

12 दिसंबर को कई महत्वपूर्ण फैसले हुए प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशें, भारत–नेपाल रक्षा सहयोग और गंगाजल बंटवारा संधि जैसे प्रमुख कदम उठाए गए।
इस दिन रवि दहिया, युवराज सिंह, रजनीकांत, श्रीकांत और शरद पवार जैसी हस्तियों का जन्म हुआ, जिन्होंने खेल, राजनीति और सिनेमा में बड़ा योगदान दिया।
नित्यानंद स्वामी, रामानंद सागर, मीर क़ासिम और मैथिलीशरण गुप्त जैसे व्यक्तित्वों ने 12 दिसंबर को ही दुनिया को अलविदा कहा और अपने कामों से इतिहास में खास जगह बनाई।
हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जो की इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं। 12 दिसंबर के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं और इन घटनाओं से यह समझने में मदद मिलती है कि एक निर्णय या घटना कैसे समय के साथ-साथ बड़े बदलाव लेकर आते हैं। आइए जानते हैं 12 दिसंबर (History Of 12th December) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशें / शपथ ग्रहण
2008 में प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष एम. वीरप्पा मोइली (Chairman M. Veerappa Moily) ने सरकारी कर्मचारियों और सेवा निगमों में बड़े सुधारों की सिफारिश की। इसी वर्ष रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर अपने नए कार्यकाल की शुरुआत की।
नेपाल को चीता हेलीकॉप्टर
2001 में भारत ने नेपाल को सुरक्षा सहयोग के तहत दो चीता हेलीकॉप्टर (India provided two Cheetah helicopters To Nepal) और आवश्यक हथियार उपलब्ध कराए। यह कदम नेपाल की सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से उठाया गया था।
क्लिंटन महाभियोग / सांस्कृतिक पुरस्कार
1998 में अमेरिकी सदन की न्यायिक समिति ने राष्ट्रपति बिल क्लिंटन (President Bill Clinton) के खिलाफ महाभियोग चलाने की मंजूरी दी, जिससे देश में राजनीतिक हलचल बढ़ी। इसी वर्ष साहित्य के नोबेल विजेता अलेक्ज़ेंडर लोल्भनित्भिन (Nobel laureate Alexander Lobnitzhin) ने रूस के सर्वोच्च सांस्कृतिक सम्मान को लेने से इंकार कर दिया।
गंगाजल बंटवारा संधि
1996 में भारत और बांग्लादेश ने गंगा नदी के जल बंटवारे (Ganga water sharing treaty) पर 30 वर्षीय ऐतिहासिक संधि पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते ने दोनों देशों के बीच जल विवाद को शांत किया और आने वाले दशकों के लिए गंगा जल के उपयोग और वितरण का स्पष्ट ढांचा तैयार किया।
हुसैन सागर में बुद्ध प्रतिमा
1992 में हैदराबाद की हुसैन सागर झील (Buddha statue at Hussain Sagar) में विशालकाय एकाश्मक (एक ही पत्थर से बनी) बुद्ध प्रतिमा स्थापित की गई। यह प्रतिमा शहर का प्रमुख आकर्षण बनी और शांति, अहिंसा तथा बौद्ध दर्शन का प्रतीक मानी जाती है। इसे स्थापित करने में वर्षों की मेहनत लगी।
टी.एन. शेषन बने मुख्य निर्वाचन आयुक्त
1990 में टी. एन. शेषन (T. N. Seshan) भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त बने। अपने कठोर और निष्पक्ष नियमों के लिए वे मशहूर हुए। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में कई सख्त सुधार किए, जिनसे चुनावों की पारदर्शिता बढ़ी और मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट को सख्ती से लागू किया गया।
फ्रेंच आल्प्स ट्रेन हादसा
1917 में फ्रांस के आल्प्स क्षेत्र में सेना की एक ट्रेन पटरी (French Alps train accident) से उतर गई, जिससे 543 सैनिकों की दर्दनाक मौत हो गई। यह प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हुआ एक बड़ा हादसा था, जिसने फ्रांस को गहरे सदमे में डाल दिया और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए।
