Who Owns The Copyright : कॉपीराइट का अर्थ है जो भी आपका मूल काम है, वह केवल आपका अधिकार है। आपकी इजाज़त के बिना उसे कोई लिख, छाप या दिखा नहीं सकता है। कॉपीराइट कानून क्रिएटर्स को अपने कामों को बार-बार दिखाने, डिस्ट्रिब्यूट करने और एग्जबिशन करने की अनुमति देता है, लेकिन ये अधिकार हमेशा के लिए नहीं है। इसकी भी एक समय सीमा होती है।
कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की धारा 17(बी) के अनुसार, यह स्पष्ट किया गया है कि बॉलीवुड और हॉलीवुड दोनों में, किसी फिल्म के कॉपीराइट आम तौर पर उस प्रोडक्शन कंपनी के होते हैं जिसने फिल्म का निर्माण किया है। परंतु जब तक कि कोई अलगा व्यक्ति के साथ एग्रीमेंट न हो। इसका मतलब यह है कि प्रोड्यूसर के पास ही कॉपीराइट होता है, न कि स्क्रिप्ट राइटर या गीतकार जैसे ऑरिजनल क्रिएकटर्स के पास। लेकिन फिर यह सवाल हमेशा उठते हैं कि फिल्म के बनाने के पीछे ऑरिजनल आइडिया तो डायरेक्टर के पास होता है फिर क्यों उसके पास इसका अधिकार नहीं है? इसी अधिकार को लेकर आज कल ये चर्चा हो रही है की साल 1975 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ को 3डी में बदलकर रिलीज किया जायेगा। यही बात अब विवाद बन गई है।
साल 2013 में रमेश सिप्पी वर्सेज रणजीत उत्तम सिंह और अन्य [2013 (55) पीटीसी 95 (बीओएम)], मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि फिल्म के निर्माता यानी प्रोड्यूसर को इसका राइटर माना जाता है क्योंकि वह इसमें पैसा निवेश करता है और फिल्म बनाने की पूरी जिम्मेदारी उठाता है। जबकि ‘शोले’ के डायरेक्टर ने तर्क दिया कि उन्होंने फिल्म के अलग-अलग पहलुओं को क्रिएटिव बनाया। हालांकि वह कोर्ट में यह सबूत देने में नाकामयाब रहे कि उन्होंने फिल्म बनाने में पैसा लगाया है इसलिए उनके पास कॉपीराइट का कोई अधिकार नही हैं।
शान उत्तम सिंह, ‘शोले’ को प्रोड्यूस करने वाले जी.पी सिप्पी के पौते हैं और रमेश सिप्पी के बेटे। दोनों के बीच फिल्म के 3D बनाने और रिलीज को लेकर मतभेद पैदा हुआ था और इसी बात पर कॉपीराइट का बवाल छिड़ गया। ऐसे में सभी काम तो डायरेक्ट करता है लेकिन फिर भी कानूनी तौर पर कॉपीराइट का अधिकार प्रोड्यूसर के पास ही रहेगा।