

Summary
फोनोग्राफ के आविष्कार, चीन में अफीम प्रतिबंध और भारत के पहले रॉकेट प्रक्षेपण जैसी घटनाओं ने विज्ञान, राजनीति और समाज में बड़े परिवर्तन लाए।
नवीन मलिक, वी. संमुगनाथन, हेलेन जैसे जन्मदिन और गुरमीत बावा तथा सी. वी. रामन जैसी हस्तियों के निधन को इतिहास याद रखता है।
यह दिन दूरदर्शन की शिक्षा, सूचना, जनजागरण और वैश्विक संचार में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।
हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जो की इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं। 21 नवंबर के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं और इन घटनाओं से यह समझने में मदद मिलती है कि एक निर्णय या घटना कैसे समय के साथ-साथ बड़े बदलाव लेकर आते हैं। आइए जानते हैं 21 नवंबर (History Of 21th November) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
एडिसन ने दुनिया को दिया फोनोग्राफ
1877 में महान वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन (Thomas Alva Edison) ने पहली बार सार्वजनिक रूप से फोनोग्राफ (Phonograph) प्रस्तुत किया। यह एक ऐसा यंत्र था जो आवाज को रिकॉर्ड कर पुनः सुनाने में सक्षम था। इस आविष्कार ने ध्वनि रिकॉर्डिंग की दुनिया में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया और आगे चलकर रेडियो, संगीत उद्योग तथा संचार तकनीक में नई दिशा दी।
चीन में अफीम व्यापार पर प्रतिबंध
1906 में चीन सरकार ने अफीम के अवैध (Ban on the Opium trade in China) और हानिकारक व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। उस समय बड़ी संख्या में लोग नशे की गिरफ्त में थे, जिससे समाज, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा था। इस प्रतिबंध को देश को नशे के जाल से बाहर निकालने की बड़ी पहल माना गया।
प्रिंस ऑफ वेल्स की मुंबई यात्रा पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल
1921 में प्रिंस ऑफ वेल्स (Prince of Wales) (बाद में सम्राट एडवर्ड VIII) के मुंबई आगमन पर कांग्रेस ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया। इसका उद्देश्य अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जन असंतोष प्रदर्शित करना था। देशभर में दुकानें बंद रहीं, सभाएं हुईं और इस आंदोलन ने स्वतंत्रता संघर्ष में बड़ी नव ऊर्जा भरी।
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की ऐतिहासिक शुरुआत
1963 में केरल के थुंबा प्रक्षेपण केंद्र (Thumba Launching Station, Kerala) से भारत का पहला रॉकेट "नाइक-अपाचे" (Rocket "Nike-Apache") प्रक्षेपित किया गया। इसे भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत माना जाता है। उस समय उपकरण साइकिल और बैलगाड़ी से ले जाए गए, लेकिन आगे चलकर इसरो ने विश्वस्तरीय उपलब्धियाँ हासिल कीं।
मक्का की काबा मस्जिद पर उग्रवादी कब्जा
1979 में मक्का स्थित काबा मस्जिद (Jama Masjid) पर सशस्त्र इस्लामी उग्रवादियों (Islamic militants) ने कब्जा कर लिया। यह घटना मुस्लिम दुनिया को हिला देने वाली थी, क्योंकि यह इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल पर हमला था। सऊदी बलों ने कई दिनों की कार्रवाई के बाद मस्जिद को मुक्त कराया और स्थिति पर नियंत्रण पाया।
अफगानिस्तान में अंतरिम प्रशासन का प्रस्ताव
2001 में संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान में स्थिर शासन स्थापित करने के लिए अंतरिम प्रशासन (Intrim Government In Afghanistan) का प्रस्ताव रखा। तालिबान सत्ता से हट चुके थे और देश में राजनीतिक अस्थिरता थी। इस प्रस्ताव का उद्देश्य शासन व्यवस्था को स्थिर करना, सुरक्षा बहाल करना और लोकतांत्रिक संरचना की नींव रखना था।
नाटो ने सात देशों को सदस्यता का निमंत्रण दिया
2002 में नाटो ने बुल्गारिया, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया को संगठन में शामिल होने का निमंत्रण दिया। यह पूर्व सोवियत प्रभाव वाले देशों के लिए पश्चिमी सामरिक सुरक्षा ढांचे में जुड़ने का बड़ा अवसर था। इस विस्तार ने यूरोपीय सुरक्षा संतुलन में नया अध्याय जोड़ा।
इंदिरा नूई को USIBC बोर्ड में शामिल किया गया
