चंडीगढ़ के अधिवक्ता अजय जग्गा ने सोमवार को एक शिकायत में कहा कि कोई भी रेस्तरां उत्पादों पर 18 फीसदी कर नहीं लगा सकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कुछ भोजनालय उत्पादों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगा रहे हैं।
जग्गा ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर, शिमला आयुक्तालय को एक पत्र में कहा कि हिमाचल प्रदेश के परवाणू शहर में एक भोजनालय अपने परिसरों पर 5 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत जीएसटी वसूल रहा है, जो गलत है।
जग्गा ने एक शिकायत में कहा, "भोजनालयों द्वारा बिक्री पर जीएसटी की दर पांच प्रतिशत है, जबकि पिछले 27 मई को परवाणू के टिम्बर ट्रेल रिसॉर्ट्स के रेस्तरां में जाने पर पता चला है कि यह राज्य जीएसटी के तहत 18 प्रतिशत यानी नौ प्रतिशत की दर से और केंद्र जीएसटी के तहत समान प्रतिशत की दर से जीएसटी वसूल रहा है, जबकि पांच प्रतिशत यानी 2.5 प्रतिशत राज्य जीएसटी और 2.5 प्रतिशत केंद्र जीएसटी के तहत प्रतिशत की दर से जीएसटी वसूल रहा है।"
"एक रेस्तरां के परिसर में पांच प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाना कानून के अनुसार नहीं है और इसकी जांच की आवश्यकता है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश में हर दिन लाखों पर्यटक बिलों का भुगतान कर रहे हैं।"
जग्गा ने इससे पहले उपभोक्ता मामले विभाग और चंडीगढ़ प्रशासन के आबकारी एवं कराधान विभाग में कई शिकायतें की है।
उन्होंने कहा, "यह उपभोक्ताओं पर अनुचित लागत लगाने का एक स्पष्ट मामला है और अगर कोई ऐसा करता है तो यह प्रतिबंधात्मक और अनुचित व्यापार व्यवहार के समान है।"
जग्गा ने कहा, "वाणिज्यिक दृश्ष्टिकोण से कर की उच्च दर (मनमाने तरीके से) उपभोक्ता हित को खत्म नहीं करना चाहिए।"
इससे पहले, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में, उन्होंने कहा था कि केंद्र को सभी राज्यों को आवश्यक सलाह जारी करनी चाहिए कि रेस्तरां अनुचित अतिरिक्त लागत वसूलना बंद कर दें, जो उपभोक्ताओं पर पेस्ट्री, केक आदि जैसी वस्तुओं के लिए लगाया जा रहा है।
(आईएएनएस/JS)