आपने अब तक नहीं देखी विशाल भारद्वाज की ये 5 क्राइम थ्रिलर

विशाल भारद्वाज को शेक्सपियर की कहानियां का हिंदी वर्जन में व्यूअर्स के सामने पेश करते हुए देखा जा सकता है। भारद्वाज जी ने शेक्सपियर की ओथेलो, हैमलेट कैसी मशूर कहानियों को हिन्दी में एक अलग अंदाज़ के साथ पेश किया
विशाल भारद्वाज अपनी फिल्मों के लिए काफी चर्चा में रहते हैं [Wikimedia Commons]
विशाल भारद्वाज अपनी फिल्मों के लिए काफी चर्चा में रहते हैं [Wikimedia Commons]
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Entertainment:- बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर विशाल भारद्वाज अपनी फिल्मों के लिए काफी चर्चा में रहते हैं। उनकी फिल्में एक अलग कहानी और किरदारों को लेकर आती है। पिछले 28 सालों में विशाल भारद्वाज ने बॉलीवुड को कई सारी ऐसी फिल्में दी जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल था। खासतौर पर विशाल भारद्वाज को शेक्सपियर की कहानियां का हिंदी वर्जन में व्यूअर्स के सामने पेश करते हुए देखा जा सकता है। भारद्वाज जी ने शेक्सपियर की ओथेलो, हैमलेट कैसी मशूर कहानियों को हिन्दी में एक अलग अंदाज़ के साथ पेश किया, अभी फिर इनकी एक नई फ़िल्म आ रही है, जिसका नाम खुफिया है। 

कौन है विशाल भारद्वाज

विशाल भारद्वाज बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर है, इनका जन्म उतर प्रदेश में बिजनौर में हुआ था। कॉलेज के दिनों में वे गजल गाया करतें थें, और अपने दोस्तों के लिए हारमोनियम बजाया करते थें। जब दिल्ली के हिंदू कॉलेज से उन्होंने मुंबई का रुख किया तो उन्होंने पहले अपनी पहचान बतौर म्यूजिक डायरेक्टर की बनाई। उन्होंने गुलजार की 'माचिस', रामगोपाल वर्मा की 'सत्या', चाची 420 और गॉडमदर जैसी सुपरहिट फिल्मों में संगीत दिया। विशाल ने 1995 से 2002 तक कई फिल्मों और सीरियल्स के म्यूजिक को कंपोज किया। उन्हें साल 1999 में गॉडमदर के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का नेशनल अवॉर्ड भी मिला। उनकी पत्नी रेखा भारद्वाज भी जानी-मानी गायिका है।  2002 से उन्होंने डायरेक्शन के क्षेत्र में हाथ आजमाया। 

फिल्मों की दुनिया में कब रखा क़दम

बतौर फिल्म डायरेक्टर विशाल की पहली फिल्म मकड़ी है। इसमें शबाना आजमी मुख्य भूमिका में थी। इस फिल्म को भी नेशनल अवॉर्ड मिला। विशाल अलग किस्म की फिल्में करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 2002 से अब तक सिर्फ 22 फिल्में ही बनाई है। जिसमें चार फिल्मों को नेशनल अवॉर्ड मिला है। इससे उनके टैलेंट और रेंज का पता चलता है। विशाल अपनी दूसरी फिल्म से जता दिया कि वो क्या कर सकते हैं। बतौर डायरेक्टर उनकी दूसरी फिल्म मकबूल थी। 

'मकबूल' विलियम शेक्सपियर के नाटक मैकबेथ पर आधारित थी[Wikimedia Commons]
'मकबूल' विलियम शेक्सपियर के नाटक मैकबेथ पर आधारित थी[Wikimedia Commons]

विशाल भारद्वाज की फिल्म 'मकबूल' विलियम शेक्सपियर के नाटक मैकबेथ पर आधारित थी। इसकी पृष्ठभूमि में मुंबई अंडरवर्ल्ड है। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म भले ही ज्यादा पैसे नहीं छाप सकी लेकिन सिनेप्रेमियों को यह फिल्म आज भी पसंद आती है। इस फिल्म के लिए विशाल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वाहवाही। 'मकबूल' में इरफान खान, तब्बू, पंकज कपूर, नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी जैसे कलाकारों ने काम किया। लेकिन महफिल इरफान खान लूट गए। हासिल के बाद इस फिल्म ने इरफान के करियर को ही बदल डाला और रातों-रात हजारों चाहने वाले उनके बन गए। इस फिल्म में तब्बू की अदाकारी भी कमाल की रही। 

'ओमकारा' भी शेक्सपियर के नाटक 'ओथेलो' पर बनाई[Wikimedia Commons]
'ओमकारा' भी शेक्सपियर के नाटक 'ओथेलो' पर बनाई[Wikimedia Commons]

विशाल भारद्वाज ने 'मकबूल' के बाद 'ओमकारा' भी शेक्सपियर के नाटक 'ओथेलो' पर बनाई। यह फिल्म उत्तर प्रदेश की राजनीति और अपराध पर केंद्रित थी। फिल्म में अजय देवगन, करीना कपूर, सैफ अली खान, विवेक ओबेरॉय, बिपाशा बसु, नसीरुद्दीन शाह जैसे सितारों ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं थी। इस फिल्म में 'लंगड़ा त्यागी' के किरदार से सैफ अली खान छा गए। सैफ के निगेटिव रोल ने करियर पर बड़ा सही असर डाला। उन्हें बेहद संजीदा अभिनेता भी माने जाने लगा। इसके अलावा दीपक डोबरियाल ने भी इस फिल्म से काफी प्रशंसा बटोरी। इस फिल्म को देश-विदेश में खूब सराहना मिली थी। इसके अलावा उन्होंने नो स्मोकिंग, कमीने, हैदर जैसी कई अच्छी अच्छी फिल्में दर्शकों तक पहुंचाई है। 

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