सत्र में अपने संबोधन में नागेश्वरन ने कहा : हम 2014 में 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थे, और हम 2027 में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद करते हैं।

उनके अनुसार, इसे हासिल करने के लिए देश को 'सही काम करना' जारी रखना होगा।

उन्होंने उल्लेख किया कि सहस्राब्दी की शुरुआत के बाद से वैश्विक जीडीपी विकास में भारत का योगदान छह गुना बढ़ गया है।

नागेश्वरन ने कहा, भारत इस साल वैश्विक जीडीपी में तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता बनने के लिए तैयार है।

वैश्विक जीडीपी में तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता भारत (IANS)
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उनके अनुसार, वित्तवर्ष 23 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.2 प्रतिशत की मजबूत थी, अंतिम आंकड़े के और भी अधिक होने की उम्मीद थी।

उन्होंने कहा, "हमारे पास लगातार दो अच्छे साल रहे हैं, जो महामारी से प्रेरित संकुचन से उबरने को मजबूत करते हैं।"

उन्होंने कहा कि वित्तवर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में कम वृद्धि के आंकड़े आधार प्रभाव समायोजन के कारण थे, न कि आर्थिक गति में कमी के कारण।

वित्तवर्ष 2024 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत होगी। यह आंकड़ा वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) दोनों द्वारा समर्थित है।

2024 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत (Pixabay)
2024 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत (Pixabay)

उन्होंने वित्तवर्ष 2026 तक राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 5.9 प्रतिशत से घटाकर 4.5 प्रतिशत करने का हवाला देते हुए आर्थिक सुधार का समर्थन करते हुए वित्तीय रूप से जिम्मेदार बने रहने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

मध्यम अवधि के लिए नागेश्वरन ने ऊर्जा सुरक्षा के महत्व और जीवाश्म ईंधन से दूर एक प्रबंधित परिवर्तन की जरूरत पर बल दिया। इसके अलावा, उन्होंने खोई हुई स्कूली शिक्षा पर महामारी के प्रभाव को कम करने और भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश की क्षमता का दोहन करने के लिए शैक्षिक सुधारों की जरूरत पर बल दिया।

--आईएएनएस/PT

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