फिल्म: जरा हटके जरा बचके (Zara Hatke Zara Bachke), फिल्म की अवधि: 132 मिनट, निर्देशक: लक्ष्मण उटेकर, कास्ट: विक्की कौशल (Vicky Kaushal), सारा अली खान (Sara Ali Khan), इनामुलहक, सुष्मिता मुखर्जी, नीरज सूद, राकेश बेदी और शारिब हाशमी, आईएएनएस रेटिंग: 4 स्टार एक निर्देशक के रूप में लक्ष्मण उटेकर को शानदार फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है। उनकी फिल्म 'जरा हटके जरा बचके' रिलीज हो गई है। फिल्म कॉमेडी, सोशल कॉमेंट्री और प्यार में डूबे हुए एक कपल के बारे में है।
फिल्म में विक्की कौशल ने इंदौर के जिम ट्रेनर कपिल दुबे की भूमिका निभाई है, वहीं सारा अली खान ने सौम्या चावला की, जो कोचिंग में बच्चों को पढ़ाती है।
विक्की कौशल और सारा अली खान पहली बार कॉलेज में मिले थे और वक्त के साथ दोनों का प्यार परवान चढ़ता गया और दोनों ने शादी कर ली। लेकिन अपनी शादीशुदा जिंदगी को लेकर जैसे ख्वाब उन्होंने देखें थे, वैसा कुछ भी नहीं होता है। वह अपनी लाइफ में शांति और खुशी पाना चाहते हैं।
मिडिल क्लास परिवार में उनके माता-पिता और नासमझ मामा-मामी है, जिनके चलते सारा और विक्की प्राइवेट टाइम के लिए तरसते हैं। ऐसे में सारा चाहती है कि उनका खुद का घर हो, जिसे वह अपना कह सके।
यह सपना हर मध्यवर्गीय आम आदमी का होता है। संसाधनों की कमी और परिवार से अलग होने के दर्द के चलते कई लोगों के लिए सपना पूरी तरह से पहुंच से बाहर रहता है।
सौम्या और कपिल घर की तलाश में निकलते हैं, लेकिन उन्हें ठगा जाता है, धोखा दिया जाता है और उनका मजाक बनाया जाता है। लेकिन एक दिन सौम्या को एक सरकारी आवास योजना के बारे में पता चलता है, जिसमें एक स्पेशल कैटेगिरी है, तलाकशुदा महिलाओं के लिए एक किफायती घर।
इस फॉर्म को देख सौम्या और विक्की प्लानिंग करते हैं, कि वे लड़ेंगे और तलाक लेकर सरकारी योजना के तहत आवंटित किए जा रहे घर के लिए इस कैटेगिरी में फिट बैठेंगे।
कपिल और सौम्या ने अपने तलाक को विश्वसनीय बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया। उन्होंने दलालों, फीस, फॉर्म और न जाने कहां-कहां अपना पैसा खर्च किया, लेकिन चीजें प्लानिंग के अनुसार नहीं हो पाई। बावजूद इसके वो हार नहीं मानते।
आगे जो होता है वह आपको कपिल और सौम्या के किरदार से प्यार करने के लिए मजबूर कर देगा, उनका प्यार इतना गहरा होता है कि वह सब कुछ सहने के लिए तैयार होते हैं।
लेखक मैत्रेय बाजपेई और रमिज इल्हाम खान ने साधारण परिवार के मजेदार पात्रों और भावनाओं से फिल्म को शानदार बनाया है, जो असली लगता है कि यह हर किसी की कहानी जैसी है। कॉमेडी दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर देगी।
राकेश बेदी, शारिब हाशमी और सुष्मिता मुखर्जी जैसे दिग्गजों ने फिल्म में सॉलिड पंच पैक देने के लिए खूब मेहनत की है। उन्होंने स्टोरी और उसके इमोशनल सीन्स को सहजता से पूरा किया है।
फिल्म में सभी कलाकारों ने अपनी-अपनी परफॉर्मेस में कोई कमी नहीं छोड़ी है। म्यूजिक आउटस्टैडिंग है, जिसे शब्दों में नहीं समझाया जा सकता। लक्ष्मण उतेरकर ने फिल्म को इस तरह से तैयार किया है कि फिल्म खत्म होने के बाद भी आपके दिमाग में लंबे समय तक घूमती रहेगी।
इस तरह की पारिवारिक फिल्म पर्दे पर लंबे समय से नहीं देखी गई है। वीकेंड को यादगार बनाने के लिए अपने परिवार के साथ यह फिल्म जरूर देखें।
--आईएएनएस/PT