अमिताभ जैसे कलाकारों की माँ की भूमिका निभाने वाली सुलोचना लतकर का 94 साल की उम्र में निधन

सुनहरे पर्दे पर बॉलीवुड के शीर्ष सितारों की 'मां' की भूमिका निभाने वाली सुलोचना लतकर(Sulochna Latkar) का रविवार को 94 साल की उम्र में निधन हो गया।
अमिताभ जैसे कलाकारों की माँ की भूमिका निभाने वाली  सुलोचना लतकर का 94 साल की उम्र में निधन(IANS)

अमिताभ जैसे कलाकारों की माँ की भूमिका निभाने वाली सुलोचना लतकर का 94 साल की उम्र में निधन(IANS)

Sulochna Latkar

न्यूज़ग्राम हिंदी: सुनहरे पर्दे पर बॉलीवुड के शीर्ष सितारों की 'मां' की भूमिका निभाने वाली सुलोचना लतकर(Sulochna Latkar) का रविवार को 94 साल की उम्र में निधन हो गया।

उन्हें अपने करियर के छह दशकों में उनकी विस्तृत भूमिकाओं के लिए जाना जाता था। उन्हें अमिताभ बच्चन सहित हिंदी सिनेमा के कई बड़े सितारों की मां की भूमिका निभाने के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है।

वे सात हिंदी फिल्में, जिनमें सुलोचना ने मां का यादगार किरदार निभाया था :

1. 'फरार' : शंकर मुखर्जी द्वारा निर्देशित 1975 की इस क्राइम ड्रामा में सुलोचना ने अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका निभाई थी। यह फिल्म बिग बी द्वारा अभिनीत एक मध्यवर्गीय व्यक्ति राजेश की कहानी है, जो अपनी बहन के साथ बलात्कार और हत्या का बदला लेता है। फिल्म में शर्मिला टैगोर, संजीव कुमार, सज्जन, आगा और भगवान दादा भी हैं। प्रियदर्शन ने यही फिल्म मलयालम में 'परायणुमवय्या परयतिरिक्कानुमवय्या' नाम से बनाई थी।

<div class="paragraphs"><p>अमिताभ जैसे कलाकारों की माँ की भूमिका निभाने वाली  सुलोचना लतकर का 94 साल की उम्र में निधन</p></div>

अमिताभ जैसे कलाकारों की माँ की भूमिका निभाने वाली सुलोचना लतकर का 94 साल की उम्र में निधन

Sulochna Latkar (Wikimedia Image)



2. 'प्रेम नगर' : के.एस. प्रकाश राव द्वारा निर्देशित 1974 की इस हिंदी रोमांटिक ड्रामा में सुलोचना ने हेमा मालिनी के किरदार की मां की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में करण सिंह (राजेश खन्ना) एक महल में समृद्ध जीवनशैली में रहता है और व्यभिचारी व शराबी बन जाता है।

एक दिन करण पूर्व एयर होस्टेस लता (हेमा मालिनी) को उसके बॉस द्वारा छेड़छाड़ से बचाता है और फिर वह उसे अपनी सेक्रेटरी के रूप में काम पर रखता है और उसके परिवार को अपने कॉटेज में रहने के लिए आमंत्रित करता है। करण अपने प्यार का जश्न मनाने के लिए एक हवेली बनाता है, जिसका नाम 'प्रेमनगर' रखता है।

3. 'आदमी' : ए. भीमसिंह द्वारा निर्देशित 1968 की यह सोशल ड्रामा तमिल फिल्म 'आलयमणि' की रीमेक थी। इसमें सुलोचना ने मनोज कुमार की मां की भूमिका निभाई। व्हीलचेयर में एक आदमी के रूप में दिलीप कुमार के अभिनय के लिए विख्यात होने के अलावा, यह फिल्म अख्तर-उल ईमान के संवादों और फरेडून ए ईरानी द्वारा ट्रिक सिनेमैटोग्राफी के काम के लिए भी जानी जाती है।

4. 'नई रोशनी' : फिल्म एक सामाजिक नाटक है, इसकी साजिश विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. कुमार (अशोक कुमार) के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जो अपनी पत्नी पद्मा के साथ रहता है। फिल्म में सुलोचना ने बिस्वजीत चटर्जी (बंगाली स्टार प्रोसेनजीत चटर्जी के पिता, जिन्हें हाल ही में 'जुबली' में मुख्य भूमिका निभाते हुए देखा गया है) की नेत्रहीन मां की भूमिका निभाई थी।

<div class="paragraphs"><p>अमिताभ जैसे कलाकारों की माँ की भूमिका निभाने वाली  सुलोचना लतकर का 94 साल की उम्र में निधन(IANS)</p></div>
अपनी अगली फिल्म 'Zara Hat Ke Zara Bach Ke' को लेकर सारा ने बताया, उन्हें देसी लड़की होना है पसंद



5. 'मैं सुंदर हूं' : कृष्णन-पंजू की जोड़ी द्वारा निर्देशित 1971 का हिंदी-भाषा का नाटक, यह महमूद द्वारा निभाए गए अपने टाइटैनिक चरित्र सुंदर के जीवन का अनुसरण करता है, जो एक वेटर के रूप में काम करता है। वह जल्द ही एक हास्य अभिनेता बन जाता है। सुलोचना का चरित्र, सुंदर की मां, उसे मानवीय कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।

6. 'जरा सी जिंदगी' : सुलोचना ने 1983 की तमिल हिट 'वरुमायिन निरम शिवप्पु' (दोनों महान के. बालाचंदर द्वारा निर्देशित) की इस रीमेक में कमल हासन के किरदार राकेश की मां की भूमिका निभाई थी। कमल हासन का किरदार एक स्नातक है जो काम की तलाश में है और दो अन्य बेरोजगार युवकों के साथ एक छोटा सा घर साझा करता है। उसे एक स्ट्रगलिंग एक्ट्रेस से प्यार हो जाता है, जिसकी जिंदगी भी बहुत खराब है।

7. 'आशा' : 1980 की इस सुपरहिट फिल्म में दीपक (जीतेंद्र) की कहानी है, जो एक ट्रक ड्राइवर है। वह एक प्रसिद्ध गायिका आशा (रीना रॉय) का वाहन टूट जाने पर उसे लिफ्ट देता है। सुलोचना ने इसमें जीतेंद्र की मां की भूमिका निभाई है।

--आईएएनएस

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com