

हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जो की इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं। 13 नवंबर के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं और इन घटनाओं से यह समझने में मदद मिलती है कि एक निर्णय या घटना कैसे समय के साथ-साथ बड़े बदलाव लेकर आते हैं। आइए जानते हैं 13 नवंबर (History Of 13th November) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
निवेदिता विद्यालय का उद्घाटन
1898 में काली पूजा (Kali Puja) के अवसर पर पूज्य माता श्री शारदा देवी (Shri Sharda Devi) ने भगिनी निवेदिता द्वारा स्थापित विद्यालय का उद्घाटन किया। यह विद्यालय विशेष रूप से बालिकाओं की शिक्षा हेतु समर्पित था, जिसने भारतीय समाज में नारी शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान की।
जुल्फिकार अली भुट्टो की गिरफ्तारी
1968 में पाकिस्तान में राजनीतिक असंतोष बढ़ने के बीच पूर्व विदेश मंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को गिरफ्तार (Arrest of Zulfikar Ali Bhutto) किया गया। उनकी गिरफ्तारी ने देशभर में विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया और यह घटना पाकिस्तान में आने वाले राजनीतिक परिवर्तनों तथा भुट्टो के उभार का महत्वपूर्ण कारण बनी।
एशिया चेचक मुक्त घोषित
1975 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एशिया को चेचक मुक्त (Smallpox-free Asia) घोषित किया। यह घोषणा वर्षों के व्यापक टीकाकरण अभियान और स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयासों का परिणाम थी। चेचक उन्मूलन मानव इतिहास की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सफलताओं में से एक मानी जाती है।
कोलंबिया ज्वालामुखी आपदा
1985 में पूर्वी कोलंबिया के नेवादो डेल रुइज़ ज्वालामुखी के विस्फोट (Colombia Volcano Disaster) से भयंकर तबाही मची। लावा और मलबे की बाढ़ ने आर्मेरो शहर को नष्ट कर दिया, जिससे लगभग 23,000 लोग मारे गए। यह आपदा लैटिन अमेरिका की सबसे घातक प्राकृतिक त्रासदियों में से एक बनी।
दक्षेस का 13वां शिखर सम्मेलन
2005 में दक्षेस का 13वां शिखर सम्मेलन (13th SAARC Summit) सम्पन्न हुआ, जिसमें आतंकवाद के उन्मूलन और दक्षिण एशिया की आर्थिक प्रगति हेतु क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के भारत के प्रस्ताव पर सहमति बनी। इस सम्मेलन में दक्षेस का 14वां शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
पाकिस्तान को चेतावनी
2007 में कॉमनवेल्थ (Commonwealth) ने पाकिस्तान को देश में आपातकाल हटाने के लिए 10 दिनों की समयसीमा दी।
भारतीय फिल्म को सम्मान
इसी वर्ष ऑस्ट्रेलिया में आयोजित एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवार्ड्स में भारतीय फिल्म “गांधी माई फादर” ("Gandhi My Father") को सर्वश्रेष्ठ पटकथा का पुरस्कार मिला, जिससे भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।
जूही चावला का जन्म
1968 में प्रसिद्ध हिंदी फिल्म अभिनेत्री जूही चावला का जन्म (Juhi Chawla's Birthday) हुआ। उन्होंने 1984 में मिस इंडिया का खिताब जीता और बाद में कयामत से कयामत तक, हम है राही प्यार के जैसी फिल्मों से लोकप्रियता हासिल की। जूही अपनी अभिनय प्रतिभा और सौम्य छवि के लिए जानी जाती हैं।
मीनाक्षी शेषाद्रि का जन्म
1967 में प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्रि (Meenakshi Seshadri Birthday) का जन्म हुआ। उन्होंने 1981 में मिस इंडिया का खिताब जीता और हीरो, घायल, दमिनी जैसी सफल फिल्मों में उत्कृष्ट अभिनय किया। मीनाक्षी अपनी सुंदरता, नृत्य कौशल और प्रभावशाली अभिनय के लिए हिंदी सिनेमा की प्रमुख अभिनेत्रियों में गिनी जाती हैं।
गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म
1917 में प्रसिद्ध प्रगतिशील कवि गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म (Gajanan Madhav Muktibodh Birthday) हुआ। वे हिंदी साहित्य में नई कविता आंदोलन के प्रमुख स्तंभ थे। उनकी कविताओं में सामाजिक अन्याय, बौद्धिक संघर्ष और मानवता के प्रति गहरी संवेदना झलकती है। अंधेरे में उनकी सर्वाधिक चर्चित रचना है।
डी. वी. एस. राजू का निधन
2010 में प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्माता डी. वी. एस. राजू का निधन (D. V. S. Raju Death) हुआ। उन्होंने तेलुगु फिल्म उद्योग में अनेक सफल फिल्मों का निर्माण किया और भारतीय सिनेमा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे भारतीय फिल्म निर्माता संघ के अध्यक्ष भी रहे और उद्योग के प्रोत्साहन में सक्रिय रहे।
गुलाम याज़दानी का निधन
1962 में प्रसिद्ध भारतीय पुरातत्त्व वैज्ञानिक गुलाम याज़दानी का निधन (Ghulam Yazdani Death) हुआ। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग में कार्य करते हुए कई ऐतिहासिक स्थलों की खोज और संरक्षण किया। विशेष रूप से बीदर और गोलकुंडा किलों के पुनरुद्धार में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। वे भारत की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षक माने जाते हैं।
भगवानदास का निधन
1589 में लाहौर में आमेर के राजकुमार और सम्राट अकबर के दरबारी राजा भगवानदास का निधन (Raja Bhagwandas Death) हुआ। वे मुगल दरबार में एक प्रतिष्ठित हिंदू सरदार थे और अकबर के धार्मिक सहिष्णुता के सिद्धांतों के समर्थक थे। भगवानदास अपनी निष्ठा, कूटनीति और पराक्रम के लिए प्रसिद्ध थे।