क्यों जनरेशन Z कंटेंट क्रिएटर्स की दीवानी है (और कैसे वे पारंपरिक सेलिब्रिटीज की जगह ले रहे हैं)

कैसे कंटेंट क्रिएटर्स ने न्यूज़, एंटरटेनमेंट और भरोसे के मायने बदल दिए हैं, और क्यों लोग आज इन्हें टीवी और पुराने स्टार्स से ज्यादा मानते हैं।
कंटेंट क्रिएटर्स (Sora AI)
कंटेंट क्रिएटर्स (Sora AI)
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कंटेंट क्रिएटर्स इतने पॉपुलर क्यों है?

पहले के समय में लोग टीवी या अख़बार से ही दुनिया की खबरें लेते थे। जानकारी बस एक तरफ़ से आती थी, आप सुनते थे और मान लेते थे। लेकिन आज कंटेंट देखने और उसे कंज्यूम करने का तरीका काफी बदल गया है।

ये वो लोग हैं, जैसे ध्रुव राठी ( जिनके YouTube पर 2.9 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स) और द देशभक्त The Desh Bhakt उर्फ़ आकाश बेनर्जी Akash Banerjee (6 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स), जो अपने वीडियो में न्यूज़, समाज या सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बात करते हैं। ये तुरंत अपडेट देते हैं, आसान भाषा में समझाते हैं और आपको ऐसा महसूस कराते हैं जैसे कोई दोस्त समझा रहा हो। यही वजह है कि आजकल बहुत से युवा टीवी के बजाय इन्हीं से न्यूज़ लेते हैं।

रियल कनेक्शन, न की सिर्फ़ एकतरफ़ा बातचीत 

लोग कंटेंट क्रिएटर्स को इसलिए भी फॉलो करते हैं क्योंकि इनके साथ सीधा कनेक्शन बन जाता है। क्रिएटर्स अक्सर कमेंट्स का जवाब देते हैं, "आस्क मी एनीथिंग" सेशन करते हैं, या फिर डायरेक्ट मैसेज में रिप्लाई भी करते हैं। इससे फॉलोअर्स को लगता है कि उनकी बात सुनी जा रही है, उन्हें उनके पसंदीदा क्रिएटर द्वारा देखा जा रहा है जो पारंपरिक मीडिया में कभी नहीं होता।

ऑथेंटिक और रिलेटेबल

टीवी पर सब कुछ परफेक्ट और स्क्रिप्टेड लगता है, लेकिन क्रिएटर्स अपनी असली ज़िंदगी दिखाते हैं। जैसे दी झुमरू (The Jhumroo) गाड़ी में बैठकर पंजाबी गाने गाते हुए वीडियो बनाता है, क्रिएटर जैसे कृतिका खुराना (Kritika Khurana) फैशन और कपड़ो पर गेट रेडी विथ में जैसी वीडियोस बनती है। सूफी मोतीवाला (Sufi Motiwala) जैसे क्रिएटर इन् फैशन और कपड़ो की वीडियोस पर रिव्यु देते है सोशल मीडिया पर हर तरह के कंटेंट की जगह है। यह सब बहुत ऑथेंटिक और रिलेटेबल लगता है क्युकी यह लोग बहुत आम और रोज़ मरा की भाषा का इस्तेमाल करते है

भरोसा सादगी और सचाई से बनता है

कई युवा मानते हैं कि पारंपरिक न्यूज़ या तो धीमी है या पक्षपाती। इसके उलट, ध्रुव राठी (Dhruv Rathee) जैसे क्रिएटर्स राजनीति या साइंस को आसान और भरोसेमंद तरीके से समझाते हैं। वो जल्दी अपडेट देते हैं और आपकी भाषा में बात करते हैं। यही उन्हें भरोसेमंद बनाता है।

आज कंटेंट देखने और उसे कंज्यूम करने का तरीका काफी बदल गया है। (Sora AI)
आज कंटेंट देखने और उसे कंज्यूम करने का तरीका काफी बदल गया है। (Sora AI)

हर निश के लिए जगह 

टीवी पर कंटेंट की सीमाएं होती हैं, लेकिन डिजिटल दुनिया में हर टॉपिक के लिए जगह है। कोई पंजाबी गानों पर मज़ेदार वीडियो बनाता है, तो कोई टेक्नॉलॉजी एक्सप्लेन करता है, कोई अस्मर की वीडियो बनाता है तो कोई फ़ूड व्लॉग तो कोई अलग ही तरह की बातें करता है। रेबल किड (अपूर्वा मुखीजा) इसका एक अच्छा उदाहरण है, उन्होंने छोटी, चुटीली और चुगली भरी बातों से शुरुआत की और अब उनके लाखों फॉलोअर्स हैं साथ ही उन्होंने स्टोरीटेलिंग पर ध्यान दिया जो की रिलेटेबल कंटेंट बनाने के लिए बहुत ज़रूरी और आवश्यक है।

