न्यूज़ग्राम हिंदी: साल 1974 में आई फिल्म "रोटी, कपड़ा और मकान"(Roti, Kapda aur Makaan) का मशहूर गीत बाकी कुछ बचा तो महंगाई मार गई तो आपको याद होगा। एक ऐसा गीत जो उस समय हर आम आदमी की जुबान पर था। इस गीत के गीतकार थें वर्मा मलिक(Verma Malik)। महंगाई पर वार करता हुआ यह गीत तब की सरकार पर एक व्यंग्य की तरह था। इससे परेशान होकर कुछ समय के लिए तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी(Indira Gandhi) ने इसे बैन करा दिया था।
वर्मा मलिक का जन्म 13 अप्रैल 1925 में फिरोजपुर जो की अब पाकिस्तान में है में हुआ था। इनका पूरा नाम था बरकत राय मलिक। बचपन में बहुत कम उम्र में वर्मा मलिक ने कविताएं लिखनी शुरू करदी। उनकी लिखी गई कविता में देशभक्ति के कारण तब की अंग्रेज सरकार ने उन्हें जेल में डाल दिया था। कम उम्र का होने के कारण वे जल्दी ही छुट गए। भारत की आज़ादी के बाद वे दिल्ली में आकर बस गए।
उन्हें फिल्मों में गाने के लिए हंसराज बहल ने प्रेरित किया और मौका भी दिया। फिल्म'चकोरी' से अपने फिल्मी गीतकार बनने की सफर की शुरुआत करने वाले वर्मा मलिक देखते ही देखते पंजाबी गीतकार बन गए। करीब 40 पंजाबी फिल्मों में उन्होंने अपने गीत दिए। बॉलीवुड फिल्मों में गीत देने के लिए वर्मा मलिक ने हिंदी सीखी और इसका यह नतीजा आया कि फिल्म 'हम, तुम और वह' में शुद्ध हिंदी का गीत 'प्राणेश्वरी, यदि आप हमें आदेश करें' उनके द्वारा लिखा गया।
मशहूर गीत 'आज मेरे यार की शादी है' भी इन्होंने ने ही लिखी। फिल्म पहचान, अनहोनी, विक्टोरिया नंबर 203 और नागिन जैसी फिल्मों में वर्मा मलिक ने सुपरहिट गाने दिए। 1970 में फिल्मफेयर में उन्हें सर्वश्रेष्ठ गीतकार का अवार्ड मिला। आठवें दशक में फिल्मों में आए बड़े बदलाव का कारण यह हुआ कि वर्मा मलिक ने फिल्मों से दूरी बना ली। उन्होंने सामाजिक जीवन से कट कर खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। गुमनामी के ऐसे दलदल में गए कि 9 मार्च 2009 को उनकी मृत्यु की खबर किसी को नही हुई।
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