न्यूज़ग्राम हिंदी : सर्वोच्च न्यायालय(Supreme Court) ने शुक्रवार को केरल उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई शर्त पर रोक लगा दी, जिसमें कन्नड़ सुपरहिट फिल्म 'कांतारा'(Kantara) के निमार्ता और निर्देशक को वराह रूपम गीत के साथ फिल्म को फिलहाल प्रदर्शित नहीं करने का निर्देश दिया गया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि, याचिकाकर्ताओ को 12 और 13 फरवरी को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होना होगा, यह कहते हुए कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है, तो निर्माता विजय किरगंदूर और निर्देशक ऋषभ शेट्टी को ट्रायल कोर्ट की शर्तों के अधीन तुरंत जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा।
इस महीने की शुरूआत में, उच्च न्यायालय ने कोझिकोड पुलिस स्टेशन में गाने में साहित्यिक चोरी का आरोप लगाते हुए दर्ज एक मामले में निर्देशक और निर्माता को अग्रिम जमानत दे दी थी। शीर्ष अदालत ने केरल सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है।
किरगंदूर और शेट्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने उच्च न्यायालय के आदेश में कुछ शर्तों को चुनौती दी। पीठ ने कुमार की दलीलों पर गौर किया और अंतरिम आदेश पारित किया। शीर्ष अदालत ने इस तरह की शर्त लगाने के लिए उच्च न्यायालय की भी आलोचना की और कहा कि अग्रिम जमानत अर्जी में कॉपीराइट मुद्दों का फैसला नहीं किया जा सकता है।
इसने आगे कहा कि उच्च न्यायालय ने बहुत दृढ़ता से महसूस किया कि आप लोगों ने किसी के गीत की नकल की है, और मौखिक रूप से कहा, लेकिन बात यह है कि आप अग्रिम जमानत देने के लिए इन शर्तों को लागू नहीं कर सकते। आप अग्रिम जमानत में कॉपीराइट मुकदमे का फैसला नहीं कर सकते।
यह आरोप लगाया गया है कि वराहरूपम मलयालम संगीत चैनल कप्पा टीवी पर दिखाए जाने वाले नवरसम गीत की एक अनधिकृत प्रति थी। उच्च न्यायालय ने पांच शर्तें रखीं और उन्हें पूछताछ के लिए दो दिन 12 और 13 फरवरी को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच जांच अधिकारी के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा।
--आईएएनएस/VS