मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया (Rakesh Maria) ने अपनी आत्मकथा 'लेट मी से इट नाउ' (वेस्टलैंड) (Let Me Say It Now)में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
Rakesh Maria ने अपनी किताब में कहा कि रमेश सिप्पी, महेश भट्ट और मनमोहन शेट्टी जैसे इंडस्ट्री के दिग्गज स्टार असली हीरो हैं, क्योंकि इन्होंने Underworld Don का सामना बिना डर के किया था।
मारिया ने बताया कि दुबई के डॉन अबू सलेम ने गुलशन कुमार पर हमला करने की धमकी दी थी, जिसके बाद टी-सीरीज (T-Series) से जुड़े सभी लोगों में हड़कंप मच गया था। इस धमकी के बाद गुलशन कुमार को सुरक्षा प्रदान की गई, लेकिन तब सुरक्षा में ढिलाई बरती गई, क्योंकि तब उनकी सुरक्षा के लिए मुंबई पुलिस और यूपी पुलिस को तैनात किया गया था।
दरअसल, उस वक्त गुलशन कुमार की कैसेट फैक्ट्री दिल्ली एनसीआर नोएडा में स्थित थी। यही वजह थी कि उनकी सुरक्षा में यूपी पुलिस को लगाया गया था। लेकिन 12 अगस्त 1997 को गुलशन कुमार को गोली मार दी गई।
मारिया आत्मकथा 'लेट मी से इट नाउ' में लिखते हैं, "सच्चाई यह थी कि दिवंगत यश चोपड़ा, रमेश सिप्पी, महेश सिप्पी, महेश भट्ट, विधु विनोद चोपड़ा, मनमोहन शेट्टी और अन्य ने बिना डरे अपना फैसला लिया और वे असली हीरो साबित हुए, जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को यह दिखाने का मार्ग प्रशस्त किया कि संगठित अपराध सिंडिकेट से कैसे निपटना है।"
जावेद रियाज सिद्दीकी की हत्या के बारे में मारिया लिखते है, "एक निर्माता, जो सफलता पाना चाहता था, जिन्होंने मिथुन चक्रवर्ती, विनोद खन्ना और राज बब्बर के साथ फिल्म की घोषणा की थी। उस पर अबू सलेम ने पाकिस्तानी अभिनेत्री अनीता अयूब को कास्ट करने के लिए दबाव डाला। उसे 1 लाख रुपये की साइनिंग अमाउंट देने के लिए कहा गया।"
सिद्दीकी को पता था कि अनीता अयूब को कास्ट करना व्यावसायिक रूप से सही नहीं है। इसके बाद वह दूसरी एक्ट्रेस की तलाश करने लगे और यहां तक कि साइनिंग अमाउंट वापस लेने की भी कोशिश की। जब इस बात का पता अबू सलेम को चला तो वह भड़क उठा और सिद्दीकी को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
मारिया ने लिखा कि सिद्दीकी ने काफी विनती की, लेकिन सलेम न माना और 7 जून 1994 को, दिन-दहाड़े सड़क पर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी।
मारिया ने लिखा कि अंडरवर्ल्ड द्वारा न केवल संपत्ति, वित्तीय और नागरिक विवादों का निपटारा किया जा रहा था, बल्कि दाऊद इब्राहिम का आधिपत्य ऐसा था कि बॉलीवुड की छोटी से छोटी चीजों का फैसला वही से होने लगा था।
मारिया ने बताया, "दो प्रोडक्शन हाउस के बीच फिल्म की रिलिजिंग को लेकर विवाद हुआ था। इस विवाद का फैसला दुबई में बैठे दाऊद इब्राहिम द्वारा लिया गया था।"
एक और मौके पर बॉलीवुड का सुपरस्टार हीरो दाऊद के बर्थडे पर परफॉर्म करने दुबई गया था। जब वह मुंबई लौटा तो अरुण गवली गिरोह द्वारा फिल्म सिटी से बंदूक की नोक पर उसे उठा लिया गया।
मारिया लिखते हैं कि उस वक्त गवली का आडंबरपूर्ण नवरात्रि समारोह चल रहा था और इसमें डांस करने के लिए सुपरस्टार को उठाया गया था।
(आईएएनएस/PS)