Shashi Kapoor Refused National Award: शशि कपूर ने हिंदी सिनेमा को सत्यम शिवम सुंदरम, नमक हलाल और दीवार जैसी कई यादगार फिल्में दिए है। उन्होंने अपने प्रतिभा से फैंस का दिल जीता है। वे बचपन से ही घर में एक्टिंग का माहौल देखकर बड़े हुए है, इसी कारण शशि कपूर का रुझान भी हमेशा से अभिनय की तरफ ही रहा है। उन्होंने बाल कलाकार के रूप में आग, आवारा सहित कई फिल्मों में काम किया। लेकिन क्या आप जानते हैं जिस अवार्ड के लिए कई अभिनेता सपने देखते हैं उस अवार्ड को शशि कपूर ने एक समय पर लेने से इनकार कर दिया? जी हां! भारतीय सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मान नेशनल अवार्ड को लेने से उन्होंने इनकार कर दिया था। आइए जानते हैं इसके पीछे क्या वजह होगा।
साल 1944 में शशि कपूर ने अपने करियर की शुरुआत पृथ्वी थिएटर के नाटक 'शकुन्तला' से किया था और यही से उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में अपना पहला कदम रखा था। 10वीं में फेल होने के बाद पढ़ाई से बिल्कुल ही खुद को कर लिया और अपने पिता पृथ्वीराज कपूर को बतौर असिस्टेंट मैनेजर ज्वाइन किया। उस समय उन्हें 25 रुपए मेहनताना के रूप में मिलता था। शशि कपूर इसी प्रकार पिता के थिएटर में ही नाटकों में अभिनय भी करते रहे और यही से उन्हें यश चोपड़ा ने अपनी फिल्म 'धर्मपुत्र' का ऑफर दिया।
यश चोपड़ा द्वारा बनी फिल्म 'धर्मपुत्र' में शशि कपूर के अभिनय को दर्शकों ने काफी सराहा था। इस फिल्म के लिए उन्हें सरकार नेशनल अवार्ड भी देना चाहती थी, लेकिन उन्होंने इस पुरस्कार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि वह खुद को उस समय पर इस अवार्ड के काबिल नहीं मानते थे। उन्हें नहीं लग रहा था कि उनकी परफॉर्मेंस फिल्म में इतनी अच्छी है कि उसके लिए उन्हें नेशनल अवार्ड दिया जाए।
इसके बाद में 'धर्मपुत्र' के लिए निर्देशक निर्माता यश चोपड़ा और बी आर चोपड़ा को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इसके बाद भी उनके और कई फिल्मों के लिए उन्हें तीन बार नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया।