सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में कश्मीर के मुद्दे पर किये गये पाकिस्तान के हमले का करारा जवाब देते हुए भारत ने कहा कि उसे 'ऑपरेशन सर्चलाइट' (Operation Searchlight) के तहत बंगलादेश में किये गये जनसंहार को याद करना चाहिए।
इस माह सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष अल्बानिया है। उसने 'अंतर्राष्ट्रीय कानून के गंभीर उल्लंघन के मामलों में जवाबदेही और न्याय' विषय पर गुरुवार को परिचर्चा का आयोजन किया।
इस परिचर्चा में पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा (Kashmir Issue) उठाया। पाकिस्तान के कार्यवाहक स्थाई प्रतिनिधि आमिर खान ने भारत पर आरोप लगाया कि वह कश्मीर के जनसांख्यिकी के आंकड़े को बदलने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा छीनने के बाद वहां की बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी को हिंदू बहुसंख्यक आबादी में बदलने की कोशिश कर रहा है।
इस पर भारतीय मिशन में काउंसलर काजल भट्ट (Kajal Bhatt) ने कहा, ''आज इस विषय पर चर्चा हो रही है कि किस तरह अंतर्राष्ट्रीय कानून के गंभीर उल्लंघन के प्रति जवाबदेही तय की जाये लेकिन पाकिस्तान अब भी एक टूटे रिकॉर्ड की तरह भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने में जुटा है।''
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यह याद रखना चाहिए कि उसने किस तरह तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान पर आतंक का कहर बरपाया था। किस तरह वहां हजारों लोगों का क्रूरतम तरीके से कत्ल किया गया और हजारों महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया।
काजल भट्ट ने कहा,'' पाकिस्तान ने 50 साल पहले बंगलादेश में जो जनसंहार किया, उसने उसे कभी माना तक नहीं, माफी मांगना और जवाबदेही लेना तो दूर की बात है।''
उन्होंने कहा कि Operation Searchlight के तहत पाकिस्तानी सेना ने निर्दोष महिलाओं, बच्चों, अकादमी क्षेत्र के लोगों तथा बुद्धिजीवियों को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया।
उन्होंने पाकिस्तान के प्रतिनिधि पर टिप्पणी करते हुए कहा कि खान इस बात का जीता जागता सबूत है कि किस तरह एक देश नस्लीय सफाई और जनसंहार करके भी लगातार जवाबदेही से बचता रहा है।
Kajal Bhatt ने कहा कि कश्मीर में जनसांख्यिकी में बदलाव की कोशिश बस पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी करते हैं। ये आतंकवादी जम्मू कश्मीर के अल्पसंख्यक समुदाय और उनकी विचारधारा को न मानने वाले अपने समुदाय के लोगों को निशाना बनाते रहे हैं।
पाकिस्तान बस इतना योगदान कर सकता है कि वह भारत और भारत के लोगों के खिलाफ आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे। भारत सीमापार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और सख्त कदम उठाना जारी रखेगा।
(आईएएनएस/PS)