कुछ इस तरह पहचान बनाई इस लड़के ने, ऑस्कर तक जीता, क्या आपने पहचाना ये कौन है?

उनका नाम ए एस दिलीप कुमार था बता संगीतकार थे और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में म्यूजिक कंपोज करते थे। ए आर रहमान जब 4 साल के थे तभी पियानो सीखना शुरू कर दिया था संगीत में उनकी दिलचस्प इतनी बड़ी की छोटी उम्र से ही पिता को असिस्ट करने लगे थे।
Entertainment:-इस तस्वीर में एक छोटा सा बच्चा आपको नजर आ रहा होगा क्या आप इस बच्चे को पहचानते हैं? [Wikimedia Commons]
Entertainment:-इस तस्वीर में एक छोटा सा बच्चा आपको नजर आ रहा होगा क्या आप इस बच्चे को पहचानते हैं? [Wikimedia Commons]
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Entertainment:-इस तस्वीर में एक छोटा सा बच्चा आपको नजर आ रहा होगा क्या आप इस बच्चे को पहचानते हैं? अगर नहीं तो चलिए आपको फ्लो देते हैं यह बच्चा आज फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा म्यूजिक कंपोजर है गायकी में अपना नाम कमाने वाला यह लड़का महेश 9 साल का ही था जब इसके सर से इनके पिता का साया उठ गया था और फिर वहां से बॉलीवुड तक का इनका सफर स्ट्रगल जानकर आप भी गर्व करेंगे किसी लड़के ने कभी हार नहीं मानी।

कौन है यह लड़का

तस्वीर में नजर आ रहा यह बच्चा एक म्यूजिशियन एक म्यूजिक कंपोजर है। इसके अलावा इन्होंने संगीत के जगत में ऑस्कर तक जीता है जी हां आप बिल्कुल सही सोच रहे हैं यह बच्चा ए आर रहमान है। यह उनके बचपन की तस्वीर है इस तस्वीर में ए आर रहमान अपने गुरु एमके अर्जुन के साथ नजर आ रहे हैं। इसे ही उन्होंने म्यूजिक का सारेगामा सीखा है। संगीत से देश विदेश में अपनी पहचान बनाने वाले ए आर रहमान का सफर काफी संघर्षों से भरा रहा उनका जन्म 6 जनवरी 1967 को चेन्नई में हुआ था।

तस्वीर में नजर आ रहा यह बच्चा एक म्यूजिशियन एक म्यूजिक कंपोजर है।[Wikimedia Commons]
तस्वीर में नजर आ रहा यह बच्चा एक म्यूजिशियन एक म्यूजिक कंपोजर है।[Wikimedia Commons]

उनका नाम ए एस दिलीप कुमार था बता संगीतकार थे और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में म्यूजिक कंपोज करते थे। ए आर रहमान जब 4 साल के थे तभी पियानो सीखना शुरू कर दिया था संगीत में उनकी दिलचस्प इतनी बड़ी की छोटी उम्र से ही पिता को असिस्ट करने लगे थे। जब ए आर रहमान की उम्र 9 साल की हुई तब उनके पिता का निधन हो गया जिससे परिवार में आर्थिक परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा फैमिली चलाने के लिए ए आर रहमान 11 साल की उम्र में प्रोफेशनली पियानो बजाने लगे और इस वजह से स्कूल तक उन्होंने छोड़ दिया।

कैसे बनाई अपनी जगह

ए आर रहमान ने बाद में मद्रास क्रिश्चियन स्कूल से पढ़ाई शुरू की लेकिन मन की इजाजत के बाद म्यूजिक में करियर बनाने के लिए स्कूल छोड़ दिया। फिर उन्होंने खुद का बैंड बनाया और विज्ञापनों के लिए जिंगल्स बनाने का काम करने लगे। ए आर रहमान करीब 300 से ज्यादा जिंगल्स लिखें और कंपोज किया धीरे-धीरे उन्हें पहचान मिली और जल्द ही फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया। रोजा फिल्म में उन्होंने जो म्यूजिक दिया उसके लिए नेशनल अवार्ड भी मिला फिर वे कभी भी पीछे नहीं मुड़े और उनके गानों को विदेश तक पहचान मिली साल 2009 में स्लमडॉग मिलियनेयर के गाने के लिए उन्हें ऑस्कर का सम्मान भी मिला।

आज कितने सफल है

वैसे कभी भी फीस न भर पानी की वजह से उन्हें स्कूल ड्रॉप आउट करना पड़ा था और बाद में उन्होंने ऑक्सफोर्ड के ट्रिनिटी कॉलेज से स्कॉलरशिप मिली और उन्होंने वहां से वेस्टर्न क्लासिकल म्यूजिक में डिग्री हासिल की। संघर्ष में पूरा बचपन निकाल देने वाले ए आर रहमान आज देश के सबसे सक्सेसफुल म्यूजिक कंपोजर में से एक हैं।

देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले सिंगर भी हैं एक गाने के लिए ए आर रहमान को 3 करोड़ तक मिलते हैं।[Wikimedia Commons]
देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले सिंगर भी हैं एक गाने के लिए ए आर रहमान को 3 करोड़ तक मिलते हैं।[Wikimedia Commons]

रिपोर्ट्स के मुताबिक वह देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले सिंगर भी हैं एक गाने के लिए ए आर रहमान को 3 करोड़ तक मिलते हैं। किसी कंसर्ट में गाने के लिए भी उन्हें करोड़ों मिलते हैं रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके पास आज 600 करोड रुपए की नेटवर्थ है।

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