ऑनलाइन स्टार्स से लेकर टीवी के मेहमान तक

कंटेंट क्रिएटर्स का असर इतना बढ़ गया है कि अब इन्हें बड़े टीवी प्लेटफॉर्म्स पर भी बुलाया जाने लगा है। कुशा कपिला (Kusha Kapila), समदीश भाटिया (Samdish Bhatia), तन्मय भट (Tanmay Bhat) और राज शमानी (Raj Shamani) जैसे क्रिएटर्स द कपिल शर्मा शो (The Kapil Sharma Show) और कॉफी विद करण (Koffee with Karan) जैसे शोज़ में नज़र आ चुके हैं। यहां तक कि द ट्रेटर्स (The Traitors) जैसे रियलिटी शो में भी रेबल किड, सूफी मोतीवाला और पूर्व झा जैसे क्रिएटर्स को शामिल किया गया, जिससे शो की व्यूअरशिप और बढ़ गई। अब तो सेलिब्रिटीज भी सोशल मीडिया पर अपनी रीच बढ़ाने के लिए वीडियोस बनाते है और इन्फ्लुएंसर्स के साथ कॉलेब करते है। जैसे फराह खान यूट्यूब पर खाने के व्लॉग बनाती है और उसमे बॉलीवुड सेलिब्रिटी की जगह सोशल मीडिया के क्रिएटरस को बुलाती है। कटरीना कैफ ने अपना ब्रांड लांच किया और उसके बारे मे सोशल मीडिया पर डालती है।

ब्रांड्स भी क्रिएटर्स को क्यों चुनते हैं

ब्रांड्स अब क्रिएटर्स के साथ काम करना ज़्यादा पसंद करते हैं क्योंकि ये अपने ऑडियंस तक ईमानदारी से पहुंचते हैं। जैसे Nykaa, Boat और Mama earth जैसी कंपनियां अब बड़ी-बड़ी सेलिब्रिटी के बजाय क्रिएटर्स के साथ कैंपेन करती हैं। ये सहयोग सस्ता भी पड़ता है और ज़्यादा असरदार भी होता है और इससे इन ब्रांड्स को ROI भी ज़्यादा मिलता है। अभी हाली मई बोट (Boat) ने पूर्व झा (Purav Jha) के साथ एक वीडियो बनाई उसमे पूर्व अलग अलग लोगों की नक़ल उतार रहे है या मिमिक कर रहे है और ब्रांड का प्रमोशन कर रहे है।

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दूसरी तरफ़ की सच्चाई: रिस्क और दबाव

कंटेंट क्रिएटर होना आसान नहीं है

बैकलैश का खतरा: इंडिया’ज़ गॉट लैटेंट में आने के बाद रेबल किड (Rebel Kid) को ट्रोलिंग, धमकियां और रैप थ्रेट मिली और यहां तक कि घर खाली करने तक की नौबत आ गई।

सक्सेस अचानक पलट सकती है: समय रैना (Samay Raina) जैसे क्रिएटर्स, जिन्होंने इंडिया’ज़ गॉट लैटेंट (India’s Got Latent) होस्ट किया, अभी भी पब्लिक रिएक्शन और लीगल प्रॉब्लम्स का सामना कर रहे हैं।

हेट और हैरेसमेंट: पॉलिटिकल कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) को उनके कंटेंट की वजह से काफी धमकियां मिलीं।

डिजिटल दुनिया में हर टॉपिक के लिए जगह है। (Sora AI)
डिजिटल दुनिया में हर टॉपिक के लिए जगह है। (Sora AI)

निष्कर्ष

कंटेंट क्रिएटर्स सिर्फ़ एंटरटेनर नहीं हैं। ये कनेक्शन, ईमानदारी, तेज़ अपडेट और पर्सनलाइज्ड कंटेंट देते हैं। ये सुनते भी हैं और जवाब भी देते हैं, इसीलिए ये हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का भरोसेमंद हिस्सा बन गए हैं। कई मायनों में, ये अब हमारी संस्कृति और यूथ की नई आवाज़ बन चुके हैं। (RH/BA)

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