त्योहार के दौरान भी रखे अपने हार्ट का ख्याल, जानिए कैसे

आईएचएल ने एक टेक-ड्रिवेन हर्ट हेल्थ कैलकुलेटर विकसित किया है, जो एक निवारक उपकरण के रूप में कार्य करता है।
दीपावली का त्योहार
दीपावली का त्योहारWikimedia

रोशनी और खुशियों से भरे त्योहार दिवाली को लेकर लोग काफी उत्साहित है। इस अवधि के दौरान, अत्यधिक मीठे व्यंजनों के साथ उत्सव का आनंद हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है। लोग साल भर अनजाने में कई बाहरी या आंतरिक स्थितियों से दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता दे रहे हैं। अपने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए हमें खास देखभाल करने की आवश्यकता है। आईएचएल ने एक टेक-ड्रिवेन हार्ट हेल्थ कैलकुलेटर विकसित किया है, जो एक निवारक उपकरण के रूप में कार्य करता है। यह उम्र, बीएमआई, बीपी और कोलेस्ट्रॉल के स्तर समेत कई कारकों का उपयोग करके हृदय जोखिम मूल्यांकन में मदद करता है।

नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ और पद्म श्री पुरस्कार विजेता डॉ मोहसिन वाली ने कहा, हृदय रोगों को रोका जा सकता है। इसके लिए लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन और डाइट के अलावा, हमें हृदय की स्थिति से अपडेट होने के लिए निवारक जांच पर ध्यान देना चाहिए।

हार्ट हेल्थ पर आईएचएल वेलनेस मैटर्स एपिसोड-13 के दौरान हार्ट हेल्थ स्कोर (Heart health score) और लाइफस्टाइल (Lifestyle) में बदलाव की गणना करके हार्ट अटैक को रोकने के उपायों पर बोलते हुए, इंडिया हेल्थ लिंक (आईएचएल) के संस्थापक और सीईओ डॉ सत्येंद्र गोयल ने कहा, हमें भारत और दुनिया भर में हृदय स्वास्थ्य के बारे में आम जनता को शिक्षित करने की आवश्यकता है, और आईएचएल निवारक देखभाल के बारे में जागरूकता फैलाने और इसके लिए एक विविध समाधान प्रदान करने के लिए निरंतर काम कर रहा है। हम चाहते हैं कि 18 वर्ष से अधिक आयु का प्रत्येक वयस्क सरल मापदंडों का उपयोग करके हृदय स्वास्थ्य समेत अपने स्वास्थ्य को ट्रैक करने में सक्षम हो।

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डॉ गोयल ने आगे कहा, अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य जानकारी प्रदान करके, आप हमारे फ्री ऐप 'हर्ट हेल्थ मीटर' या 'हर्ट हेल्थ कैलकुलेटर' का उपयोग कर सकते हैं। इसमें बस आपको अपने ब्लड प्रेशर, वेट, हाइट और नॉर्मल लाइफस्टाइल जैसी जानकारी दर्ज करनी होगी। जिसके बाद यह आपको आपके दिल से जुड़ी जोखिमों के बारे में बताएगा।

प्रिवेंटिव हेल्थकेयर के बारे में बोलते हुए, इंडिया हेल्थ लिंक (आईएचएल) के सह-संस्थापक और अध्यक्ष डॉ स्वदीप श्रीवास्तव ने कहा, निवारक स्वास्थ्य देखभाल में मौजूदा अंतर को भरने के लिए, इंडिया हेल्थ लिंक (आईएचएल) ने अपनी तरह का पहला कनेक्टेड 'मानव-केंद्रित' फिजिटल (फिजिकल प्लस डिजिटल) स्क्रीनिंग इकोसिस्टम पेश किया है। जिसमें पुरस्कार विजेता 'मेड इन इंडिया' हेल्थ पॉड- हेल्थ एटीएम शामिल है।

हेल्थ एटीएम के माध्यम से, व्यक्ति ब्लड प्रेशर, वजन, एसपीओ2, बीएमआई, बीएमसी, पल्स, तापमान और ईसीजी समेत 20 से ज्यादा स्वास्थ्य महत्वपूर्ण मापदंडों के लिए अपनी स्क्रीनिंग 5 मिनट के भीतर करवा सकते हैं, इसके बाद बिना किसी पैरामेडिक सहायता के तत्काल रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं।

आईएचएल के हार्ट हेल्थ कैलकुलेटर के बारे में विस्तार से बताते हुए डॉ गोयल ने कहा, हमारा लक्ष्य प्रत्येक भारतीय नागरिक को उनके दिल के जोखिमों का आकलन करने के लिए हार्ट असेसमेंट टूल देना है। इसके लिए हमने आईएचएल का हार्ट हेल्थ कैलकुलेटर विकसित किया है, हालांकि यह मेयो क्लिनिक स्वास्थ्य प्रणाली पर आधारित है, इसे फ्रामिंघम स्टडी के इस्तेमाल से बनाया गया है, जिसका दुनिया भर में पालन किया जाता है। हमने फ्रामिंघम स्टडी और एएससीवीडी जोखिम अनुमानक, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के हालिया कैलकुलेटर को लिया, और उन्हें सबसे सटीक रिस्क कैलकुलेटर प्रीडिक्शन प्राप्त करने के लिए संयोजित किया।

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उन्होंने आगे कहा, यह एंड्रॉइड (Android) और ऐप्पल ऐप पर है, लेकिन हमारे पास हेल्थ कियोस्क नामक मेडिकल उपकरण भी है जो इस स्कोर के लिए ब्लड प्रेशर और अन्य महत्वपूर्ण संकेतों को मापता है। हालांकि, यह केवल एक कैलकुलेटर है जो आपके पारिवारिक इतिहास और जीवन शैली के आधार पर संभावना को प्रदर्शित करता है, ताकि आप निवारक उपाय कर सकें। मैं आपको बता सकता हूं कि यह सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला कैलकुलेटर है, और सभी प्रख्यात डॉक्टर शायद इस बात से सहमत होंगे कि फ्रामिंघम स्टडी गोल्ड मानक है।

डॉ वली ने डॉ गोयल के साथ सहमति व्यक्त करते हुए कहा, एआई (AI) का इन दिनों बहुत बड़ा कार्य है और यदि हम आंकड़ों का उपयोग करते हैं, तो मैं सहमत हूं कि इस अत्यधिक भरोसेमंद फ्रामिंघम स्टडी के आधार पर हम रोगी को यह अनुमान बता सकते हैं और सूचित कर सकते हैं कि आप यहां पर हैं, और आपको आवश्यक निवारक सावधानियां बरतनी चाहिए।

आईएएनएस/RS

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