
कपिल शर्मा शो (Kapil Sharma Show) हमेशा से हंसी-मजाक और कलाकारों की दिलचस्प कहानियों के लिए मशहूर रहा है। लेकिन जब भी कोई बड़ा सितारा इस शो की सोफ़े पर बैठता है, तो अपने करियर और निजी जिंदगी से जुड़े ऐसे-ऐसे किस्से सुनाता है कि दर्शक हंसी से लोटपोट हो जाते हैं। इसी प्रकार से हाल ही में शो में आए एक मशहूर अभिनेता सौरभ शुक्ला ने भी एक ऐसा किस्सा सुनाया, जिसने सबको चौंका दिया और हंसा हंसा कर हमेशा की तरह कपिल शर्मा शो में रौनक ला दिया।
सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla) ने बताया कि यह किस्सा उस समय का है, जब वो फिल्म "बैडिट क्वीन" की शूटिंग कर रहे थे। यह फिल्म चंबल के बीहड़ों में शूट हो रही थी। उस दौर में चंबल का नाम आते ही लोगों को डकैतों (Dacoit) की दहशत याद आ जाती थी। वहां शूटिंग करना किसी खतरे से कम नहीं था।
शुक्ला ने कहा, "हमारे साथियों को अक्सर यह धमकी मिलती थी कि वहां आने-जाने वाला हर दूसरा आदमी खुद को डकैत बताता था। तीन-चार महीने तक शूटिंग चली और हमें वन विभाग के एक रेस्ट हाउस में ठहराया गया। रोज हम एक ही गाड़ी में सुबह शूटिंग स्पॉट पर जाते थे और शाम को साथ लौटते भी थे।"
एक दिन सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla) की नजर एक दुबले-पतले, धोती-कुर्ता पहने आदमी पर पड़ी। वह कभी कैमरे के पास मंडरात रहता था, तो कभी कलाकारों के आसपास घूमता रहता था। शुक्ला को यह अजीब लगा कि आखिर यह आदमी है कौन ? थोड़ी देर बाद देखा कि वह अभिनेता शेखर कपूर के कंधे पर हाथ रखकर खड़ा है। शुक्ला ने सोचा कि शायद यह कोई गांव का मुखिया होगा, जिसे सब लोग इतना ज्यादा इज्जत दे रहे हैं। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। वही आदमी थोड़ी देर में क्रेन पर भी दिखा और शाम को जब शूटिंग खत्म हुई तो वह गाड़ी में उनके साथ ही बैठ गया। यहां तक कि रात में रेस्ट हाउस तक भी उनके साथ पहुंच गया।
आगे आपको बता दें यह सब देखकर सौरभ शुक्ला को बहुत भी गुस्सा आ गया। उन्होंने अपने साथी अभिनेता मनोज बाजपेयी से पूछा, कि "यह आदमी आखिर है कौन ? सुबह से हमारी गर्दन पर सवार है और अब तो कमरे तक भी आ गया।" तब मनोज ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "अरे, तुम अभी तक इनसे नहीं मिले ? ये हैं मानसिंह (Man Singh)। डाकू मानसिंह।" यह सुनकर शुक्ला दंग रह गए। उन्हें पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ वो सोच में पर गए। फिर उस आदमी ने अपनी जेब से एक विजिटिंग कार्ड निकाला और शुक्ला के हाथ में थमा दिया। सौरभ शुक्ला जब को देखा तो कार्ड पर लिखा था, 'भूतपूर्व डाकू सम्राट मान सिंह'। यह देखकर वहां मौजूद सभी लोग ठहाके लगाने लगे।
सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla) ने इस घटना को सुनाते हुए साफ किया कि उन्होंने जिस "मानसिंह" (Man Singh) नाम के किरदार को फिल्म में निभाया था, वह असली डाकू नहीं था। दरअसल, हिंदी फिल्मों और साहित्य में अक्सर डकैतों (Dacoit) के किरदारों को "मानसिंह" नाम दे दिया जाता था। यह नाम एक तरह से डकैतों के लिए एक रूढ़िवादी का प्रतीक बन गया था।
असलियत में असली डाकू मानसिंह (Man Singh) का इतिहास बहुत पहले, 1955 में ही खत्म हो गया था, जब वह इटावा के पास पुलिस से लड़ाई में मारा गया था। लेकिन फिल्मों और किस्सों में "मानसिंह" नाम का इस्तेमाल सालों तक होता रहा है। शायद यही वजह थी कि शुक्ला भी चौंक गए जब उन्हें किसी ने असली "मानसिंह" से मिलवाया।
कपिल शर्मा शो पर हंसी का माहौल
जैसे ही सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla) ने यह पूरा किस्सा कपिल शर्मा शो (Kapil Sharma Show) में सुनाया, सभी दर्शक हंसी से लोटपोट हो गए, और कपिल ने भी अपने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा,"सोचिए, विजिटिंग कार्ड पर ही अगर कोई लिखवा दे 'भूतपूर्व डकैत', तो आपको क्या लगता है मिलने वाला डर से भाग जायेगा या सेल्फी लेगा उनके साथ? फिर उसके बाद तो पूरा स्टूडियो तालियों की गड़गड़ाहट और ठहाकों से गूंज उठा।
सौरभ शुक्ला ऐसे अभिनेता हैं, जिनके पास फिल्मों के साथ-साथ जीवन से जुड़े भी अनगिनत किस्से हैं। कपिल शर्मा शो का यही तो मज़ा है कि यहां बड़े-बड़े कलाकार न सिर्फ अपनी फिल्मों का प्रमोशन करते हैं, बल्कि ऐसे मजेदार और अनसुने किस्से भी सुना कर जाते हैं, जिन्हें सुनकर दर्शक बार-बार शो देखना पसंद करते हैं। यही वजह है कि लोग कपिल शर्मा शो बहुत अधिक पसंद करते हैं ।
निष्कर्ष
सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla) का यह किस्सा हमें चंबल के बीहड़ों, और वहां की डकैती (Dacoit) संस्कृति और फिल्मों में डकैतों की लोकप्रिय छवि की याद दिलाता है। असली और नकली मानसिंह के बीच का यह मजेदार भ्रम हमेशा लोगों को हंसा देता है।
कपिल शर्मा शो (Kapil Sharma Show) ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब कलाकार अपने दिलचस्प अनुभवों को साझा करते हैं, तो हंसी-ठहाकों के बीच हमें भारतीय सिनेमा और समाज के छुपे पहलुओं की झलक भी मिलती है। तो अगली बार आपलोग जब भी कोई डकैत कि फिल्म देखें और उसमें "मानसिंह" (Man Singh) का नाम सुनें, तो याद रखिएगा, यह नाम सिर्फ एक किरदार नहीं है, बल्कि एक किस्सा है, जो असली-नकली दोनों तरह के डाकुओं को एक दूसरे से जोड़ता है। [Rh/PS]