पेंटागन की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन (China) ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह भारत के साथ बीजिंग के संबंधों में हस्तक्षेप न करे। रिपोर्ट में कहा गया है कि लद्दाख की गलवान घाटी में 2020-2021 के गतिरोध के दौरान चीनी अधिकारियों ने संकट की गंभीरता को कम करने की कोशिश की और सीमा की स्थिरता बनाए रखने और गतिरोध को भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के अन्य क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाने से रोकने के बीजिंग के इरादे पर जोर दिया।
इसमें आगे कहा गया है कि चीन सीमा तनाव को लेकर भारत (India) को अमेरिका (America) के साथ अधिक निकटता से भागीदार बनाने से रोकना चाहता है।
साल 2021 के दौरान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सुरक्षा बलों की तैनाती और बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा।
वार्ता में मामूली प्रगति हुई, क्योंकि दोनों पक्ष सीमा पर लाभ खोने का विरोध करते हैं।
मई 2020 की शुरुआत में चीन और भारतीय सेना (Indian Army) को एलएसी (LAC) के साथ कई स्थानों पर कंटीले तारों में लिपटे चट्टानों, डंडों और क्लबों के साथ झड़पों का सामना करना पड़ा। पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि परिणामी गतिरोध ने विवादित सीमा के दोनों ओर बलों के निर्माण को गति दी।
प्रत्येक देश ने दूसरे की सेना को वापस लेने और पूर्व गतिरोध की स्थिति में लौटने की मांग की, लेकिन न तो चीन और न ही भारत उन शर्तो पर सहमत हुए।
चीन ने भारतीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर गतिरोध का आरोप लगाया, जिसे उसने चीनी क्षेत्र पर अतिक्रमण के रूप में माना, जबकि नई दिल्ली ने बीजिंग पर भारत के क्षेत्र में आक्रामक घुसपैठ शुरू करने का आरोप लगाया।
गतिरोध पिछले 46 वर्षो में दोनों देशों के बीच सबसे घातक संघर्ष का परिणाम था।
आईएएनएस/RS