

वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि ठंड के दौरान हमारी नाक की कोशिकाओं की रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता कम होती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी (Immunity) को मजबूत रखना सबसे जरूरी हो जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि रोजमर्रा के कुछ बदलाव हमें मौसमी बीमारियों से काफी हद तक बचा सकते हैं और शरीर को प्राकृतिक रूप से संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करते हैं।
सर्दियों में सबसे पहले जरूरी है संतुलित आहार। गर्मागर्म और पोषक भोजन न केवल शरीर को ऊर्जा देते हैं बल्कि इम्यून सिस्टम (Immune System) को भी सक्रिय बनाते हैं। आहार में विटामिन-सी से भरपूर फल जैसे संतरा, नींबू, आंवला और कीवी को शामिल करना चाहिए क्योंकि ये शरीर में एंटीऑक्सिडेंट कार्य करते हैं और प्रतिरक्षा कोशिकाओं को मजबूत बनाते हैं। साथ ही विटामिन-डी (Vitamin D) की कमी सर्दियों में आम हो जाती है क्योंकि धूप कम मिलती है, इसलिए थोड़ी देर धूप लेना और अंडे, मशरूम और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों का सेवन फायदेमंद साबित होता है। प्रोटीन का अच्छा स्रोत—दालें, अंडा, दूध और मेवे—भी शरीर में एंटीबॉडी बनाने में मदद करते हैं, जिससे संक्रमण का असर कम होता है।
इस मौसम में पानी कम पिया जाता है, जबकि शरीर को हाइड्रेशन (Hydration) की उतनी ही जरूरत रहती है। ठंडी हवा त्वचा और श्वास तंत्र दोनों को सुखा देती है, जिससे वायरस आसानी से सक्रिय हो जाते हैं। गुनगुना पानी, सूप, हर्बल टी और काढ़ा न सिर्फ हाइड्रेशन बनाए रखते हैं बल्कि शरीर को गर्माहट भी देते हैं। अदरक, तुलसी, दालचीनी और हल्दी जैसे प्राकृतिक तत्वों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं जो इम्यून सिस्टम को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं।
अमेरिकी की क्राइटन यूनिवर्सिटी ने एक क्लीनिकल ट्रायल में साबित किया कि कैसे विटामिन डी का उचित मात्रा में सेवन लाभकारी साबित इम्युनिटी के लिए अच्छा साबित हो सकता है। करीब 25 रैन्डमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल्स में 10,933 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, जिसमें पाया गया कि नियमित रूप से विटामिन डी सप्लीमेंट लेने वालों में तीव्र श्वसन संक्रमण का जोखिम लगभग 19 फीसदी कम था।
इसका मतलब यह है कि सर्दियों में जब धूप कम मिलती है और विटामिन-डी (Vitamin D) का स्तर गिर सकता है, तभी इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है और विटामिन-डी स्तर बनाए रखना प्रतिरोधक क्षमता के लिए लाभदायक हो सकता है।
नियमित व्यायाम भी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का एक वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित तरीका है। अत्यधिक ठंड में बाहर न निकल पाने की स्थिति में घर पर हल्का वर्कआउट, योग, सूर्य नमस्कार, या 20–30 मिनट की स्ट्रेचिंग (Stretching) शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाती है। व्यायाम के दौरान शरीर साइटोकाइन्स नामक प्रोटीन (Protein) छोड़ता है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा पर्याप्त नींद लेना भी उतना ही जरूरी है। रिसर्च के मुताबिक नींद की कमी से शरीर “इम्यून कोशिकाएं” (Immune Cells) कम बनाने लगता है, जिससे संक्रमण का खतरा दोगुना बढ़ सकता है।
सर्दियों में स्वच्छता का ध्यान रखना भी बेहद महत्वपूर्ण है। हाथ धोना, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना और खांसी-जुकाम (Cough and Cold) वाले व्यक्तियों से दूरी रखना संक्रमण के फैलाव को रोकने में उपयोगी है। जिन लोगों को अस्थमा, एलर्जी या पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियां हैं, उन्हें विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपायों का पालन करना चाहिए। बुजुर्ग, बच्चे और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग सर्दियों में विशेष जोखिम समूह में आते हैं और इन्हें आहार, नींद और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।
[AK]