मनु भंडारी के उपन्यास पर बनी फिल्म पर खुब हुआ था विवाद

फिल्म को शिशिर मिश्रा ने डायरेक्ट किया फिल्म रिलीज हुई तो उनका लेखिका मन्नू भंडारी के साथ विवाद हो गया।
समय की धारा फिल्म का पोस्टर
मनु भंडारी: लेखकों और साहित्यकारों के उपन्यास पर ब्लॉकबस्टर फिल्में बन चुकी हैंSora Ai
Published on
Updated on
2 min read

उपन्यासों और कहानियों पर फिल्में बनाना बेहद आम बात है काफी समय से ही कई पॉपुलर लेखकों की कहानियां और उपन्यासों पर कई फिल्में बनी है। जैसे मुंशी प्रेमचंद रवींद्रनाथ टैगोर शरद चंद्र चट्टोपाध्याय और चेतन भगत समेत कई लेखकों और साहित्यकारों के उपन्यास पर ब्लॉकबस्टर फिल्में बन चुकी हैं लेकिन यहां हम आपको मन्नू भंडारी के चर्चित उपन्यास पर बनी फिल्म के बारे में बताएंगे जो 1986 में आई थी और बॉक्स ऑफिस पर काफी पॉपुलर भी हुई थी लेकिन इस फिल्म पर विवाद भी देखने को मिला।

कौन से उपन्यास पर बना था फिल्म

1986 में मन्नू भंडारी का एक प्रसिद्ध उपन्यास आपका बंटी के ऊपर फिल्म बनाई गई थी। इस फिल्म में पहली बार विनोद मेहरा और शत्रुघ्न सिन्हा ने साथ काम किया था। दोनों कलाकार ने लीड रोल निभाया उनके अपोजिट शबाना आज़मी और टीना मुनीम थी। फिल्म की कहानी देखकर ऑडियंस रो पड़ी थी फिल्म में किशोर बालक की मानसिक स्थिति और उसकी दर्दनाक मौत के सफर को दिखाती है। फिल्म का नाम समय की धारा रखा गया था।

लेखिका मनु भंडारी की तस्वीर
1986 में मन्नू भंडारी का एक प्रसिद्ध उपन्यास आपका बंटी के ऊपर फिल्म बनाई गई थी। [Wikimedia Commons]

फिल्म को शिशिर मिश्रा ने डायरेक्ट किया फिल्म रिलीज हुई तो उनका लेखिका मन्नू भंडारी के साथ विवाद हो गया। मनु ने मेकर्स पर उनके उपन्यास से छेड़छाड़ और उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया था। इसके लिए उन्होंने कोर्ट का रुख भी किया लंबा विवाद चल स्थानीय कोर्ट से हाई कोर्ट तक मामला गया लेकिन फैसला मार्क्स के पक्ष में था।

क्यों हुआ था विवाद

मन्नू भंडारी ने मेकर्स पर आरोप लगाया था की मन्नू भंडारी के उपन्यास के साथ छेड़छाड़ की गई है। दरअसल मन्नू भंडारी ने फिल्म का नाम पहले आपका बंटी बंटी और घर जैसे नाम सुझाए थे लेकिन मार्क्स नहीं माने।

समय की धारा फिल्म का पोस्टर
फिल्म का नाम समय की धारा रखा गया थाx

फिर क्लाइमेक्स भी मार्क्स ने उपन्यास से अलग रखा था। उपन्यास के क्लाइमेक्स में बंटी परेशान होकर बोर्डिंग स्कूल चला जाता है लेकिन फिल्म में दिखाया गया कि वह घर छोड़कर भाग जाता है और बारिश में भीगता है जिसकी वजह से उसकी तबीयत बिगड़ी है और वह अस्पताल में मर जाता है बाद में उसकी फैमिली के पास डॉक्टर शिनाख्त के लिए कॉल करते हैं। और इसी के साथ फिल्म की समाप्ति होती है। मनु भंडारी का कहना था कि इस प्रकार फिल्म की कहानी के साथ छेड़खानी करने पर उनकी इमेज लोगों के सामने खराब हो सकती है और इसलिए उन्होंने मार्क्स पर आरोप लगाया और यह मामला कोर्ट तक ले गई।

समय की धारा फिल्म का पोस्टर
हिंदी साहित्य की एक ऐसी लेखिका जिसने समाज को तो आईना दिखाया लेकिन खुद विवादों में घिर गई!

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com