

26 सितंबर का दिन इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा है। यह न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व इतिहास के लिए भी एक यादगार दिन है। इस दिन महान समाज सुधारक, राजनैतिक शख्सियतों की जयंती हुई, अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाए जाते हैं और बड़े ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। 26 सितंबर हमें याद दिलाता है कि समय-समय पर घटने वाली घटनाएँ हमारे समाज, राजनीति, संस्कृति और विश्व व्यवस्था को प्रभावित करती हैं। इस दिन की घटनाएँ हमें यह समझने में मदद करती हैं कि अतीत कैसे वर्तमान में पिरोया गया है। आइए जानते हैं 26th सितंबर (History Of 26th September) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
26 सितंबर 1820 को बंगाल में विद्यासागर का जन्म हुआ (Birth Anniversary of Ishwar Chandra Vidyasagar)। वे एक महान समाज सुधारक, शिक्षा प्रेमी और साहित्यकार थे। उन्होंने विडंबनाओं और रूढ़िवाद के विरुद्ध आवाज उठाई। विशेष रूप से उन्होंने विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया और महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा दिया। उन्होंने ऐसी भाषा और शैक्षिक सामग्री तैयार की, जो आम जनता तक पहुंच सके। उनके कार्यों ने भारत के सामाजिक तंत्र को बदलने में योगदान दिया। उनकी जयंती पर उन्हें याद किया जाता है कि कैसे एक व्यक्ति समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
26 सितंबर 1923 को देव आनंद का जन्म हुआ (Dev Anand's date of birth)। वे एक प्रमुख बॉलीवुड अभिनेता, निर्माता और निर्देशक थे। उनकी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा को नए आयाम दिए। उनकी अदाकारी शैली, मुस्कान और व्यक्तित्व उन्हें दर्शकों का प्रिय बना दिया। उन्होंने “गाइड”, “जाली ही सही”, “सत्यम शिवम सुंदरम” जैसी यादगार फिल्मों में काम किया। भारतीय सिनेमा का सुनहरा दौर उनसे जुड़ा है। हर साल उनकी जयंती पर फिल्म प्रेमी उन्हें याद करते हैं और उनकी फिल्मों को दोबारा देखते हैं।
26 सितंबर 1932 को मनमोहन सिंह का जन्म (Birth of Manmohan Singh) हुआ। वे भारत के 13वें प्रधानमंत्री बने और आर्थिक सुधारों में उनकी भूमिका अहम मानी जाती है। उनके कार्यकाल (2004–2014) में भारत ने कई आर्थिक नीतियाँ अपनाईं, जैसे बैंकिंग सुधार, विदेशी निवेश बढ़ाना और सार्वजनिक वितरण प्रणालियों में सुधार। वे एक आर्थिक विद्वान भी हैं। उनकी सादगी, आत्मसंयम और नीति निर्माण के दृष्टिकोण के कारण उन्हें सम्मान मिला। इस दिन उनकी जयंती मनाना उस भूमिका की याद दिलाता है जो उन्होंने भारत की प्रगति में निभाई।
26 सितंबर 1960 को संयुक्त राज्य अमेरिका में पहली बार टेलीवाइज्ड राष्ट्रपति बहस (Televised presidential debates) हुई। जनरल जनता ने टीवी के माध्यम से उम्मीदवार जॉन एफ. कैनेडी (John F. Kennedy) और रिचर्ड निक्सन (Richard Nixon) को देखा। इस बहस ने राजनीति में एक नया परिवर्तन किया अब टीवी छवि, वक्ता कौशल और प्रभाव महत्वपूर्ण हो गए। इस घटना ने यह दिखाया कि आधुनिक मीडिया का राजनीति पर कितना प्रभाव हो सकता है। इस बहस को राजनीतिक इतिहास में एक मील का पत्थर माना जाता है।
26 सितंबर 1914 को अमेरिका में Federal Trade Commission (FTC) की स्थापना हुई। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं की सुरक्षा करना और व्यापारिक प्रदर्शनों की निगरानी करना था। अमेरिका ने इस नियामकीय संस्था की मदद से व्यापारिक सौदों में धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं से निपटना शुरू किया। FTC आज भी उपभोक्ता अधिकार सुरक्षा और प्रतिस्पर्धा कानून लागू करने में महत्वपूर्ण संस्था है। इस घटना ने यह दिखाया कि एक राष्ट्र कैसे कानूनों के माध्यम से आर्थिक व्यवस्था को नियंत्रित और संतुलित कर सकता है।
26 सितंबर 1917 को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बेल्जियम में Polygon Wood की लड़ाई शुरू (Battle of Polygon Wood) हुई। यह लड़ाई मेनिन रोड ऑफेंसिव के बाद शुरू हुई और महत्वपूर्ण मोर्चा था। ब्रिटिश और डोमिनियन (ऑस्ट्रेलियाई/न्यूज़ीलैंड) सैनिकों ने जर्मन सेना से संघर्ष किया। इस संघर्ष में भारी जनहानि हुई लेकिन रणनीतिक दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण था क्योंकि इससे मोर्चे की स्थिति पर असर पड़ा। इस तरह की लड़ाइयाँ यह दिखाती हैं कि युद्ध में मिली-झुली परिस्थितियाँ और मानवीय बलिदान किस तरह युद्ध की दिशा बदल सकते हैं।
26 सितंबर 1959 को जापान में शक्तिशाली तूफान Typhoon Vera आया, जिसे जापान के इतिहास के सबसे भयंकर तूफानों में से एक माना जाता है। इस तूफान ने भारी विनाश किया — हजारों लोग मारे गए, लाखों बेघर हुए और भारी आर्थिक क्षति हुई। बाढ़, भूस्खलन और तूफानी हवाओं ने पूर्वी जापान को तबाह कर दिया। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रकृति की शक्ति कितनी विनाशक हो सकती है और साथ ही विपद् प्रबंधन, मौसम पूर्वानुमान और बचाव प्रणालियों का महत्व उभरा।
संयुक्त राष्ट्र ने 26 सितंबर को परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन का अंतर्राष्ट्रीय दिवस घोषित किया (International Day for the Total Elimination of Nuclear Weapons) है। इस दिवस का उद्देश्य विश्व को यह याद दिलाना है कि हथियारों की होड़ मानवता के लिए किस तरह की खतरा बना सकती है। इस दिन पर विभिन्न देशों में जागरूकता कार्यक्रम होते हैं, और परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में कदम उठाने की प्रेरणा दी जाती है। यह दिवस यह संदेश देता है कि समस्त मानवता की सुरक्षा व शांति हेतु परमाणु हथियारों को समाप्त किया जाना चाहिए।