

इसमें उन्होंने वेब सीरीज में हिंसा, बुरा व्यवहार और गलत छवि दिखाए जाने पर आर्यन (Aryan Khan) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) का कहना है कि रेड चिलीज की वेब सीरीज 'बैड्स ऑफ बॉलीवुड' (Bads of Bollywood) ने एंटी-ड्रग (Anti-Drugs) एजेंसियों और कानून प्रवर्तन की छवि खराब की है और जनता का भरोसा तोड़ा है।
उनका कहना है कि सीरीज में कुछ अश्लील और अपमानजनक दृश्य हैं, खासकर एक पात्र राष्ट्रीय प्रतीक ‘सत्यमेव जयते’ के नारे का अपमान करता है। इसके कारण सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं का उल्लंघन हुआ है।
समीर वानखेड़े की याचिका में कहा गया है कि इस वेब सीरीज में उन्हें और उनके समर्थकों को अपमानित किया गया है, जबकि समीर वानखेड़े और आर्यन खान से संबंधित मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) और मुंबई (Mumbai) की एनडीपीएस की एक विशेष अदालत में सुनवाई जारी है।
समीर वानखेड़े ने अपनी याचिका में शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) और गौरी खान (Gauri Khan) के स्वामित्व वाली रेड चिलीज इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड, मेमोरियल बिल्डिंग और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने अदालत से सीरीज पर स्थायी रोक लगाने और 2 करोड़ रुपये हर्जाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने हर्जाने की रकम टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल में दान करने का प्रस्ताव रखा है।
इससे पहले भी यह सीरीज एक कानूनी विवाद में फंस चुकी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुंबई पुलिस से अभिनेता रणबीर कपूर, वेब सीरीज के निर्माताओं और नेटफ्लिक्स के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश की थी। यह मामला धूम्रपान से जुड़े नियमों के उल्लंघन से जुड़ा है।
दरअसल, 'बैड्स ऑफ बॉलीवुड' के एक सीन में रणबीर कपूर ई-सिगरेट पीते दिखाई दे रहे हैं। इस सीन में किसी तरह की लिखित चेतावनी भी नहीं दिखाई गई है। इसी दृश्य की शिकायत करते हुए एक शख्स विनय जोशी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र लिखा था।
(BA)