![शादी के बिना मां बनने वाली नीना गुप्ता, 66 की उम्र में भी फैशन और हिम्मत की पहचान हैं। [X]](http://media.assettype.com/newsgram-hindi%2F2025-07-14%2Fk5zkue4s%2Fphoto6316706224858581236y.jpg?w=480&auto=format%2Ccompress&fit=max)
बॉलीवुड की चमकती दुनिया में जहां सितारों की ज़िंदगी हमेशा कैमरों की नज़रों में रहती है, वहीं कुछ कलाकार ऐसे भी होते हैं जिनकी असल ज़िंदगी उनके अभिनय से कहीं ज्यादा प्रेरणादायक होती है। ऐसी ही एक शख्सियत हैं नीना गुप्ता[Neena Gupta] , जो की एक अभिनेत्री, एक मां, और एक निडर और आत्मनिर्भर महिला,हैं जिन्होंने समाज की रूढ़ियों को तोड़ते हुए अपने रास्ते खुद बनाए।
नीना गुप्ता [Neena Gupta] का जन्म 4 जून 1959 को कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में हुआ। पढ़ाई-लिखाई के बाद उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा। 1982 में फिल्म ‘साथ साथ’ से उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया और उसी साल उन्होंने छह फिल्मों में काम किया, जो किसी भी नई अभिनेत्री के लिए बड़ी बात थी। उनकी अदाकारी तुरंत दर्शकों की नज़रों में आई और उन्हें फिल्मों में लगातार मौके मिलते रहे। उनके अभिनय की गहराई ने उन्हें कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम करने का मौका दिया। उन्होंने नसीरुद्दीन शाह, मिथुन चक्रवर्ती, आमिर खान, और अमिताभ बच्चन जैसे बड़े सितारों के साथ काम किया। अपने करियर में उन्होंने तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीते।
नीना गुप्ता [Neena Gupta] की निजी ज़िंदगी भी हमेशा चर्चा में रही है। कॉलेज के दिनों में उन्होंने पहली शादी की। उनके पहले पति आईआईटी-दिल्ली के छात्र अमलान कुसुम घोष थे। दोनों की मुलाकात मास्टर्स की पढ़ाई के दौरान हुई थी और उन्होंने आर्य समाज मंदिर में शादी की थी। लेकिन यह रिश्ता ज्यादा दिन नहीं टिक पाया और एक साल के अंदर ही दोनों अलग हो गए।
1980 के दशक में वेस्टइंडीज की क्रिकेट टीम भारत दौरे पर आई थी। इसी दौरान मुंबई में एक पार्टी में नीना गुप्ता की मुलाकात वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के कप्तान विवियन रिचर्ड्स से हुई। धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई और वो एक लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे। हालांकि, विवियन रिचर्ड्स पहले से शादीशुदा थे और उनके दो बच्चे भी थे। जब नीना गर्भवती हुईं, तो उन्होंने शादी का प्रस्ताव नहीं दिया और अपने देश वापस लौट गए। उस समय भारत जैसे देश में बिना शादी के मां बनना एक बड़ी सामाजिक चुनौती थी। लेकिन नीना गुप्ता[Neena Gupta] ने समाज की परवाह किए बिना 1989 में बेटी मसाबा गुप्ता को जन्म दिया और उसे अकेले ही पाला।
नीना गुप्ता[Neena Gupta] को उस समय बहुत कुछ सुनना पड़ा। मीडिया, समाज और यहां तक कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग भी उनके फैसले को लेकर सवाल उठाते थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनको काम मिलना भी धीरे-धीरे कम हो गया, लेकिन वह कभी झुकी नहीं। बेटी मसाबा को उन्होंने अकेले पाला, पढ़ाया और उसका हर सपना पूरा किया। मसाबा आज एक जानी-मानी फैशन डिज़ाइनर हैं और अपनी मां की तरह आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी हैं।
कई सालों तक अकेले रहने के बाद नीना गुप्ता [Neena Gupta] की ज़िंदगी में दोबारा प्यार आया। उन्होंने 2008 में चार्टर्ड अकाउंटेंट विवेक मेहरा से शादी की। उस समय उनकी उम्र 49 साल थी। दोनों की पहली मुलाकात एक फ्लाइट में हुई थी और बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। करीब 6 साल तक एक-दूसरे को समझने के बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया। इस शादी के बाद भी नीना की ज़िंदगी में कोई संतान नहीं हुई, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी मसाबा के साथ एक भरा-पूरा परिवार बनाया।
नीना गुप्ता[Neena Gupta] की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्हें फिल्मों में रोल मिलने बंद हो गए। लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर खुलकर काम मांगा। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा था, "मैं एक एक्ट्रेस हूं, अच्छी एक्ट्रेस हूं, और मुंबई में रहती हूं। मुझे काम चाहिए।" इस ईमानदारी और आत्मविश्वास का नतीजा यह हुआ कि 2018 में उन्हें फिल्म ‘बधाई हो’ में आयुष्मान खुराना की मां का रोल मिला, जिसने उन्हें दोबारा बॉलीवुड में चमका दिया। इसके बाद फिल्म ‘द लास्ट कलर’, ‘ऊंचाई’, और वेब सीरीज ‘पंचायत’ में उनकी अदाकारी ने एक बार फिर दर्शकों का दिल जीत लिया।
नीना गुप्ता[Neena Gupta] आज 66 साल की हैं लेकिन उनके जीने का अंदाज आज भी युवाओं जैसा है। वह अपने इंस्टाग्राम पर अक्सर बोल्ड और ट्रेंडी आउटफिट्स में नजर आती हैं, स्कर्ट, वन-पीस और स्टाइलिश सूट्स में। वे अपने खुले विचारों और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं। वह हमेशा यह दिखाती हैं कि उम्र केवल एक संख्या है और हर महिला को अपने जीवन के फैसले खुद लेने चाहिए।
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नीना गुप्ता [Neena Gupta] ने अपनी आत्मकथा ‘सच कहूं तो’ में अपने जीवन की सच्चाईयों को खुलकर लिखा है, कॉलेज के दिनों की शादी, विवियन रिचर्ड्स से रिश्ता, मसाबा का जन्म, अकेलापन, इंडस्ट्री का संघर्ष, और दूसरी शादी। इस किताब को भी लोगों ने खूब सराहा क्योंकि इसमें उन्होंने बिना किसी लाग-लपेट के अपने जीवन की सच्चाई बताई।
निष्कर्ष :
नीना गुप्ता की जिंदगी हमें यह सिखाती है कि कठिन रास्तों से ही मजबूत मंजिलें मिलती हैं। बिना शादी के मां बनना, अकेले एक बेटी को पालना, समाज के तानों को सहना, करियर में गिरावट झेलना, इन सबके बावजूद नीना गुप्ता ने कभी हार नहीं मानी। वह आज भी लोगों के लिए प्रेरणा हैं, खासकर उन महिलाओं के लिए जो अपने फैसलों से डरती हैं या समाज की सोच से दब जाती हैं। उनकी कहानी सिर्फ एक अभिनेत्री की नहीं, एक जुझारू और आत्मनिर्भर महिला की है जिसने अपने जीवन को अपनी शर्तों पर जिया है। [Rh/PS]