7 दिसंबर का इतिहास: कश्मीर में हिंसा से लेकर सशस्त्र सेना झंडा दिवस तक जानें क्या है ख़ास!

हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जो की इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं।
7 दिसंबर (History Of 7th December) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं को चित्रों के माध्यम से दिखाया गया है
7 दिसंबर के दिन इतिहास (History Of 7th December) के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं Sora Ai
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Summary
  • कोपेनहेगन जलवायु सम्मेलन (2009), अफगानिस्तान में हामिद करज़ई का राष्ट्रपति बनना (2004) और जर्मनी–पोलैंड संबंध सामान्य होना (1970) इस दिन के प्रमुख राजनीतिक घटनाक्रम रहे।

  • हरियाणा में चन्द्रमोहन की बर्खास्तगी (2008) और रमन सिंह का मुख्यमंत्री बनना (2003) राज्य स्तर पर बड़े राजनीतिक बदलाव थे।

  • अर्मेनिया का विनाशकारी भूकंप (1988) भारी जनहानि लेकर आया, जबकि अपोलो 17 (1972) नासा का अंतिम मानवयुक्त चंद्र मिशन बना।

हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जो की इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं। 7 दिसंबर के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं और इन घटनाओं से यह समझने में मदद मिलती है कि एक निर्णय या घटना कैसे समय के साथ-साथ बड़े बदलाव लेकर आते हैं। आइए जानते हैं 7 दिसंबर (History Of 7th December) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।


7 दिसंबर की खास घटनाएं

कोपेनहेगन जलवायु शिखर सम्मेलन

2009 में डेनमार्क के कोपेनहेगन में वैश्विक जलवायु परिवर्तन पर महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन शुरू हुआ। इस सम्मेलन में दुनिया भर के देशों ने कार्बन उत्सर्जन घटाने, जलवायु अनुकूलन, और पर्यावरण संरक्षण की नीतियों पर व्यापक चर्चा की। यह सम्मेलन भविष्य की जलवायु रणनीतियों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना गया।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चन्द्रमोहन को पद से हटाया

2008 में हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री चन्द्रमोहन को पद से बर्खास्त किया। यह निर्णय राजनीतिक विवादों और प्रशासनिक मतभेदों के चलते लिया गया। मामला लंबे समय तक राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय बना और सत्ता समीकरणों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ा।

हामिद करजई राष्ट्रपति बने

2004 में हामिद करजई ने अफगानिस्तान के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। तालिबान शासन के बाद यह देश के लिए लोकतांत्रिक स्थिरता की बड़ी शुरुआत मानी गई। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसे अफगान भविष्य के लिए सकारात्मक कदम के रूप में देखा।

रमन सिंह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री

2003 में भारतीय जनता पार्टी के नेता रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके नेतृत्व में राज्य में कृषि, स्वास्थ्य और सुरक्षा मामलों से जुड़े कई सुधार शुरू किए गए। उनका कार्यकाल राज्य की राजनीति में स्थिरता और विकास के दौर के रूप में माना जाता है।

कश्मीर में हिंसा, 14 लोगों की मौत

2002 में कश्मीर में अलगाववादी हिंसा की गंभीर घटना में आठ उग्रवादियों सहित 14 लोग मारे गए। यह संघर्ष क्षेत्र की स्थिति को और तनावपूर्ण बना गया। सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ के बाद हालात पर नियंत्रण किया गया, परंतु घटना ने प्रदेश की शांति को झकझोर दिया।

साउथ एशिया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

1995 में दक्षिण एशियाई वरीयता व्यापार समझौता (साप्टा) लागू हुआ। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना और सीमा शुल्क में रियायतें प्रदान करना था। यह समझौता दक्षिण एशिया में आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय एकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

अर्मेनिया भूकंप

1988 में अर्मेनिया में 6.9 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई। लगभग 25,000 लोग मारे गए और लाखों बेघर हुए। इस प्राकृतिक आपदा ने देश के बुनियादी ढांचे को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया और इसे 20वीं सदी की बड़ी त्रासदियों में गिना जाता है।

अपोलो 17 का प्रक्षेपण

1972 में अमेरिका ने चंद्रमा अभियान के तहत अपोलो 17 का प्रक्षेपण किया। यह नासा का अंतिम मानवयुक्त चंद्र मिशन था, जिसमें वैज्ञानिक खोजों और चंद्र सतह के सैंपल एकत्र किए गए। इस मिशन ने चांद संबंधी मानव अध्ययन का नया अध्याय पूरा किया।

