
9 बार नंदी पुरस्कार जीतने वाले अभिनेता सरथ बाबू का निधन
(IANS)
असली नाम सत्यम बाबू दीक्षितुलु
न्यूजग्राम हिंदी: दिग्गज अभिनेता सरथ बाबू (Sarath Babu) का सोमवार को हैदराबाद (Hyderabad) के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे।
सरथ बाबू ने एआईजी अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां उन्हें पिछले महीने भर्ती कराया गया था। पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि वह काफी दिनों से सेप्सिस की बीमारी से जूझ रहे थे और कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके चलते उनका निधन हो गया।
एक्टर को 20 अप्रैल को बेंगलुरु से हैदराबाद लाया गया था और एआईजी में भर्ती कराया गया था।
उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए चेन्नई (Chennai) ले जाने की संभावना है। सरथ बाबू के निधन की खबर से दक्षिणी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई। प्रमुख फिल्मी हस्तियों और राजनीतिक नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
सरथ बाबू, जिनका असली नाम सत्यम बाबू दीक्षितुलु (Satyam babu Dixithulu) था, ने 1973 में तेलुगु फिल्म राम राज्यम के माध्यम से अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत की और बाद में के. बालाचंदर द्वारा निर्देशित तमिल फिल्मों पत्तिना प्रवेशम (1977) और निझाल निजामगिराधु (1978) से लोकप्रिय हुए।
मुख्य रूप से तेलुगु और तमिल फिल्मों में अपने काम के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने कुछ कन्नड़, मलयालम और हिंदी फिल्मों सहित 200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने सहायक भूमिकाओं में बेस्ट एक्टिंग के लिए नौ बार नंदी पुरस्कार (Nandi Awards) जीता है।
कमल हासन, रजनीकांत और चिरंजीवी जैसे शीर्ष अभिनेताओं के साथ काम किया।
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आंध्र प्रदेश के रहने वाले सरथ बाबू एक पुलिस अधिकारी बनना चाहते थे, लेकिन दृष्टि की कुछ समस्या के कारण अपने सपने को साकार नहीं कर सके। उनके पिता चाहते थे कि वे अपने व्यवसाय में शामिल हों लेकिन अपनी मां के सहयोग से उन्होंने फिल्म उद्योग में प्रवेश किया और खुद को एक अभिनेता के रूप में स्थापित किया।
31 जुलाई, 1951 को आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के अमुदलम गांव में जन्मे सरथ बाबू ने एन.टी. रामाराव, कमल हासन, रजनीकांत और चिरंजीवी जैसे शीर्ष अभिनेताओं के साथ काम किया।
--आईएएनएस/PT