
भारतीय सेना (Indian Army) के मुताबिक यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र (United Nation) के चैप्टर्स के तहत सेमी-अर्बन इलाके में संचालित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य ऐसे क्षेत्र में आतंकवाद-रोधी (Terrorism) अभियानों में दोनों सेनाओं की इंटरऑपरेबिलिटी, प्रशिक्षण, रणनीति और समन्वय कौशल को और अधिक निखारना है। दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मैत्री’ का यह 14वां संस्करण है। यह सैन्य अभ्यास 14 सितम्बर तक मेघालय (Meghalaya) के विदेशी प्रशिक्षण केंद्र, उमरोई में जारी रहेगा।
अभ्यास का हिस्सा बनने के लिए थाई सैन्य दल थाईलैंड से सीधे गुवाहाटी (Guwahati) हवाई अड्डे पर पहुंचा था। यहां भारतीय सेना ने रॉयल थाई आर्मी की टुकड़ी का भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर सैन्य बैंड की धुनों और पारंपरिक सम्मान गारद के साथ मित्र देश की सेना को औपचारिक स्वागत दिया गया।
गौरतलब है कि ‘मैत्री’ श्रृंखला का यह अभ्यास पहली बार 2006 में शुरू हुआ था। तब से यह हर वर्ष भारत और थाईलैंड (Thailand) में बारी-बारी से आयोजित किया जाता रहा है। इस बार लगभग पांच वर्षों के अंतराल के बाद अभ्यास का आयोजन भारत में हो रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस अभ्यास से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को नई गति मिलने की उम्मीद है। अभ्यास के दौरान दोनों सेनाएं संयुक्त गश्त, हथियारों के इस्तेमाल व आतंकियों द्वारा बंधक बनाए गए व्यक्तियों को छुड़ाने के अभ्यास पर फोकस कर रही हैं।
आने वाले दिनों में दोनों देशों की सेनाओं द्वारा आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन के विभिन्न अन्य परिदृश्यों का भी अभ्यास किया जाएगा। इसके अलावा, सैनिकों को एक-दूसरे की संस्कृति, परंपरा और सैन्य जीवन शैली से रूबरू होने का अवसर भी मिलेगा। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह अभ्यास न केवल दोनों सेनाओं की परिचालन क्षमता को सुदृढ़ कर रहा है, बल्कि भारत-थाईलैंड (India-Thailand) मैत्री, विश्वास और रणनीतिक साझेदारी को भी नई ऊंचाई देने का काम कर रहा है।
गौरतलब है कि ‘मैत्री-2025’ से जुड़े कार्यक्रमों में संयुक्त प्रशिक्षण, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और खेलकूद गतिविधियां भी शामिल हैं। गौरतलब है कि इससे पहले बीते सप्ताह ही भारतीय सेना के जवानों ने अरुणाचल प्रदेश में ‘युद्ध कौशल 3.0’ सैन्य अभ्यास व प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न किया है। सेना के मुताबिक भारतीय सेना ने युद्ध कौशल 3.0 में मल्टी डोमेन क्षमता ड्रोन सर्विलांस, रियल-टाइम टारगेट व लाइव अटैक का प्रदर्शन किया। अरुणाचल प्रदेश के कामेंग क्षेत्र में यह अभ्यास आयोजित किया गया था। इन अभियानों में ड्रोन निगरानी, रियल टाइम लक्ष्य निर्धारण, सटीक प्रहार, वायु-तटीय प्रभुत्व और समन्वित युद्धक रणनीतियों का सफल प्रदर्शन शामिल रहा। (BA)