सोशल मीडिया पर निर्माताओं द्वारा साझा किए गए वीडियो में बैकग्राउंड सॉन्ग 'सिलसिला ये चाहत का' के साथ फिल्म के प्रतिष्ठित दृश्यों और संवादों की झलक थी।
कैप्शन में निर्माताओं ने लिखा, एक आकर्षक यात्रा की शुरुआत, जहां प्यार की कोई सीमा नहीं है, देव की पारो के लिए लालसा, चुन्नी की अटूट दोस्ती और चंद्रमुखी की सांत्वना के साथ मिलकर भावनाओं की एक टेपेस्ट्री बनाती है जो आज 21 साल बाद भी गूंजती है।
पहले फ्रेम से ही 'देवदास' ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रत्येक सेट भव्य रूप से डिजाइन किया गया था जो बंगाल की असाधारण दुनिया में ले गया था।
'देवदास' में वेशभूषा अपने आप में अलग थी। वेशभूषा ने न केवल कथा को बढ़ाया बल्कि पात्रों की पहचान भी बन गया।
'देवदास' का संगीत हमारी यादों में बसा हुआ है। 'डोला रे डोला', 'सिलसिला ये चाहत का' और 'हमेशा तुमको चाहा' जैसे गाने प्यार और चाहत के गीत बन गए, जिनकी धुन आज भी हमारी आत्मा में बसी हुई है। संगीत फिल्म की धड़कन बन गया।
ऐश्वर्या राय बच्चन की पारो मासूमियत का प्रतीक है, जबकि माधुरी दीक्षित की चंद्रमुखी में करुणा और चुन्नी बाबू की अटूट दोस्ती झलकती है।
21 साल बाद भी भंसाली की 'देवदास' एक सिनेमाई उत्कृष्ट कृति बनी हुई है, जिसे दुनिया भर के दर्शक आज भी सम्मान से सराहते हैं।
फिल्म की विरासत पीढ़ी-दर-पीढ़ी मजबूती से कायम है और भारतीय सिनेमा में एक कालजयी क्लासिक के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर रही है। (IANS/AP)