पहला क्रिकेट टेस्ट मैच
1884 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच (First Test Match) खेला गया, जिसने अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट की परंपरा को मजबूत आधार दिया। यह मुकाबला खेल इतिहास का महत्वपूर्ण अध्याय बना और आने वाले वर्षों में क्रिकेट को विश्वभर में लोकप्रियता मिली।
रवि कुमार दहिया
1997 में जन्मे रवि कुमार दहिया (Ravi Kumar Dahiya) भारत के प्रसिद्ध फ्रीस्टाइल पहलवान हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में कई पदक जीते, जिनमें ओलंपिक रजत पदक भी शामिल है। अपनी मेहनत, तकनीक और निरंतरता के कारण वे भारत के सबसे सफल युवा पहलवानों में गिने जाते हैं।
युवराज सिंह
1981 में जन्मे युवराज सिंह (Yuvraj Singh Birthday) भारतीय क्रिकेट टीम के आक्रामक और लोकप्रिय खिलाड़ी रहे। वे अपनी बड़ी पारियों, तेज हिटिंग और छह छक्कों के रिकॉर्ड के लिए मशहूर हैं। 2011 विश्व कप में उनकी शानदार प्रदर्शन से भारत को जीत मिली। कैंसर से लड़कर उन्होंने प्रेरक वापसी की।
कृष्णमचारी श्रीकांत
1959 में जन्मे कृष्णमचारी श्रीकांत (Krishnamachari Srikkanth Birthday) भारत के पूर्व क्रिकेटर और कप्तान हैं। वे अपनी तेज बल्लेबाजी शैली और आत्मविश्वासपूर्ण खेल के लिए जाने जाते हैं। श्रीकांत चयन समिति के अध्यक्ष भी रहे और भारतीय क्रिकेट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे तमिलनाडु के मद्रास (चेन्नई) से हैं।
वी. मुरलीधरन
1958 में जन्मे वी. मुरलीधरन (V. Muralidharan Birthday) भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। उन्होंने विभिन्न राजनीतिक और संगठनात्मक पदों पर काम किया। राज्यसभा सदस्य के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। उनकी राजनीतिक यात्रा ईमानदारी और संगठनात्मक अनुभव के लिए पहचानी जाती है।
हेमंत करकरे
1954 में जन्मे हेमंत (Hemant Karkare's Birthday) करकरे 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी और मुंबई एटीएस के प्रमुख थे। वे अपने गंभीर, ईमानदार और साहसी कार्यशैली के लिए जाने जाते थे। 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान वे शहीद हुए, और देश ने उन्हें वीरता का प्रतीक माना।
रजनीकांत
1949 में जन्मे रजनीकांत (Rajnikanth's Birthday) तमिल और हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार हैं। उनकी अनोखी शैली, संवाद शैली और करिश्माई व्यक्तित्व ने उन्हें भारत के सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में शामिल किया। बस कंडक्टर से सुपरस्टार बनने की उनकी कहानी लाखों लोगों को प्रेरित करती है।
शरद पवार
1940 में जन्मे शरद पवार (Sharad Pawar Birthday) भारत के वरिष्ठ और प्रभावशाली राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और भारत के कृषि मंत्री जैसे प्रमुख पद संभाले। उनका राजनीतिक अनुभव छह दशकों से अधिक का है। वे नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के संस्थापक भी हैं।
बालकृष्ण शिवराम मुंजे
1872 में जन्मे बालकृष्ण शिवराम मुंजे (Balkrishna Shivram Munje Birthday) स्वतंत्रता सेनानी और हिंदू महासभा के प्रमुख नेता थे। उन्होंने देशभक्ति, संगठन और समाज सुधार के कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका प्रभाव कई राष्ट्रीय आंदोलनों पर पड़ा और वे राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रमुख प्रेरकों में से रहे।
नित्यानंद स्वामी का निधन
