
लीना चंदावरकर (Leena Chandavarkar) का जन्म 29 अगस्त 1950 को कर्नाटक के धारवाड़ शहर में एक कोंकणी मराठी परिवार में हुआ था। उनका परिवार पढ़ा-लिखा और अनुशासित था; उनके पिता आर्मी अफसर थे। बचपन से ही लीना में कला के प्रति रुचि थी और वह अक्सर स्कूल के नाटकों में भाग लिया करती थीं। उनकी सुंदरता और आत्मविश्वास ने उन्हें मॉडलिंग की ओर खींचा। उन्होंने एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग लिया, जिसे भले ही वे जीत नहीं पाईं, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री की नजरें उन पर जरूर टिक गईं। इसके बाद लीना ने विज्ञापनों में काम करना शुरू किया और जल्द ही फिल्मी दुनिया में कदम रख दिया।
अभिनेत्री को पहला ब्रेक मशहूर अभिनेता और निर्माता-निर्देशक सुनील दत्त ने दिया। दरअसल, उन्होंने सबसे पहले फिल्म 'मसीहा' के लिए ऑडिशन दिया था, लेकिन किसी वजह से वह फिल्म बन ही नहीं पाई। इसके बाद सुनील दत्त ने उन्हें 1968 में रिलीज हुई फिल्म 'मन का मीत' में विनोद खन्ना के अपोजिट कास्ट किया। यह फिल्म न केवल हिट हुई बल्कि लीना चंदावरकर को फिल्म इंडस्ट्री में एक मजबूत पहचान भी दिलाई। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
लीना ने 1970 और 80 के दशक में हिंदी सिनेमा के लगभग हर बड़े अभिनेता के साथ काम किया। उन्होंने 'हमजोली', 'हनीमून', 'महबूब की मेहंदी', 'मनचली', 'दिल का राजा', 'एक महल हो सपनों का', 'बिदाई', 'प्रीतम', 'बैराग', 'कैद', और 'यारों का यार' जैसी कई हिट फिल्मों में यादगार अभिनय किया। वह अपने किरदार को जीती थीं। उनकी जोड़ी को दर्शकों ने राजेश खन्ना, संजीव कुमार और धर्मेंद्र के साथ खूब पसंद किया।
जब फिल्मों में उनका करियर ऊंचाइयों पर था, तभी उन्होंने शादी करने का फैसला किया। साल 1984 में उन्होंने गोवा के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बांदोडकर के बेटे सिद्धार्थ बांदोडकर से शादी की। शादी के बाद लीना ने फिल्मों से दूरी बना ली, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। शादी के महज 11 दिन बाद सिद्धार्थ को बंदूक साफ करते समय गलती से गोली लग गई। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज करीब 11 महीने तक चला, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। लीना महज 25 साल की उम्र में विधवा हो गईं।
पति की मौत के बाद लीना पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा; वह चुप सी रहने लगी। उनकी जिंदगी में अगला बड़ा मोड़ तब आया जब वह गायक किशोर कुमार के साथ एक अधूरी फिल्म 'प्यार अजनबी है' की शूटिंग कर रही थीं। शूटिंग के दौरान ही किशोर कुमार उन्हें पसंद करने लगे और उन्होंने लीना से शादी की पेशकश कर दी।
डीआईडी लिटिल मास्टर (DID Little Master) के सेट पर लीना चंदावरकर ने खुद यह बात बताई थी। उन्होंने कहा, ''मैं किशोर कुमार से सबसे पहली बार हमारी फिल्म के सेट पर ही मिली थी, और मुझे संजीव कपूर ने आगाह किया था कि मुझे उनको राखी बांध देनी चाहिए, नहीं तो वो शादी कर लेंगे। उस समय तो मुझे पता ही नहीं था कि उन्होंने जो कहा वह एक दिन सच हो जाएगा।''
उन्होंने आगे बताया था, ''जब मैं पहली बार किशोर कुमार से मिली, तो उन्होंने जो सबसे पहली चीज कही थी वो थी कि अगर मैं लाइफ में सेटल होना चाहती हूं तो वह प्रपोजल के साथ तैयार हैं। पहले तो मुझे समझ ही नहीं आया कि वह क्या कह रहे हैं, लेकिन जब उन्होंने बाद में बताया कि वह मुझसे शादी करना चाहते हैं, तो मैं एकदम शॉक्ड हो गई और फौरन उनका प्रपोजल रिजेक्ट कर दिया।''
अभिनेत्री ने आगे बताया, ''कुछ हफ्तों बाद मेरी पापा से बहस हो गई थी। उन्होंने मुझे मुसीबत कह दिया था। मुझे बहुत गुस्सा आया और दुख भी हुआ था। फिर मैंने घर छोड़ने का फैसला कर लिया और किसी से शादी करके अपनी लाइफ जीने का मन बना लिया था। मुझे अभी भी याद है कि मैं मुंबई के कार्टर रोड जा रही थी और किशोर जी को फोन किया था। उनसे पूछा था कि अगर उनका प्रपोजल अभी भी है तो वो हां करती हैं। मैं शादी करने के लिए तैयार थी और इस तरह हमारी शादी हुई।''
बाद में जब यह बात लीना के परिवार को पता चली तो उन्होंने काफी विरोध किया, क्योंकि किशोर कुमार न सिर्फ लीना से उम्र में 20 साल बड़े थे, बल्कि पहले ही तीन शादियां कर चुके थे। लेकिन जब किशोर कुमार ने लीना के घर के बाहर धरना दे दिया, तब जाकर लीना के पिता ने रिश्ते को अपनाया।
लीना और किशोर कुमार की शादी दो बार हुई, पहले कोर्ट मैरिज और फिर हिंदू रीति-रिवाज से फेरे लिए गए। शादी के समय लीना 9 महीने की प्रेगनेंट थीं और जल्द ही उनके बेटे सुमीत कुमार का जन्म हुआ। लेकिन ये खुशी भी ज्यादा दिन नहीं टिक सकी। 1987 में किशोर कुमार का देहांत हो गया, तब लीना सिर्फ 37 साल की थीं। इसके बाद उन्होंने दोबारा कभी शादी नहीं की और पूरी जिंदगी अपने बेटे की परवरिश की।
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