भारत ने सुरक्षा संबंधी क्षेत्रों में चीनी कंपनियों के खिलाफ छेड़ी मुहिम

पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ।(Wikimedia Commons )
पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ।(Wikimedia Commons )

चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद भारत ने अब सुरक्षा से संबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करने की कोशिश कर रही चीनी कंपनियों के खिलाफ एक आक्रामक अभियान शुरू किया है। सिक्योरिटी मीटिंग की एक कैबिनेट समिति में सरकार ने बुधवार को दूरसंचार क्षेत्र पर राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश को मंजूरी दी।एक सुरक्षित राष्ट्रीय नेटवर्क बनाने के उद्देश्यों के साथ टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा भविष्य में 5-जी नेटवर्क में चीनी उपकरणों के उपयोग को प्रतिबंधित किया जाएगा।

भविष्य में 5-जी नेटवर्क में चीनी उपकरणों के उपयोग को प्रतिबंधित किया जाएगा। (Pixabay)

एक अन्य कदम में चीनी निवेश कंपनी मोटर सिच जांच के दायरे में आ गई है, क्योंकि रूसी एरोस्पेस प्राधिकरण और रूस सरकार ने आईएएफ हेलीकाप्टरों के ओवरहालिंग इंजनों के लिए एल-1 के रूप में चुने जाने के लिए मोटर सिच पर आपत्ति जताई है। चीनी निवेशकों ने मोटर सिच का अधिग्रहण लगभग पूरा कर लिया है। सितंबर 2020 में चीन ने चीन-यूक्रेन निवेश संधि 1992 के तहत एक नोटिस दायर किया था, जो मोटर सिच में निवेश के अवैध निष्कासन पर मध्यस्थता कार्यवाही की मांग करता है।

चीनी कंपनियों का प्रवेश गंभीर विषय

विकिपीडिया में यूक्रेनी और अंग्रेजी दोनों में आज भी जेएससी मोटर सिच को एक संयुक्त स्टॉक कंपनी के तौर पर दर्शाया गया है। इसमें इसे यूक्रेन एवं बीजिंग स्काईरिजोन एविएशन इंडस्ट्री इन्वेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड के साथ मूल संगठन बताया गया है। जनवरी 2018 में चीन के चोंगकिंग शहर में बड़े पैमाने पर 4-जी इंजन का उत्पादन मोटर सिच-स्काईरिजोन संयंत्र का उद्घाटन किया गया।

सूत्रों का कहना है कि चीनी कंपनियों द्वारा भारतीय रक्षा उद्योग में प्रवेश करने की कोशिश के मुद्दे को बहुत गंभीर रूप से देखा जा रहा है। सरकार दूरसंचार और रक्षा क्षेत्रों में भविष्य के सभी सौदों के लिए विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं की सूची हासिल करने की प्रक्रिया में है। (आईएएनएस)

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