2012 में नित्यानंद स्वामी का निधन (Nityananda Swami passes away) हुआ। वे उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री थे और राज्य के गठन के शुरुआती दौर में प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका रही। वे सरल स्वभाव और विकास केंद्रित राजनीति के लिए जाने जाते थे।
रामानंद सागर का निधन
2005 में रामानंद सागर का निधन (Ramanand Sagar passes away) हुआ। वे भारत के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक और ऐतिहासिक टीवी धारावाहिक रामायण के निर्माता थे। उनका यह सीरियल भारतीय टीवी इतिहास में सबसे लोकप्रिय कार्यक्रमों में शामिल हुआ और समाज में सांस्कृतिक प्रभाव छोड़ गया।
सैयद मीर क़ासिम
2004 में सैयद मीर क़ासिम (Syed Mir Qasim) का निधन हुआ। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रहे। उनके कार्यकाल में राज्य के राजनीतिक हालातों को सुधारने और प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के प्रयास किए गए।
जे. एच. पटेल
2000 में जे. एच. पटेल (J. H. Patel) का निधन हुआ। वे जनता दल के अनुभवी नेता और कर्नाटक के 15वें मुख्यमंत्री थे। अपने कार्यकाल में उन्होंने औद्योगिक विकास, ग्रामीण सुधार और प्रशासनिक पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया, जिससे राज्य की प्रगति को गति मिली।
मैथिलीशरण गुप्त
1964 में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (Maithali Sharan Gupt) का निधन हुआ। वे हिंदी साहित्य के महान कवि थे और उनकी रचनाएँ देशभक्ति, संस्कृति और सामाजिक मूल्यों पर आधारित थीं। साकेत और भारत-भारती जैसी कृतियों ने उन्हें अमर बना दिया और हिंदी कविता को नई दिशा दी।
राधाचरण गोस्वामी
1925 में राधाचरण गोस्वामी (Radha Charan Goswami) का निधन हुआ। वे ब्रज के प्रतिष्ठित साहित्यकार, नाटककार और संस्कृत के विद्वान थे। उनकी रचनाओं में ब्रज संस्कृति, भक्ति और साहित्यिक सौंदर्य का अद्भुत समन्वय मिलता है। वे शिक्षण और साहित्यिक कार्यों से समाज को लंबे समय तक प्रेरित करते रहे।
अखिल भारतीय हस्तशिल्प (सप्ताह)
अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह (All India Handicrafts Week) की शुरुआत वर्ष 1955 में भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। यह सप्ताह हर साल 8 से 14 दिसंबर तक मनाया जाता है। इस दौरान देश के पारंपरिक कलाकार, बुनकर, शिल्पकार और कारीगर अपने उत्कृष्ट हस्तनिर्मित उत्पाद प्रदर्शित करते हैं। सरकार और विभिन्न संस्थाएं मेलों, प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं का आयोजन करती हैं, ताकि लोगों को भारतीय कला और संस्कृति की सुंदरता से जोड़ सकें। इसका मुख्य उद्देश्य देशी हस्तशिल्प को बढ़ावा देना, कारीगरों को आर्थिक सहायता देना और युवा पीढ़ी को पारंपरिक कला की ओर आकर्षित करना है।
हवाई सुरक्षा दिवस (सप्ताह)
भारत में हवाई सुरक्षा दिवस (Air Safety Day) की शुरुआत 1996 में हुई, जब हवाई यात्रा के बढ़ते महत्व और सुरक्षा को सुनिश्चित करने की आवश्यकता महसूस की गई। यह दिवस और इससे जुड़ा सप्ताह यात्रियों, एयरलाइंस, सुरक्षा एजेंसियों और हवाई अड्डे के कर्मचारियों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इस दौरान विमानन विभाग सुरक्षा अभ्यास, जागरूकता अभियान और तकनीकी प्रशिक्षण आयोजित करता है। यात्रियों को सुरक्षा नियमों, सामान जांच और आपातकालीन प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी जाती है। इसका उद्देश्य हवाई यात्रा को और सुरक्षित, भरोसेमंद और सुचारु बनाना है।