बिहार में देखने को मिली अलग प्रकार की होली, आप भी जानिए खासियत

होली के मौके पर गजेंद्र और अन्य ग्रामीणों ने पहले पेड़-पौधों की पूजा अर्चना की। उसके बाद रंग और गुलाल लगाकर होली मनाई।
बिहार में देखने को मिली अलग प्रकार की होली (IANS)

बिहार में देखने को मिली अलग प्रकार की होली (IANS)

पेड़ पौधों संग होली

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न्यूजग्राम हिंदी: बिहार (Bihar) में आठ मार्च को बिहार में लोगों ने जमकर होली मनाई। इस दौरान पश्चिम चंपारण (Champaran) जिले के बगहा में पेड़, पौधों के साथ अनोखी होली भी मनाई गई, जहां लोग पेड़ पौधों को अबीर गुलाल लगाकर होली के पारंपरिक गीतों पर झूमते नाचते थिरकते दिखे और पेड़ पौधों के बीच होली मनाई।

इस होली कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना था। बगहा प्रखंड के पिपरा गांव में पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव (Gajendra Yadav) ने पेड़-पौधों के साथ होली मनाई। गजेंद्र यादव करीब डेढ़ दशक से पेड़-पौधों के साथ कोई भी पर्व मनाते हैं। गजेंद्र यादव बुधवार को अन्य ग्रामीणों के साथ पेड़ों के साथ होली मनाई।

<div class="paragraphs"><p>बिहार में देखने को मिली अलग प्रकार की होली (IANS)</p></div>
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होली के मौके पर गजेंद्र और अन्य ग्रामीणों ने पहले पेड़-पौधों की पूजा अर्चना की। उसके बाद रंग और गुलाल लगाकर होली मनाई। गजेंद्र यादव अन्य ग्रामीणों के साथ आईपीएस अधिकारी विकास वैभव के नाम के चौराहे पर एकत्रित हुए और होली खेली। गजेंद्र पिछले कई सालों से पौधारोपण कर रहे हैं। अब तक वे करीब आठ लाख से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं। गजेंद्र आजीवन इन पेड़ पौधों की रक्षा और पौधारोपण को लेकर शादी न करने का प्रण ले रखे हैं। यही वजह है कि इस चौराहे पर नर्सरी बनाकर पेड़ पौधों के साथ पर्व त्योहार मनाते आ रहे हैं।

<div class="paragraphs"><p>बिहार की खास होली (Wikimedia Commons)</p></div>

बिहार की खास होली (Wikimedia Commons)

गजेंद्र यादव

होली के मौके पर गजेंद्र और अन्य ग्रामीणों ने पहले पेड़-पौधों की पूजा अर्चना की। उसके बाद रंग और गुलाल लगाकर होली मनाई। गजेंद्र यादव अन्य ग्रामीणों के साथ आईपीएस अधिकारी विकास वैभव के नाम के चौराहे पर एकत्रित हुए और होली खेली। गजेंद्र पिछले कई सालों से पौधारोपण कर रहे हैं। अब तक वे करीब आठ लाख से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं। गजेंद्र आजीवन इन पेड़ पौधों की रक्षा और पौधारोपण को लेकर शादी न करने का प्रण ले रखे हैं। यही वजह है कि इस चौराहे पर नर्सरी बनाकर पेड़ पौधों के साथ पर्व त्योहार मनाते आ रहे हैं।

आईएएनएस/PT

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