मुकेश खन्ना (Mukesh Khanna), जिन्हें 'महाभारत' (Mahabharat) के 'भीष्म पितामह' (Bhishma Pitamah) के रूप में पहचाना जाता है, ने अपने बयानों से अक्सर विवादों को उत्पन्न किया है। उन्होंने टीवी में आने से पहले कई फिल्मों में भी अपनी पहचान बना ली थी। 1980 के दशक में, उन्होंने बॉलीवुड में अपना डेब्यू किया और शुरुआत में कई सफल फिल्मों का काम किया था।
एक के बाद एक फिल्में आ रही थीं, और मुकेश खन्ना को ऐसा लग रहा था कि कुछ महत्वपूर्ण होने का समय आ गया है। हालांकि, किस्मत की बात है, एक चमकता हुआ सितारा अचानक धीमा पड़ गया, और एक उभरते हुए सितारा का रूप लेने वाला कलाकार एक संघर्षक अभिनेता बन गया। उनकी मजबूत अभिनय और अनूठी आवाज़ के साथ, मुकेश खन्ना ने न केवल टीवी में घरों में पहचान बनाई, बल्कि उन्होंने बड़े पर्दे पर फिल्मों में सफलता की आशा भी की थी। दुर्भाग्यवश, वह सपना पूरा नहीं हुआ, और उन्हें सुपरस्टार बनने से पहले ही एक फ्लॉप अभिनेता के रूप में जाना जाने लगा। उन्होंने इस दुर्दशा के पीछे के कारणों को भी खुद बताया।
एक पुराने साक्षात्कार में, उन्होंने बताया कि पहली फिल्म उनकी नरेंद्र बेदी के साथ थी। उनके काम को उस समय बहुत प्रशंसा मिली थी। इसके बाद, वह एक के बाद एक फिल्म में काम करने लगे। उस दौरान, उन्होंने न केवल एक-दो बल्कि 15 फिल्मों में मुख्य भूमिकाओं के रूप में हस्ताक्षर किए थे। कुछ फिल्में तो बनी नहीं और कुछ पहले की फिल्में फ्लॉप हो गईं। इसके परिणामस्वरूप, कुछ पहले हुई असफल फिल्मों के बाद ही उन्हें एक फ्लॉप अभिनेता का लेबल लग गया। लोगों ने फिल्मों की असफलता का कारण उनमें देखना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि उस समय, उनके पास आने वाले निर्माताएं उनकी पॉपुलैरिटी का लाभ उठाना चाहते थे।
मुकेश खन्ना ने करीब 12 मुख्य फिल्मों में काम किया और महत्वपूर्ण पात्रों को निभाया, जिनसे उन्हें काफी पहचान मिली। हालांकि, फिल्मों की असफलता का सामना करने के बाद, उन्होंने फिल्मों को अलविदा कह दिया और टीवी इंडस्ट्री में एक्टर और निर्माता के रूप में शानदार सफलता प्राप्त की। हालांकि, उनका बॉलीवुड में सफलता प्राप्त करने का सपना अधूरा रह गया।