2007 में पेप्सिको की सीईओ इंदिरा नूई को यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के निदेशक मंडल में शामिल किया गया। यह भारतीय मूल की महिला के लिए वैश्विक कॉरपोरेट जगत में बड़ी उपलब्धि मानी गई। इससे भारत-अमेरिका कारोबारी संबंधों में नई मजबूती और शेयर्ड नेतृत्व का संदेश गया।
नवीन मलिक: भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान
नवीन मलिक (Naveen Malik) भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान हैं जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया। वे अपनी तकनीकी पकड़, ताकत और प्रतियोगी प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। उनके करियर ने युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया और भारतीय कुश्ती को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से स्थापित करने में योगदान दिया।
वी. संमुगनाथन: तीन राज्यों के राज्यपाल
वी. संमुगनाथन (V. Sanmuganathan) एक अनुभवी भारतीय प्रशासक और राजनीतिक व्यक्तित्व थे जिन्होंने मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के राज्यपाल के रूप में सेवा की। वे शांत प्रशासनिक शैली, विकास कार्यों और कानून-सुव्यवस्था को मजबूत करने के लिए जाने गए। उनके नेतृत्व ने उत्तर-पूर्व में प्रशासनिक स्थिरता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हेलेन: हिन्दी सिनेमा की कैबरे क्वीन
हेलेन (Helen) हिन्दी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना हैं जिन्हें बॉलीवुड में कैबरे डांस की पहचान दिलाने का श्रेय जाता है। उन्होंने सैकड़ों फिल्मों में अभिनय और नृत्य प्रस्तुतियाँ दीं। उनका स्टाइल, स्क्रीन प्रेज़ेंस और अनोखी शख्सियत ने उन्हें हिंदी सिनेमा की सबसे विशिष्ट कलाकारों में स्थान दिलाया।
नरेशचंद्र सिंह: मध्य प्रदेश के छठे मुख्यमंत्री
नरेशचंद्र सिंह (Naresh Chandra Singh) मध्य प्रदेश के छठे मुख्यमंत्री थे और राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण प्रभाव रखते थे। उन्होंने प्रशासनिक सुधार, ग्रामीण विकास और नागरिक सुविधाओं पर काम किया। उनका कार्यकाल प्रदेश में राजनीतिक संतुलन और सामाजिक सहयोग बढ़ाने के प्रयासों के लिए जाना जाता है।
गुरमीत बावा: पंजाबी लोक संगीत की स्वर कोकिला
गुरमीत बावा (Gurmeet Bawa) प्रसिद्ध पंजाबी लोक गायिका थीं जिन्हें ‘ढ़ीली आवाज़’ शैली की गायकी के लिए जाना जाता था। उनके गीतों में पंजाब की संस्कृति, लोककथाएँ और भावनाएँ झलकती थीं। उन्होंने दशकों तक मंचों, कार्यक्रमों और रिकॉर्डिंग के माध्यम से पंजाबी लोक संगीत को नई पहचान और सम्मान दिलाया।
सी. वी. रामन: नोबेल विजेता भारतीय वैज्ञानिक
चंद्रशेखर वेंकट रामन (Chandrashekhar Venkata Raman) भारत के विश्वप्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी थे, जिन्हें प्रकाश के प्रकीर्णन पर किए गए शोध के लिए 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला। उनके खोज ‘रामन प्रभाव’ ने आधुनिक भौतिकी को नई दिशा दी। वे विज्ञान को भारतीय समाज में लोकप्रिय बनाने और शोध संस्कृति विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध रहे।
सत्येंद्रनाथ बोस
सत्येंद्रनाथ बोस बंगाल के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई। वे कई गुप्त गतिविधियों और संगठनात्मक प्रयासों से जुड़े रहे, जिनका उद्देश्य ब्रिटिश शासन को चुनौती देना था। उनका साहस, त्याग और राष्ट्रभक्ति भारतीय क्रांति के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
विश्व दूरदर्शन दिवस
विश्व दूरदर्शन दिवस (World Television Day) हर वर्ष 21 नवंबर को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1996 में इस दिन को मान्यता दी, ताकि जनजीवन, शिक्षा, जानकारी और वैश्विक संवाद में दूरदर्शन के योगदान को सम्मान दिया जा सके। दूरदर्शन ने समाज को जोड़ने, समाचार व जानकारी पहुंचाने और जनमत निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मनोरंजन से लेकर जागरूकता तक, टीवी ने तकनीक और संचार के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए। आज डिजिटल मीडिया के युग में भी दूरदर्शन अपनी व्यापक पहुँच, विश्वसनीयता और प्रभाव के कारण महत्वपूर्ण माध्यम बना हुआ है। यह दिन इसकी सकारात्मक भूमिका और जिम्मेदारी की याद दिलाता है।