नवरात्रि यानी नौ रात यह नौ दिन मां दुर्गा को समर्पित होते है।इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा-उपासना की जाती है। लोग बिना कुछ खाये पिये भूखे-प्यासे रहकर मां दुर्गा का उपवास और आराधना करते हैं।कुछ लोग अपनी श्रद्धा अनुसार नवरात्रि में मां दुर्गा के नाम की अखंड ज्योति प्रज्वलित करते है। इस ज्योति को पूरे नौ दिन प्रज्वलित रखने का विधान है।शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है।
इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर तक चलेंगे। इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा-उपासना की जाती है। लोग बिना कुछ खाये पिये भूखे-प्यासे रहकर मां दुर्गा का उपवास और आराधना करते हैं।कुछ लोग अपनी श्रद्धा अनुसार नवरात्रि में मां दुर्गा के नाम की अखंड ज्योति प्रज्वलित करते है। शारदीय नवरात्रि में आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को देवी की उपासना से पहले पवित्र कलश की स्थापना की जाती है इस घटस्थापना में नियमों का खास ध्यान रखा जाता है।कलश स्थापना के समय कुछ विशेष गलतियां करने से बचना चाहिए।
इस साल शारदीय नवरात्रि में प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर को है इसी दिन घटस्थापना होगी इस दिन सुबह 06 बजकर 28 मिनट से लेकर 08 बजकर 01 मिनट तक कलश स्थापना कर सकते है। घटस्थापना की कुल अवधि 01 घण्टा 33 मिनट की है। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना करना भी बहुत शुभ माना जाता है।इस दिन सुबह 11 बजकर 54 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त चलेगा।घटस्थापना के वक्त कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए। आज हम आपको इन्हीं के बारे में बताएंगे।
1. घटस्थापना के वक्त कलश का मुंह हमेशा किसी चीज से ढककर रखें।यदि आप कलश ढक्कन से ढकते है तो कलश को चावलों से भर दें और उसके बीचों-बीच एक नारियल भी रख दें।
2. गलत दिशा में न करे घटस्थापना : कलश स्थापना गलत दिशा में करने से बचना चाहिए।ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) देवताओं की दिशा होती है और इसी दिशा में देवी के नाम पर कलश को स्थापित किया जाना चाहिए।
3. कलश के पास ही माता की अखंड ज्योति प्रज्वलित करनी चाहिए।ज्योति को हमेशा आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में रखना चाहिए। पूजा करते समय अपना चेहरा भी पूर्व या उत्तर दिशा में रखना चाहिए।
4. साफ सफाई का रखे विशेष ध्यान : देवी की चौकी या पूजा स्थल के पास गंदगी ना रखे। इसमें साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता है।पूजा स्थल के सामने थोड़ा स्थान खुला होना चाहिए, जहां बैठकर ध्यान व पाठ आदि किया जा सके।
5. घटस्थापना शौचालय या बाथरूम के आसपास नही होनी चाहिए ।पूजा स्थल के ऊपर यदि कोई आलमारी या खांचा बना हो तो उसे साफ-सुथरा रखिए।
(PT)