इस खूबसूरती पर मरते थे सदाबहार अभिनेता, लेकिन हुई इनकी दर्दनाक मौत

हिंदी सिनेमा में एक्टर तो बहुत हुआ करते थे लेकिन देवानंद जैसी दीवानगी शायद ही किसी के लिए रही हो। हालांकि देवानंद के ऊपर एक एक्ट्रेस इस कदर हावी हुई थी कि लड़कों से लेकर लड़कियां भी उनकी दीवानी हो गई थी।
Bollywood:अदाकारा सबसे पहले 1954 में आई फिल्म टैक्सी ड्राइवर में दिखाई दी थी[Wikimedia Commons]
Bollywood:अदाकारा सबसे पहले 1954 में आई फिल्म टैक्सी ड्राइवर में दिखाई दी थी[Wikimedia Commons]

80–90s के अभिनेताओं की बात ही कुछ अलग थी। आज भी जब उनके एक्टिंग को लोग पर्दे पर देखते हैं तो उनकी पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं। एक से एक खूबसूरत एक्ट्रेस और एक्टर्स हुआ करते थे, जिनके पीछे लोग पागल थे। तो चलिए आज हम आपको एक ऐसी एक्टर की कहानी बताते हैं जिन्होंने अपने फ़िल्मी करियर में तो खूब नाम कमाया लेकिन उनकी मौत काफी दर्दनाक हुई।

कौन थी वह ऐक्ट्रेस

हिंदी सिनेमा में एक्टर तो बहुत हुआ करते थे लेकिन देवानंद जैसी दीवानगी शायद ही किसी के लिए रही हो। हालांकि देवानंद के ऊपर एक एक्ट्रेस इस कदर हावी हुई थी कि लड़कों से लेकर लड़कियां भी उनकी दीवानी हो गई थी। अदाकारा सबसे पहले 1954 में आई फिल्म टैक्सी ड्राइवर में दिखाई दी थी। टैक्सी ड्राइवर फिल्म एक रोमांटिक म्यूजिकल फिल्म थी। इस फिल्म को चेतन आनंद ने निर्देशित किया था।

 टैक्सी ड्राइवर फिल्म एक रोमांटिक म्यूजिकल फिल्म थी। [Wikimedia Commons]
टैक्सी ड्राइवर फिल्म एक रोमांटिक म्यूजिकल फिल्म थी। [Wikimedia Commons]

इस फिल्म में देवानंद के साथ कल्पना कार्तिक, शीला रामानी और जॉनी वॉकर ने शानदार एक्टिंग की थी। इस फिल्म के बाद शीला रामानी रातों-रात स्टार बन गई थी। इस फिल्म से उन्हें ऐसा स्टार्डम मिला कि उनका सड़क पर चलना मुश्किल हो गया था। जी हां कहां जाता है कि वह जहां जाती फैंस की भीड़ उन्हें घेर लेती थी। उनके स्टारडम के आगे देवानंद भी फीके नजर आने लगे थे। इसके साथ ही बॉलीवुड के सुपरस्टार देवानंद से लेकर सुनील दत्त उन्हें खूब पसंद भी किया करते थे।

दर्दनाक रही मौत

कहां जाता है कि शीला रामानी भारत की ऐसी पहली अदाकारा थीं जिन्होंने बंटवारे के बाद पाकिस्तान फिल्म में काम किया था। 1959 में आई पाकिस्तान फिल्म अनोखी में उन्होंने लीड रोल निभाया था। शीला रमानी ने तीन बत्ती चार रस्ता, किशोर कुमार के साथ किया नौकरी, सुनील दत्त के साथ रेलवे प्लेटफार्म, तो वही जंगल किंग और रिटर्न ऑफ मिस्टर सुपरमैन में शानदार एक्टिंग कर दर्शकों का दिल जीत लिया था।

उनका यूं गुमनामी में दम तोड़ देना आज भी उनके फैंस का दिल तोड़ देता है[Wikimedia Commons]
उनका यूं गुमनामी में दम तोड़ देना आज भी उनके फैंस का दिल तोड़ देता है[Wikimedia Commons]

1967 में आई आवारा लड़की उनकी आखिरी फिल्म थी जबकि देवानंद संग उनकी आखिरी फिल्म फंटूश थी। कहा जाता है कि शीला अपने आखिरी दिनों में कोमा में चली गई थी वह लंबे वक्त से अल्जाइमर की बीमारी से जूझ रही थीं, तब उनकी मौत बहुत दर्द में हुई थी। उन्होंने अपने मध्य प्रदेश के घर में अपना दम तोड़ा था। शीला उन अभिनेत्री में शामिल थीं जिनकी लोकप्रियता उस दौर में बहुत थी और उनका अभिनय पूरा बॉलीवुड देखकर हैरान रह जाता था। हालांकि उनका यूं गुमनामी में दम तोड़ देना आज भी उनके फैंस का दिल तोड़ देता है बता दे की 83 साल की शीला ने 16 जुलाई 2015 को आखिरी सांस ली थी।

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