भारत में फिल्मों के प्रति लोगों का प्यार हमेशा से देखने को मिला है। चाहे वह 90 का दशक हो या आज का समय फिल्मों के प्रति लोगों की लालसा और प्यार कभी नहीं बदला। एक दौर हुआ करता था कि जब अपने पसंदीदा हीरो की फिल्म देखने के लिए लोग दो-चार दिन टिकट के लिए लाइन में खड़े होकर इंतजार किया करते थे। आज हम आपको इसी फिल्मी दुनिया के एक ऐसे एक्टर की कहानी बताएंगे जिन्होंने करीबन 40 साल पहले अपने हीरो बनने के सफर की शुरुआत की थी।
आज से 40 साल पहले जैकी श्रॉफ एक फिल्म में नजर आए थे जिसको डायरेक्ट किया था सुभाष घई ने और नाम था हीरो। फिल्म के म्यूजिक को लक्ष्मीकांत प्यारेलाल प्यारेलाल रामप्रसाद शर्मा और लक्ष्मीकांत और शांताराम कुंडल करने मिलकर तैयार किया था। फिल्म हीरो एक ऐसे समय पर रिलीज हुई थी जिस वक्त बड़े-बड़े सुपरस्टार एक्टर्स के फिल्में भी रिलीज हुई थी। जब हीरो रिलीज हुई तो सिनेमा प्रेमी ने यह मान लिया था कि मार्क्स के पैसे डूब गए लेकिन फिर भी ऐसा करिश्मा हुआ कि सिर्फ 3 करोड़ में बनी फिल्म पांच गुनी से ज्यादा कमाई कर गई।
दरअसल उन दिनों थिएटर अमिताभ बच्चन की फिल्म कुली रिलीज हुई थी। यह वही फिल्म थी जिसमें अमिताभ बच्चन घायल हुए थे और उनको परदे पर देखने के लिए थिएटर में भारी भीड़ लगा करती थी। प्लीज इतना बढ़ गया था कि लोगों तक नहीं मिली थी। इसी दौरान सुभाष घई की भी फिल्म रिलीज हुई जिसका नाम था हीरो। जैकी श्रॉफ और मीनाक्षी से सदरी दोनों की यह फिल्म पहली फिल्म थी। यानी जैकी श्रॉफ ने इस फिल्म के द्वारा ही अपनी डेब्यू की थी जैकी श्रॉफ की टक्कर तब के बॉक्स ऑफिस के बादशाह अमिताभ बच्चन से हुई फिल्म रिलीज हुई तो लोगों को लगा था की फिल्म पूरी तरह से फ्लॉप होगी क्योंकि कुली के आगे दो नए कलाकारों की फिल्में कौन देखेगा। लेकिन अभी से चमत्कार कहा जा सकता है या फिर लोगों की मजबूरी।
उसे समय थियेटर्स दूर-दूर होते थे तब अमिताभ की फिल्म का टिकट नहीं मिल पाया तो दूसरे हाल में लगी फिल्म हीरो देखने के लिए कई लोग चले गए। फिल्म की कहानी काफी अच्छी थी फल में जाकर श्रॉफ के साथ शम्मी कपूर संजीव कुमार भी द। फिल्म देख कर जो बाहर आता तो कहता वह क्या फिल्म है। आए हो तो फिल्म हीरो देख लो बस कुली के टिकट न मिलने से मायूस लोगों ने फिर हीरो देखने शुरू की और जैकी दादा का कैरियर चमक गया।