

ये गाना 'संदेशे आते हैं' का रीमेक है, जिसमें इमोशन पुराने और संगीत नया होने वाला है। बॉर्डर का पहला आइकॉनिक गाना 'संदेशे आते हैं' आज भी बजता है तो लोगों के दिल और आंखें दोनों ही नम हो जाती हैं, क्योंकि ये गाना सिर्फ एक गाना नहीं है, बल्कि सीमा पर तैनात सैनिक के बलिदान, मां की ममता और प्रेमिका के प्यार को शब्दों में पिरोकर बनाया गया है। हालांकि, गाना बनाना आसान नहीं था, क्योंकि उस वक्त म्यूजिक कंपोजर और सिंगर अनु मलिक जिंदगी के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे थे।
'संदेशे आते हैं' को बनाने के लिए सबसे जरूरी थे इमोशन। अनु मलिक (Anu Malik) उस वक्त हल्के-फुल्के गाने बनाना चाहते थे, जैसे 'गर्म चाय की प्याली' और 'ऊंची है बिल्डिंग', लेकिन जब जेपी दत्ता और जावेद अख्तर ने उन्हें गाना बनाने के लिए कहा तो वे दुविधा में पड़ गए कि गाने को कैसे बनाए। गाने में इमोशन भरने के लिए जेपी दत्ता ने उन्हें बॉर्डर पर तैनात सैनिकों की फोटोज दिखाई, जिसे देखकर वे खूब रोए। पहले उन्होंने प्रेम से भरा गीत बनाया, जो अच्छा था, लेकिन उसमें वो तड़प और ममता नहीं थी, जो जेपी दत्ता और जावेद साहब चाहते थे।
ऐसे में गाने को सुना गया है, लेकिन रिजेक्ट कर दिया गया। जेपी दत्ता का कहना था कि वे और अच्छा कर सकते हैं, इसलिए उन्होंने दोबारा अनु मलिक को बर्फ में ढके जवानों की तस्वीरें दिखाईं और वे फिर रोने लगे। अनु मलिक ने ठान लिया था कि वे इस बार हर आंसू को धुन में बदलकर ही दम लेंगे। इतनी मेहनत के बाद गाना बनकर तैयार हुआ।
'संदेशे आते हैं' गाना बहुत लंबा था। पहले गाने की अवधि 11 मिनट की थी, लेकिन बाद में इसे साढ़े सात मिनट में पूरा किया। जावेद साहब को गाना पहले अधूरा लगा और गाने को पूरा करने के लिए उन्होंने 'गुजरने वाली हवा वाला' के पैराग्राफ को जोड़ा। इस पैराग्राफ में मां की ममता और सच्ची दोस्ती को पिरोकर शब्दों में लिखा गया, और आखिरी समय में भी अनु मलिक ने गाने की धुन को सिर्फ 7-8 मिनट में तैयार किया था।
धुन और लिरिक्स के संगम से गाना बनाने के लिए सोनू निगम (Sonu Nigam) और रूप सिंह राठौर को चुना गया, जिन्हें उस वक्त ज्यादा लोग नहीं जानते थे। अनु मलिक दोनों के साथ काम करना चाहते थे और उन्हीं के कहने पर सोनू निगम और रूप सिंह राठौर को 'संदेशे आते हैं' दिया गया। एक महीने से ज्यादा की मेहनत के बाद ये गाना तैयार हुआ।
[AK]