
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी (National Disaster Management Agency) (बीएनपीबी) के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने बताया कि मंगलवार शाम तक इस दुर्घटना में 90 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिनमें से तीन की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि 26 लोगों का अभी अस्पताल में इलाज जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और मलबे में लोगों को निकालने के लिए अलग-अलग एजेंसियों के सैकड़ों बचावकर्मियों को घटनास्थल पर तैनात किया गया है। हालांकि, रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। सभी बचावकर्मी हाथ के इस्तेमाल से ही मलबे को हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
दरअसल, मलबे के नीचे कई लोग दबे हुए हैं। ऐसे में अगर भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया गया, तो संभव है कि मलबे में दबे लोगों को इससे नुकसान पहुंचे। वहीं मलबे में फंसे लोगों तक भोजन और पानी के साथ ही ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है।
घटना के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) में जुटे एक बचावकर्मी ने बताया कि ढही हुई इमारत के मलबे में दबे कुछ लोगों के जीवित होने की उम्मीद है। ऐसे में उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
इस बीच, बीएनपीबी निर्माण विशेषज्ञों के साथ मिलकर मलबा हटाने की योजना तैयार कर रहा है। इससे बाद में लोगों को बाहर निकालने में आसानी होगी और जरूरत पड़ने पर बाद के चरणों में भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
मलबे में फंसे स्कूली छात्रों में ज्यादातर बच्चे 12 से 17 साल के बीच के बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद नोटिस बोर्ड पर दी गई जानकारी के अनुसार करीब 65 छात्रों का कुछ पता नहीं चल पाया था। वहीं हादसे के बाद से छात्रों के परिजनों का बुरा हाल हो रहा है।
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