भारत ने शनिवार को पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद के लिए लताड़ते हुए चेतावनी दी कि वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कार्रवाई करेगा। विश्व स्तर पर प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा 19 नवंबर को किए गए आतंकवादी हमले की प्रतिक्रिया में, सरकार ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब किया और नई दिल्ली में अपना संदेश दिया।
आतंकी हमले पर कड़ा विरोध जताते हुए, जिसे मुस्तैद भारतीय सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया था, विदेश मंत्रालय ने मांग की कि पाकिस्तान को अपने क्षेत्र से सक्रिय आतंकवादियों और आतंकी समूहों का समर्थन करने की अपनी नीति से दूर रहना चाहिए और आतंकवादियों द्वारा संचालित आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को खत्म करना चाहिए।
मंत्रालय ने भारत की लंबे समय से चली आ रही मांग को दोहराया कि पाकिस्तान को अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों और द्विपक्षीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करना चाहिए और भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी तरह से नहीं किया जाना चाहिए।विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में सरकार ने कहा, "आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए हम दृढ़ सं कल्पित हैं।"
19 नवंबर को जम्मू एवं कश्मीर के नगरोटा में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा एक बड़े आतंकी हमले को नाकाम कर दिया गया था। प्रारंभिक र्पिोटों में हमलावरों के पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का सदस्य होने का संकेत मिलता है। यह संयुक्त राष्ट्र और कई देशों की ओर से घोषित आतंकवादी संगठन है।
पाकिस्तान हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री के साथ आतंकियों के माध्यम से जम्मू एवं कश्मीर में शांति और सुरक्षा को अस्थिर करने के लिए एक बड़े हमले की योजना बना रहा है। वह विशेष रूप से स्थानीय जिला विकास परिषद चुनाव के लिए चल रही लोकतांत्रिक प्रणाली को पटरी से उतारने की कोशिश में है।सरकार ने भारत के खिलाफ जेईएम की ओर से लगातार आतंकी हमलों पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की है।जेईएम इससे पहले भी भारत में हुए कई हमलों में शामिल रहा है, जिसमें फरवरी 2019 में हुआ पुलवामा हमला भी शामिल है। (आईएएनएस)