गानों के राजकुमार की अधूरी मोहब्बत की कहानी

90 के दशक के मेलोडी किंग कुमार सानू (Kumar Sanu) की जिंदगी जितनी सुरों से भरी रही, उतनी ही मोहब्बत और रिश्तों के उतार-चढ़ाव से भी। दो शादियां, एक मशहूर अभिनेत्री संग अफेयर और एक पिता की विरासत को आगे बढ़ाता हुआ सफर, यह कहानी है सुर, संघर्ष और सच्चाई की अनोखी धुन।
कुमार सानू, जिनका असली नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है, कुमार सानू भारतीय फिल्म संगीत जगत के सबसे लोकप्रिय और सफल गायकों में गिने जाते हैं। [Wikimedia Commons]
कुमार सानू, जिनका असली नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है, कुमार सानू भारतीय फिल्म संगीत जगत के सबसे लोकप्रिय और सफल गायकों में गिने जाते हैं। [Wikimedia Commons]
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एक मधुर आवाज़ की शुरुआत

कुमार सानू (Kumar Sanu) , जिनका असली नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है, कुमार सानू भारतीय फिल्म संगीत जगत के सबसे लोकप्रिय और सफल गायकों में गिने जाते हैं। उनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में हुआ था। उनके पिता पशुपति भट्टाचार्य खुद एक गायक और तबला वादक थे, जिन्होंने कुमार सानू को बचपन से संगीत की शिक्षा दी।

सानू ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से वाणिज्य (कॉमर्स) में डिग्री ली, लेकिन दिल तो संगीत में ही रमा था। पढ़ाई के साथ-साथ वे स्थानीय मंचों और रेस्तराँ में गाने लगे। 1980 के दशक में जब उनके भीतर का गायक पहचान मांगने लगा, तो वे सपनों की नगरी मुंबई आ गए।

मुंबई में उनके शुरुआती दिन आसान नहीं थे। 1986 में सानू ने छोटे-मोटे कार्यक्रमों, बार और रेस्तरां में गाकर अपनी जीविका चलाई। यहीं उनकी किस्मत ने मोड़ लिया, जब मशहूर ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें संगीतकार कल्याणजी-आनंदजी से मिलवाया।

फिल्म जादूगर (1989) में उन्हें पहला मौका मिला। लेकिन उनकी असली पहचान बनी फिल्म आशिकी (1990) से, जिसके लगभग सभी गाने कुमार सानू ने गाए। "नजर के सामने", "धीरे-धीरे से", "जाने जिगर", "अब तेरे बिन" जैसे गानों ने सानू को रातों-रात सुपरस्टार बना दिया।

90 के दशक में कुमार सानू (Kumar Sanu) का जलवा चारों ओर छाया रहा। उन्होंने एक के बाद एक सुपरहिट फिल्मों में गाने गाए, साजन, दिल है कि मानता नहीं, बाजीगर, 1942: ए लव स्टोरी, दिलवाले, कुछ कुछ होता है और न जाने कितनी फिल्मों के सुपर गानों ने लोगों का दिल जीत लिया ।

उनकी रूमानी आवाज़ में ऐसी मिठास थी कि लोग उन्हें 'मेलोडी किंग ऑफ बॉलीवुड'(Bollywood) कहने लगे। उन्होंने 1991 से 1995 तक लगातार 5 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता, जो आज तक का एक रिकॉर्ड है। साथ ही उन्होंने एक दिन में 28 गाने रिकॉर्ड कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज करवाया।

साथ ही कुमार सानू (Kumar Sanu) ने हिंदी के अलावा कई अलग अलग भाषाओं में भी गायें हैं गाने गाये हैं, जैसे बंगाली, मराठी, तमिल, तेलुगु, पंजाबी, भोजपुरी, नेपाली, गुजराती, असमिया, कन्नड़, मलयालम, उड़िया और यहां तक कि अंग्रेज़ी में भी। उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें देशभर में लोकप्रिय बनाया दिया ।

90 के दशक में कुमार सानू का जलवा चारों ओर छाया रहा। उन्होंने एक के बाद एक सुपरहिट फिल्मों में गाने गाए, साजन, दिल है कि मानता नहीं, बाजीगर, 1942: ए लव स्टोरी, दिलवाले, कुछ कुछ होता है और न जाने कितनी फिल्मों  के सुपर गानों ने लोगों का दिल जीत लिया । Wikimedia commons
90 के दशक में कुमार सानू का जलवा चारों ओर छाया रहा। उन्होंने एक के बाद एक सुपरहिट फिल्मों में गाने गाए, साजन, दिल है कि मानता नहीं, बाजीगर, 1942: ए लव स्टोरी, दिलवाले, कुछ कुछ होता है और न जाने कितनी फिल्मों के सुपर गानों ने लोगों का दिल जीत लिया । Wikimedia commons

