वर्ष 2022 चीनी ओपेरा महोत्सव 13 अगस्त को चीन के च्यांगसू प्रांत के खुनशान शहर में उद्घाटित होगा। इस महोत्सव की खुशी मनाने के लिये ऑनलाइन व ऑफलाइन तथा अन्य अतिरिक्त गतिविधियां अक्तूबर तक जारी रहेंगी। इस के दौरान लोग कालजयी पारंपरिक ओपेरा और उत्कृष्ट नयी सृजन ओपेरा से मजा ले सकेंगे। इस मौके पर हम चीन व भारत के ओपेरा में मुखड़े के रंगों की चर्चा करना चाहते हैं।
आप शायद यह जानते हैं कि भारत के प्रसिद्ध कथकली नृत्य में अभिनेताओं को चेहरे पर रंग डालना पड़ता है। मुखड़े के रंगों को आम तौर पर चरित्र प्रकार के अनुसार तैयार किया जाता है, जिसमें नायक पात्रों के चेहरे सफेद और हरे होते हैं। ललाट महिला पात्रों को पीले और हल्के लाल रंग में प्राइम किया जाता है, और फिर अंत में सफेद रंग में रंगा जाता है। शिकारी ज्यादातर काले रंग के होते हैं। खलनायक का चेहरा आमतौर पर नाक के चारों ओर लाल, आंखों के चारों ओर काला और अंत में नाक की नोक पर एक सफेद गेंद होती है।
इस के बराबर पेइचिंग ओपेरा में कलाकार अपने मुंह पर कई किस्मों के रंग लगाकर अलग-अलग आदमी के व्यक्तित्व, गुणवत्ता व जीवन का परिचय भी देती है। लाल रंग का मुखड़ा वफादार, काले रंग का मुखड़ा जोशीला व बुद्धिमान, जबकि नीला व हरे रंग का मुखड़ा जहां तहां फिरता बहादुर, पीले रंग व सफेद रंग का मुखड़ा निर्दय व्यक्तित्व तथा सोने व चांदी का रंग राक्षस व चुड़ैल का प्रतिनिधित्व करता है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
(आईएएनएस/AV)