प्रदीप कुमार की दर्दनाक कहानी सुनकर आपका भी आंखें भर जाएंगी

एक इंटरव्यू में अपने इस दैनिक स्थिति के बारे में बताया था उन्होंने कहा की पत्नी के निधन के बाद भी बच्चे उनसे मिलने नहीं आए बीमारी के बाद उनका रहने का भी ठिकाना नहीं बचा था उन्हें कोलकाता के बिजनेसमैन ने अपना एक फ्लैट रहने के लिए दिया और उनकी देखरेख के लिए एक लड़के को वहां रखा था।
प्रदीप कुमार:- बॉलीवुड के एक मशहूर अभिनेता जिन्होंने 17 वर्ष की उम्र से ही एक्टिंग की दुनिया में कदम रख दिया था[Wikimedia Commons]
प्रदीप कुमार:- बॉलीवुड के एक मशहूर अभिनेता जिन्होंने 17 वर्ष की उम्र से ही एक्टिंग की दुनिया में कदम रख दिया था[Wikimedia Commons]
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बॉलीवुड के एक मशहूर अभिनेता जिन्होंने 17 वर्ष की उम्र से ही एक्टिंग की दुनिया में कदम रख दिया था। उन्होंने हिंदी बंगाली और इंग्लिश फिल्मों में काम किया साल 1947 में उन्होंने बंगाली फिल्म अलकनंदा से एक्टिंग में डेब्यू किया था बाद में वह मुंबई शिफ्ट हो गए उन्होंने साल 1952 में आई फिल्म आनंद मठ में अहम रोल निभाया इसकी अगले साल उन्होंने एक्ट्रेस बीना राय के साथ फिल्म अनारकली में और साल 1954 में आई फिल्म नागिन में वैजयंती माला के अपोजिट लीड रोल निभाया प्रदीप ने कई फिल्मों में सिर्फ राजकुमार राजा और महाराज वाले किरदार निभाए लेकिन इतनी मशहूर होने के बाद प्रदीप कुमार का जीवन बहुत सुखमय नहीं था उन्होंने अपने जीवन में काफी कुछ झेला तो चलिए आज हम बात करते हैं प्रदीप कुमार की और उनके जीवन की।

बच्चों ने छोड़ दिया था साथ

प्रदीप कुमार 60 के दशक तक फिल्मों की दुनिया में चरण बने रहे लेकिन उम्र के एक पड़ाव के बाद उन्होंने सपोर्टिंग रोल निभाए उन्होंने अमिताभ बच्चन सनी देओल जितेंद्र मनोज कुमार समेत कई बड़े एक्टर्स के साथ काम किया प्रदीप कुमार को बॉक्स ऑफिस पर बहुत प्यार मिला उनके करोड़ों फैंस बने लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ बिल्कुल भी खुशहाल नहीं थी। प्रदीप कुमार का जीवन बहुत ही दुखो से भरा हुआ था प्रदीप कुमार को जब लकवा मारा तब उनके चारों बच्चों ने उन्हें अकेला छोड़ दिया था।

प्रदीप कुमार 60 के दशक तक फिल्मों की दुनिया में चरण बने रहे लेकिन उम्र के एक पड़ाव के बाद उन्होंने सपोर्टिंग रोल निभाए [Wikimedia Commons]
प्रदीप कुमार 60 के दशक तक फिल्मों की दुनिया में चरण बने रहे लेकिन उम्र के एक पड़ाव के बाद उन्होंने सपोर्टिंग रोल निभाए [Wikimedia Commons]

बच्चों के छोड़े जाने के बाद वह सदमे में थे और किसी से बात नहीं करते थे उनकी तीन बेटियां बीना बैनर्जी मीणा चट्टोपाध्याय और रीना कुमारी और बेटा देवी प्रसाद बट दयाल है। उनकी पत्नी का निधन हुआ तो वह और भी ज्यादा अकेले हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदीप कुमार ने एक इंटरव्यू में अपने इस दैनिक स्थिति के बारे में बताया था उन्होंने कहा की पत्नी के निधन के बाद भी बच्चे उनसे मिलने नहीं आए बीमारी के बाद उनका रहने का भी ठिकाना नहीं बचा था उन्हें कोलकाता के बिजनेसमैन ने अपना एक फ्लैट रहने के लिए दिया और उनकी देखरेख के लिए एक लड़के को वहां रखा था।

दर्दनाक निधन

प्रदीप कुमार अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद काफी अकेले रहने लगे थे ना उनके बच्चे उनसे कभी मिलने आते थे ना अपना कहने वाला उनके जीवन में कोई था।

प्रदीप कुमार अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद काफी अकेले रहने लगे थे ना उनके बच्चे उनसे कभी मिलने आते थे ना अपना कहने वाला उनके जीवन में कोई था।[Wikimedia Commons]
प्रदीप कुमार अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद काफी अकेले रहने लगे थे ना उनके बच्चे उनसे कभी मिलने आते थे ना अपना कहने वाला उनके जीवन में कोई था।[Wikimedia Commons]

अंत में प्रदीप कुमार की 27 अक्टूबर 2001 को दर्दनाक निधन हो गया। जिस एक्टर ने बड़े पर्दे पर राजा महाराजा के किरदार किया उनका आखिरी समय मुफलिसी में बीत गया प्रदीप कुमार ने मधुबाला के साथ आठ और मीना कुमारी के साथ-साथ फिल्में की थी उन्होंने यहूदी की लड़की, बहू बेगम, चित्रलेखा, भीगी रात, आदि ले जहांगीर, शिरीन फराह, राज हाथ, क्रांति समेत कई फिल्मों में काम किया प्रदीप कुमार अब सिर्फ़ फिल्मों में ही जिंदा रह गए।

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