International News:- कई सारे ऐसे मुद्दे होते हैं जो दो देशों के बीच उनके अंतरराष्ट्रीय संबंध को कई प्रकार से बाधित करते हैं। ऐसा ही एक मुद्दा काफी समय से भारत और कनाडा के बीच भी देखने को मिल रहा है। पर अचानक कनाडा में विद्रोह प्रदर्शन और भारत के प्रति नारेबाज़ी तब शुरू हो गई जब खालिस्तान नेता प्रदीप सिंह नजर की हत्या हो गई। इस मामले की जांच करते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने भारत पर यह आरोप लगाया की इस हत्या के पिछे भारत का हाथ है। भारत और कनाडा के बीच विवाद चल ही रहा था की तभी ब्रिटेन बीच में कूद पड़ा और दोनों देशों को अपनी हिदायत देनी शुरू कर दी। चलिए आपको विस्तार से पूरी खबर बताते हैं।
ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवराली ने कहा की ब्रिटेन सरकार खालिस्तान नेता प्रतीक सिंह नजर हत्या मामले में कनाडा सरकार के संपर्क में है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स एक में विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने पोस्ट के जरिए कहा की हर देश को एक दूसरे की संप्रभुता और कानून का सम्मान करना चाहिए।
कनाडा संसद में भारत पर लगाए आरोपों को लेकर हम लगातार कनाडा की सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा की इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए और कनाडा सरकार को इस मामले को सीरियसली हैंडल कर इस मामले के दोषी को कटघरे में खड़ा करना चाहिए और इस घटना की बिना जांच और बिना जानकारी के किसी पर भी आरोप लगाना उचित नहीं है।
दरअसल खालिस्तान खालसा समुदाय के द्वारा बनाया गया एक गुट है, जिसके तहत वे लोग खाली स्थान एक अलग राष्ट्र की मांग करते हैं यह अच्छा भारत के विरोध में अपने प्रोटेस्ट नारेबाजी करते रहते हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रेशर बनाने के मोटर से इन लोगों ने ब्रिटेन कनाडा अमेरिका ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी अपनी संस्थाएं बनाकर जगह-जगह से भारत के खिलाफ और अपने डिमांड को पूरा करने के लिए कई प्रोटेस्ट किए हैं। कनाडा में सरकार द्वारा खालिस्तानियों को खूब सपोर्ट मिलता है क्योंकि एक अच्छा खासा खालिस्तान समुदाय कनाडा में रहते हैं।
अब जब खाली स्थानी नेता प्रदीप सिंह नजर की हत्या हुई तो कनाडा सरकार पूरी तरह हिल गई और उन्होंने भारत परिवार आरोप लगा दिया कि इस हत्या के पीछे भारत का हाथ हो सकता है और फिर क्या था आरोप लगाने के साथ ही साथ उन्होंने भारत के एक सचिव को अपने देश से निष्कासित कर दिया। कनाडा सरकार द्वारा इस स्टेप के विरोध में भारत ने भी एक कनाडा सचिव को निष्कासित कर दिया फिर क्या था दोनों देशों में विवाद शुरू हो गए। इसी विवाद पर ब्रिटेन के विदेश सचिव द्वारा दिए गए स्टेटमेंट में आज में घी डालने का काम किया है।