कुमार सानू की निजी जिंदगी

कुमार सानू (Kumar Sanu) के सफल करियर के साथ-साथ निजी ज़िंदगी भी मीडिया में सुर्खियों में गई। उन्होंने दो शादियाँ कीं और साथ ही एक मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री के साथ उनका अफेयर भी चर्चा का विषय बना रहा।

कुमार सानू (Kumar Sanu) की पहली शादी रीता भट्टाचार्य से हुई थी। दोनों की मुलाकात कोलकाता में हुई और प्यार के बाद शादी के बंधन में बंध गए। शादी के बाद सानू मुंबई चले आए और रीता को भी साथ लाए। इनके तीन बेटे हुए, जस्सी, जीको और जान। हालांकि यह शादी ज़्यादा समय तक नहीं चल सकी। जैसे-जैसे कुमार सानू का करियर ऊंचाई पर पहुंचा, उनकी निजी ज़िंदगी में दरारें आने लगीं।

उसके बाद 90 के दशक की खूबसूरत अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्री से कुमार सानू (Kumar Sanu) का अफेयर भी बहुत चर्चित रहा। यह रिश्ता फिल्म जुर्म के दौरान शुरू हुआ, जब सानू ने मीनाक्षी पर फिल्माया गया सुपरहिट गाना "जब कोई बात बिगड़ जाए" गाया था। इस गाने के प्रीमियर पर दोनों की मुलाकात हुई और सानू मीनाक्षी से प्रभावित हो गए। शुरुआत में मीनाक्षी इस रिश्ते में नहीं थीं, लेकिन धीरे-धीरे दोनों के बीच प्यार पनपने लगा और लगभग तीन साल तक उन्होंने एक-दूसरे को डेट किया। इसी दौरान कुमार सानू की पहली पत्नी रीता ने उन्हें तलाक दे दिया और मीडिया में आरोप लगाया कि सानू का अफेयर मीनाक्षी से है। शुरुआत में सानू ने इस रिश्ते को नकारा, लेकिन बाद में उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार किया। हालांकि यह रिश्ता भी अंततः टूट गया। मीनाक्षी अमेरिका चली गईं और बाद में वहीं शादी कर ली।

मीनाक्षी से अलग होने के बाद कुमार सानू ने सलोनी भट्टाचार्य से दूसरी शादी की। यह रिश्ता आज भी कायम है। इस शादी से उनकी एक बेटी भी है, शैनन के. जो एक पॉप सिंगर बन चुकी हैं और अमेरिका में अपना करियर बना रही हैं।

भले ही अब फिल्मों में उनका गाना कम सुनाई देता है, लेकिन कुमार सानू आज भी सक्रिय हैं। वे स्टेज शो करते हैं, नए कलाकारों के साथ काम करते हैं और सोशल मीडिया पर भी अपने फैन्स से जुड़े रहते हैं। उनकी आवाज़ आज भी "तेरा मेरा प्यार", "चुरा के दिल मेरा", "तुझे देखा तो", "ऐ काश के हम" जैसे गानों में जिंदा है।

कुमार सानू की ज़िंदगी सिर्फ एक गायक की नहीं, बल्कि एक इंसान की भी कहानी है, जिसमें संघर्ष, प्यार, गलती, सफलता और फिर नई शुरुआत शामिल है। Wikimedia commons
कुमार सानू की ज़िंदगी सिर्फ एक गायक की नहीं, बल्कि एक इंसान की भी कहानी है, जिसमें संघर्ष, प्यार, गलती, सफलता और फिर नई शुरुआत शामिल है। Wikimedia commons

निष्कर्ष

कुमार सानू की ज़िंदगी सिर्फ एक गायक की नहीं, बल्कि एक इंसान की भी कहानी है, जिसमें संघर्ष, प्यार, गलती, सफलता और फिर नई शुरुआत शामिल है। उन्होंने अपनी आवाज़ से करोड़ों दिलों को जीता, लेकिन उनका निजी जीवन भी उतना ही उतार-चढ़ाव भरा रहा।

उनकी कहानी यह भी बताती है कि जब हुनर हो, तो मंज़िल मिलती है। लेकिन जब मोहब्बत और रिश्तों की बात आती है, तो शोहरत भी हर परेशानी को हल नहीं कर सकती। फिर भी, कुमार सानू आज भी एक प्रेरणा हैं, उनके गीतों की तरह, जो हर दिल में बजते हैं। [Rh/PS]

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