बेटे के मौत के बाद सदमे में चले गए थे जगजीत, निजी जीवन में भी झेला काफी संघर्ष
Jagjit Singh : गाने की बात हो और इनका नाम नहीं आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। हम बात कर रहे है जगजीत सिंह की। इनका जन्म 8 फरवरी 1941 को राजस्थान में हुआ था। जगजीत सिंह का असली नाम जगमोहन सिंह धीमान था। बॉलीवुड में अपना पहचान बनाने के लिए कई सितारों की तरह ही जगजीत सिंह ने भी अपने असली नाम को छोड़, नया नाम रख लिया। उन्होंने ‘प्रेम गीत’, ‘अर्थ’, ‘साथ साथ’, ‘मिर्जा गालिब’ जैसी फिल्मों में गजल गाकर संगीत के इस पारंपरिक रूप को फिल्मों में एक नया जीवनदान दिया था। उनका निधन 10 अक्टूबर 2011 को 70 साल की उम्र में मुंबई में हुआ था।
जगजीत सिंह की निजी जिंदगी काफी मुश्किलों भरी रही थी। ये बहुत ही सामान्य परिवार से थे ऐसे में उनके पिता भी चाहते थे कि वे पढ़ लिख कर बड़ा अफसर बने। वह जगजीत सिंह के फिल्मों में गाना गाने के शख्त खिलाफ थे और इसी वजह से अपने सपने के लिए उन्होंगे अपने घर से भागकर गायकी में करियर बनाने के लिए निकल गए।
गाने ने ही उन्हें दिलाई खाने के लिए रोटियां
घर से भागकर मुंबई पहुंचने के बाद जगजीत सिंह को बहुत कष्ट झेलना पड़ा। दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने के लिए दर-दर की ठोकरें खाते थे। मुफ्त में खाना मिल सके इस उद्देश से होटलों में गाना भी गाया करते थे। बुरी परिस्थितियों को झेलने के बाद जगजीत सिंह की जिंदगी में उम्मीद की किरण तब आई जब उन्हें पहली गुजराती फिल्म में गाना गाने का मौका मिला।
बेटे के जाने के गम में सदमे में थे जगजीत
उनके करियर की तरह ही निजी जिंदगी में भी उन्हें कई संघर्षों का सामना करना पड़ा । जगजीत सिंह की पत्नी चित्रा दत्ता संग उनकी शादी भी आसान नहीं था। गायक से मिलने से पहले चित्रा शादीशुदा थीं और उनकी एक बेटी भी थी। गायक के सामने ऐसी स्थिति आ गई थी कि उन्हें चित्रा के पहले पति से बात कर शादी की इजाजत लेनी पड़ी थी। शादी के बाद कपल ने एक बेटे के स्वागत किया था, लेकिन उनपर एक बार फिर दुखों का पहाड़ तब टूट पड़ा जब एक सड़क हादसे में उनके बेटे की मौत हो गई। इस हादसे के बाद वह सदमें में चले गए थे और उन्होंने गायकी से लंबा ब्रेक ले लिया था। एक इंटरव्यू में महेश भट्ट द्वारा पता चला कि उन्हें अपने बेटे के शव के लिए रिशवत देनी पड़ी थी।