जर्मनी–पोलैंड संबंध सामान्य

1970 में पश्चिम जर्मनी और पोलैंड के बीच संबंध सामान्य करने का ऐतिहासिक समझौता हुआ। यह पूर्वी यूरोप में स्थिरता और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद तनाव कम करने की दिशा में अहम कदम था। इस समझौते ने यूरोपीय कूटनीति में नई शुरुआत का संकेत दिया।

रोमानिया सरकार का गठन

1944 में जनरल निकोले रादेस्कू ने रोमानिया में नई सरकार का गठन किया। यह समय यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम चरणों का था, जब कई देशों में राजनीतिक परिवर्तन तेजी से हो रहे थे। नई सरकार ने युद्धोत्तर स्थिरता स्थापित करने के प्रयास शुरू किए।

हिंदू विधवा विवाह

1856 में भारत में पहली बार आधिकारिक रूप से एक हिंदू विधवा का विवाह कराया गया। यह सुधार सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था। इस बदलाव ने महिला अधिकारों और सामाजिक समानता के संघर्ष को नई गति दी।

7 दिसंबर को जन्मे लोग

अर्जुन राम मेघवाल का जन्मदिन

1954 में जन्मे अर्जुन राम मेघवाल भारतीय राजनीति के प्रमुख नेताओं में से हैं। वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं और कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाल चुके हैं। प्रशासन, नीति निर्माण और संसदीय कार्यों में उनकी सक्रिय भूमिका उन्हें देश के प्रभावशाली जनप्रतिनिधियों में शामिल करती है।

मारियो सोरेस का जन्मदिन

1924 में जन्मे मारियो सोरेस पुर्तगाल के अत्यंत सम्मानित नेता और लोकतंत्र के प्रमुख रक्षक माने जाते हैं। उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों पदों पर सेवा दी। उनकी नीतियों ने पुर्तगाल को यूरोपीय संघ से जोड़ने और देश के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करने में अहम योगदान दिया।

जतीन्द्रनाथ मुखर्जी का जन्मदिन

1879 में जन्मे जतीन्द्रनाथ मुखर्जी, जिन्हें बाघा जतिन भी कहा जाता है, भारत के महान क्रांतिकारियों में से हैं। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी देशभक्ति, रणनीति और बलिदान ने स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा और दिशा प्रदान की।

7 दिसंबर को इन महान हस्तियों का निधन हुआ


स्वयं प्रकाश का निधन

2019 में निधन हुए स्वयं प्रकाश हिंदी साहित्य के प्रमुख कथाकार थे। उनकी रचनाएँ सामाजिक सरोकारों, मानवीय संघर्षों और यथार्थपरक लेखन के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण कहानियाँ और उपन्यास लिखे, जिससे आधुनिक हिंदी कथा साहित्य को नई दिशा मिली और पाठकों पर गहरा प्रभाव पड़ा।

दीप नारायण सिंह का निधन

1977 में निधन हुए दीप नारायण सिंह बिहार के दूसरे मुख्यमंत्री थे। वे समाजवादी विचारधारा के समर्थक और ईमानदार राजनीतिक छवि वाले नेता माने जाते थे। अपने छोटे कार्यकाल के बावजूद उन्होंने प्रशासनिक सुधारों और सामाजिक Uplift के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए, जो आज भी याद किए जाते हैं।

7 दिसंबर के ख़ास दिन

सशस्त्र सेना झंडा दिवस

सशस्त्र सेना झंडा दिवस हर वर्ष 7 दिसंबर को भारत में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य देश की सेना थल, जल और वायु सेना के वीर जवानों, पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिवारों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है। 1949 से शुरू हुए इस दिवस का मुख्य लक्ष्य सैनिक कल्याण हेतु धन संग्रह करना है, जिससे घायल सैनिकों, वीर नारियों और पूर्व सैनिकों के परिवारों को सहायता प्रदान की जाती है। इस दिन नागरिक छोटे-छोटे झंडे या स्टिकर खरीदकर योगदान देते हैं। यह दिवस हमें सुरक्षा प्रदान करने वाले सैनिकों के त्याग, समर्पण और देशभक्ति का सम्मान करने का अवसर देता है।

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