

दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक रिश्ते बहुत पुराने हैं और उसका बहुत ज्यादा श्रेय हिंदी सिनेमा को भी जाता है। हिंदी सिनेमा (Hindi Cinema) के कुछ कलाकारों ने सोवियत संघ के बाजारों पर अपनी फिल्मों के जरिए छाप छोड़ी। उन्हीं में से एक अभिनेता थे धर्मेंद्र देओल, जिनका निधन 24 नवंबर 2025 को उम्र संबंधी बीमारियों के बाद हुआ।
वैसे तो धर्मेंद्र (Dharmendra) की बहुत सारी फिल्मों को रूस में रिलीज किया गया, लेकिन उनकी "अलीबाबा और चालीस चोर" का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। "अलीबाबा और चालीस चोर" फिल्म का निर्माण सिर्फ भारत की कंपनी के बैनर तले ही नहीं हुआ, बल्कि फिल्म का सह-निर्माण भारत की ईगल फिल्म्स और सोवियत संघ के उज्बेकफिल्म स्टूडियो ने मिलकर किया था। फिल्म न केवल भारत सुपरहिट साबित हुई, बल्कि इसका जादू रूस में भी चला।
फिल्म को रूसी भाषा में रिलीज किया गया और ये दोनों देशों में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी। फिल्म भारत के सिनेमाघरों (Cinemas) पर 25 हफ्तों तक लगातार चली और फिल्म ने भारत में 3 करोड़ की कमाई की। वहीं सोवियत संघ में भी फिल्म ने लगभग 2 करोड़ की शानदार कमाई की थी। इस फिल्म ने धर्मेंद्र को ग्लोबल आइकन बना दिया था।
रशिया में रिलीज के बाद फिल्म "अलीबाबा और चालीस चोर" में धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की रोमांटिक केमिस्ट्री को काफी पसंद किया गया था। धर्मेंद्र को उनकी खूबसूरती की वजह से पहले ही भारत में पसंद किया जा रहा है, लेकिन रशिया में भी अपनी पर्सनैलिटी और हैंडसम चेहरे की वजह से उन्हें अलग पहचान मिली।
"अलीबाबा और चालीस चोर" के अलावा धर्मेंद्र की 'धरमवीर' फिल्म भी रशिया में हिट साबित हुई थी। फिल्म (Film) साल 1997 की दूसरी बड़ी हिट बनकर उभरी थी और रशिया में फिल्म के 3 करोड़ से ज्यादा टिकट बिके थे। फिल्म ने भारत के सिनेमाघरों पर तकरीबन 50 हफ्तों तक अपना जादू बिखेरा था और इसी फिल्म की वजह से फैंस ने उन्हें 'आयरन' मैन का टैग दिया था।
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