जर्मनी (Germany) के एक पर्यावरण वकालत समूह ने कहा कि ऊर्जा संकट के कारण इस साल शहरों और निजी घरों में क्रिसमस की रोशनी की परंपरा को छोड़ देना चाहिए। एनवायरनमेंटल एक्शन जर्मनी (डीयूएच) के प्रबंध निदेशक जुएरगेन रेश ने सोमवार को स्थानीय मीडिया से कहा, "इस सर्दी में, शहरों के साथ-साथ घरों और अपार्टमेंटों में क्रिसमस रोशनी के बिना मनाना सुनिश्चित होना चाहिए।"
अकेले जर्मनी में निजी घरों में क्रिसमस (Christmas) की रोशनी में बिजली की इतनी खपत होती है, जितनी शहरों के 400,000 निवासी पूरे वर्ष में बिजली खर्च करते हैं।
रेश ने कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ऊर्जा की कमी के साथ-साथ जलवायु संरक्षण के कारणों के मद्देनजर, "हमें एक पल के लिए रुकना चाहिए और सोचना चाहिए।"
जर्मन सरकार ने आने वाली सर्दियों के दौरान ब्लैकआउट और गैस की कमी से बचने के लिए पहले से ही कई ऊर्जा-बचत उपायों को अपनाया है।
सार्वजनिक भवनों और कार्यस्थलों में अधिकतम कमरे के तापमान को कम कर दिया गया है, जबकि राजधानी बर्लिन में ब्रेंडेनबर्ग गेट जैसे स्मारक अब रोशन नहीं हैं।
फेडरल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (डेस्टैटिस) के अनुसार, ऊर्जा की आसमान छूती कीमतों से प्रेरित यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति अगस्त में 7.9 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।
(आईएएनएस/HS)