यूनिसेफ (UNICEF) की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर के देशों में जातीयता, भाषा (language) और धर्म (Religion) के आधार पर बच्चों के खिलाफ नस्लवाद और भेदभाव होता है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने 'अधिकारों से वंचित: बच्चों पर भेदभाव का प्रभाव' शीर्षक वाली रिपोर्ट के हवाले से बताया कि 22 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में सीमांत जातीय, भाषा और धार्मिक समूहों के बच्चे पढ़ने में अपने साथियों से बहुत पीछे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, औसतन, सबसे अधिक सुविधा प्राप्त समूह के 7-14 आयु वर्ग के छात्रों में सबसे कम सुविधा प्राप्त समूह के छात्रों की तुलना में मूलभूत पठन कौशल होने की संभावना दोगुनी से अधिक है।
यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने शुक्रवार को कहा, "बचपन के दौरान बहिष्कार और भेदभाव पूरे जीवन को प्रभावित करता है।"
"इससे हम सभी को दुख होता है। हर बच्चे के अधिकारों की रक्षा करना, चाहे वह कोई भी हो, चाहे वह कहीं से भी आया हो, हर किसी के लिए एक अधिक शांतिपूर्ण, समृद्ध और न्यायपूर्ण दुनिया हो।"
रिपोर्ट विश्व बाल दिवस (World Children's Day) से पहले जारी की गई थी, जो हर साल 20 नवंबर को मनाया जाता है।
रसेल ने कहा, "विश्व बाल दिवस पर और हर दिन, प्रत्येक बच्चे को शामिल होने, संरक्षित और अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने का समान अवसर प्राप्त करने का अधिकार है।"
"हम सभी के पास हमारे देशों, हमारे समुदायों, हमारे स्कूलों, हमारे घरों और हमारे दिल में बच्चों के खिलाफ हो रहे भेदभाव से लड़ने की शक्ति है। बस हमें उस शक्ति का उपयोग करने की जरूरत है।"
आईएएनएस/RS