केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 महामारी की तीन लहरों के बावजूद भारत इस समय दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। रिजिजू ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय (The Gauhati High Court) द्वारा आयोजित 'पर्यावरण और सतत विकास - न्यायपालिका की भूमिका' और 'भारतीय न्यायपालिका का डिजिटलीकरण - न्याय के वितरण में इसका प्रभाव' विषय पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मंत्री ने कहा कि हालांकि, जब हम इसकी तुलना विकसित देशों से करते हैं, भारत में प्रति व्यक्ति जीडीपी (GDP) अभी भी खराब है।
उन्होंने कहा, "आज, भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2,100 डॉलर है। हालांकि यह बहुत कम है, जब हम समग्र रूप से भारत की गणना करते हैं तो यह 3.23 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के करीब है और यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।"
इस कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma), सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश भी शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "मध्य स्तर के देशों के लिए विकास का अंतर्राष्ट्रीय मानक 12,000 डॉलर प्रति व्यक्ति आय है और हमें विकसित स्थिति प्राप्त करने से पहले उस स्थिति तक पहुंचना होगा।"
मंत्री ने चेतावनी दी, "लेकिन, 2,100 डॉलर से 12,000 डॉलर तक बढ़ने से पर्यावरण पर असर पड़ सकता है।"
रिजिजू ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत के विकास और विकास में न्यायपालिका की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होने जा रही है।
संगोष्ठी का आयोजन गुवाहाटी उच्च न्यायालय और असम सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।
आईएएनएस/PT